tag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post2452324821910174960..comments2023-12-02T15:15:35.792+05:30Comments on वटवृक्ष: सच क्षितिज का........रवीन्द्र प्रभातhttp://www.blogger.com/profile/11471859655099784046noreply@blogger.comBlogger28125tag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-54831941074135031842011-05-28T21:04:00.808+05:302011-05-28T21:04:00.808+05:30बहुत सुन्दर रचना, क्षितिज का अस्तित्व कौन जाने क्य...बहुत सुन्दर रचना, क्षितिज का अस्तित्व कौन जाने क्या है पर विशालता में कभी कभी हमारे शब्द खो जाते हैं और बस मौनता...<br />बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति, बधाई संगीता जी.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-74314044025885261462011-05-24T16:55:55.737+05:302011-05-24T16:55:55.737+05:30खाली - खाली आंखों से
दूर तक देखते हुए
बस क्षितिज द...खाली - खाली आंखों से<br />दूर तक देखते हुए<br />बस क्षितिज दिखता है ।<br />जिसका सच केवल ये है कि<br />उसका कोई आस्तित्व नही होता ।bhram ke sath bhram ki sthiti me jeena hi kai bar sukun deta hai...kavita vermahttps://www.blogger.com/profile/18281947916771992527noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-15943327000367309692011-05-18T11:39:21.357+05:302011-05-18T11:39:21.357+05:30कहते हैं सब
क्षितिज भ्रम है
मुझे लगता है
एक सच क्ष...कहते हैं सब<br />क्षितिज भ्रम है<br />मुझे लगता है<br />एक सच क्षितिज के पास रखा हुआ है !<br />..............................<br /><br />खाली - खाली आंखों से<br />दूर तक देखते हुए<br />बस क्षितिज दिखता है ।<br />जिसका सच केवल ये है कि<br />उसका कोई आस्तित्व नही होता ।<br /><br />बहुत ही अच्छी प्रस्तुति ....।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-14451453052334775842011-05-18T10:45:25.000+05:302011-05-18T10:45:25.000+05:30आदरणीया संगीता जी बहुत ही प्यारी अभिव्यक्ति प्रेम ...आदरणीया संगीता जी बहुत ही प्यारी अभिव्यक्ति प्रेम अहसास और क्षितिज का सच में जैसे कोई अस्तित्व नहीं बताती हुयी <br /><br />मन सराबोर हो<br />मुहब्बत के पैमाने से<br />लब पर मुस्कराहट के साथ<br />लगता है कि -<br />प्यार के अफ़साने<br />लरज रहे हों।Surendra shukla" Bhramar"5https://www.blogger.com/profile/11124826694503822672noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-89152824434486478202011-05-18T06:00:14.542+05:302011-05-18T06:00:14.542+05:30खाली खाली आँखों से देखते क्षितिज दीखता है , जिसका...खाली खाली आँखों से देखते क्षितिज दीखता है , जिसका सच ये है की उसका कोई अस्तित्व नहीं है ...<br /><br />भ्रम ही सही मगर एक सच क्षितिज के पास सुरक्षित भी तो लगता है ...वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-45489859524475848732011-05-17T22:58:00.383+05:302011-05-17T22:58:00.383+05:30इसी मरीचिका के साथ जिए जाना अपने आप में बड़ी बात ह...इसी मरीचिका के साथ जिए जाना अपने आप में बड़ी बात है...जब कि सच का पाता है...क्षितिज पर आस की किरण तो है...पर क्षितिज का सच कुछ और है...अतिसुन्दर...Vaanbhatthttps://www.blogger.com/profile/12696036905764868427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-24282246332371791852011-05-17T22:49:41.466+05:302011-05-17T22:49:41.466+05:30sundar..sundar..बाबुषाhttps://www.blogger.com/profile/05226082344574670411noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-76723072089585986902011-05-17T21:13:20.437+05:302011-05-17T21:13:20.437+05:30सभी पाठकों का आभार .... रचना पसंद करने का शुक्रिया...सभी पाठकों का आभार .... रचना पसंद करने का शुक्रिया ...<br /><br />रश्मि जी को शुक्रिया कहना कम लगता है पर यह भी न कहूँ तो गुस्ताखी होगी .. आभारसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-3891315982322411982011-05-17T19:28:49.273+05:302011-05-17T19:28:49.273+05:30खाली - खाली आंखों से
दूर तक देखते हुए
बस क्षितिज द...खाली - खाली आंखों से<br />दूर तक देखते हुए<br />बस क्षितिज दिखता है ।<br />जिसका सच केवल ये है कि<br />उसका कोई आस्तित्व नही होता <br />...bahut badiya bhavpurn rachna prastuti ke liye aabharकविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-37030455764132045622011-05-17T18:02:53.442+05:302011-05-17T18:02:53.442+05:30आदरणीया संगीता जी बहुत बहुत बधाईआदरणीया संगीता जी बहुत बहुत बधाईजयकृष्ण राय तुषारhttps://www.blogger.com/profile/09427474313259230433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-16378867399254066032011-05-17T18:02:52.184+05:302011-05-17T18:02:52.184+05:30आदरणीया संगीता जी बहुत बहुत बधाईआदरणीया संगीता जी बहुत बहुत बधाईजयकृष्ण राय तुषारhttps://www.blogger.com/profile/09427474313259230433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-32808333875706687112011-05-17T16:04:03.401+05:302011-05-17T16:04:03.401+05:30gahraaee hai dono ke hi lafjon me ....rashmi ji .....gahraaee hai dono ke hi lafjon me ....rashmi ji ...sangita ji ..badhaiसु-मन (Suman Kapoor)https://www.blogger.com/profile/15596735267934374745noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-30746562929670766242011-05-17T15:40:05.273+05:302011-05-17T15:40:05.273+05:30आदरणीया संगीता जी को बहुत बहुत बधाईआदरणीया संगीता जी को बहुत बहुत बधाईwww.navincchaturvedi.blogspot.comhttps://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-6305624936331508482011-05-17T15:14:24.315+05:302011-05-17T15:14:24.315+05:30ला-जवाब है, संगीता दीदी की यह कृति
और यह यथार्थ……...ला-जवाब है, संगीता दीदी की यह कृति<br /><br />और यह यथार्थ……<br /><br />बस क्षितिज दिखता है ।<br />जिसका सच केवल ये है कि<br />उसका कोई आस्तित्व नही होता ।<br /><br />इस प्रस्तुति के लिए आभार रश्मि जी।सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-15117081598005472082011-05-17T15:03:12.378+05:302011-05-17T15:03:12.378+05:30क्या बात है ..आज तो अंदाज जुदा जुदा सा है.\
भीगे भ...क्या बात है ..आज तो अंदाज जुदा जुदा सा है.\<br />भीगे भीगे शब्दों में गहराई भी और सौंदर्य भी.बहुत ही अच्छी लगी ये कविता.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-37561223276538477032011-05-17T14:51:48.532+05:302011-05-17T14:51:48.532+05:30संगीता जी ....बहुत ही अच्छा लिखा है ,आपने.पढ़कर अच्...संगीता जी ....बहुत ही अच्छा लिखा है ,आपने.पढ़कर अच्छा लगा .वाकई क्षितिज की यही सच्चाई है कि वास्तव में उसका कोई अस्तित्व ही नहीं है .....बधाई स्वीकार करें.....इस रचना हेतुNidhihttps://www.blogger.com/profile/07970567336477182703noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-91600261631343104882011-05-17T14:04:17.935+05:302011-05-17T14:04:17.935+05:30लगा सारा आकाश सिमट आया हो ,क्षितिज की परिभासा इतनी...लगा सारा आकाश सिमट आया हो ,क्षितिज की परिभासा इतनी आसान है क्या ? महसूस जरूर कर सकते है, जब चाहें . अलग मूड की बेहतर रचना बधाईAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/18094849037409298228noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-15259432080128665292011-05-17T13:58:36.311+05:302011-05-17T13:58:36.311+05:30ये बिल्कुल सत्य है की द्वन्द का सच में कोई आस्तिव...ये बिल्कुल सत्य है की द्वन्द का सच में कोई आस्तिव नहीं होता |<br />बहुत खुबसूरत रचना |Minakshi Panthttps://www.blogger.com/profile/07088702730002373736noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-71486312003293335372011-05-17T13:22:05.817+05:302011-05-17T13:22:05.817+05:30वटवृक्ष के नीचे से जब क्षितिज देखा तो लगा ..
दुनि...वटवृक्ष के नीचे से जब क्षितिज देखा तो लगा ..<br /><br />दुनिया में कुछ नहीं इन आंखों में दोष था<br />हर झूठ मुझको सच ही लगता रहा यहां।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-42918456956451162222011-05-17T12:43:44.375+05:302011-05-17T12:43:44.375+05:30बहुत सुन्दर रचना ! क्षितिज का यही तो विडंवना है .....बहुत सुन्दर रचना ! क्षितिज का यही तो विडंवना है ... होके भी नहीं है ...Indranil Bhattacharjee ........."सैल"https://www.blogger.com/profile/01082708936301730526noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-47580070208971056782011-05-17T12:39:24.975+05:302011-05-17T12:39:24.975+05:30बहुत ही गहरे भाव के साथ उम्दा प्रस्तुती!बहुत ही गहरे भाव के साथ उम्दा प्रस्तुती!Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-1874392229084352602011-05-17T12:37:04.800+05:302011-05-17T12:37:04.800+05:30.....एक सच क्षितिज के पास रखा हुआ है !
मेरी सोच स........एक सच क्षितिज के पास रखा हुआ है !<br /><br />मेरी सोच से शायद क्षितिज के पार जाकर, मुड कर देखने से ’सच’समझ आता है!<br />और ये कि:-<br /><br />’अंधेरा इस कदर काला नहीं था,<br />उफ़्फ़क पे झूँठ सूरज कहीं उग आया होगा!’ktheLeo (कुश शर्मा)https://www.blogger.com/profile/03513135076786476974noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-59883020777565386562011-05-17T12:04:29.789+05:302011-05-17T12:04:29.789+05:30शायद क्षितिज का न होना ही वह सच हो.
अंतर्द्वन्दीय ...शायद क्षितिज का न होना ही वह सच हो.<br />अंतर्द्वन्दीय अंतर्कथा .. बेमिसालM VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-38321614158066989352011-05-17T11:55:42.708+05:302011-05-17T11:55:42.708+05:30कितना सच ही सब भ्रम है
बहुत खुबसूरत अभिव्यक्तिकितना सच ही सब भ्रम है <br />बहुत खुबसूरत अभिव्यक्तिshephalihttps://www.blogger.com/profile/03123040839678404254noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-38574908353497633842011-05-17T11:53:50.946+05:302011-05-17T11:53:50.946+05:30आज तो बहुत ही गहरी बात कह दी……………कभी कभी हम सभी ऐस...आज तो बहुत ही गहरी बात कह दी……………कभी कभी हम सभी ऐसी स्थितियों से गुजरते हैं।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.com