tag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post5049436777425049154..comments2023-12-02T15:15:35.792+05:30Comments on वटवृक्ष: कह दिया मैंने ..रवीन्द्र प्रभातhttp://www.blogger.com/profile/11471859655099784046noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-30165766590297032582012-12-31T17:53:48.188+05:302012-12-31T17:53:48.188+05:30बहुत बढ़िया प्रेरक रचना ...
प्रस्तुति हेतु आभार ! ...बहुत बढ़िया प्रेरक रचना ...<br />प्रस्तुति हेतु आभार ! कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-28987730196831990462012-12-28T09:22:59.434+05:302012-12-28T09:22:59.434+05:30कहना आवश्यक हो जाता है। बहुत ही सुन्दर कविता।कहना आवश्यक हो जाता है। बहुत ही सुन्दर कविता।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-79097155132672606682012-12-27T22:01:50.691+05:302012-12-27T22:01:50.691+05:30मेरी खुद की प्रिय कविताओं में है यह कविता! इसे यहा...मेरी खुद की प्रिय कविताओं में है यह कविता! इसे यहाँ देखना अच्छा लग रहा है। आभार।Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-31136857617732907312012-12-27T15:08:48.448+05:302012-12-27T15:08:48.448+05:30आपकी पूरी कविता ही बहुत सुन्दर है , लेकिन "पु...आपकी पूरी कविता ही बहुत सुन्दर है , लेकिन "पुरुषार्थ क्या इक्के का टट्टू है" , इस पंक्ति के लिए ही आपको लाखों बधाई |<br /><br />सादरAkash Mishrahttps://www.blogger.com/profile/00550689302666626580noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-51631102706924679742012-12-27T13:20:26.841+05:302012-12-27T13:20:26.841+05:30बस मेरे खयाल में न्याय है
हर किस्म का,
हर मौके,
ह...बस मेरे खयाल में न्याय है<br />हर किस्म का,<br />हर मौके, <br />हर तलछट का न्याय<br />क्योंकि<br />न्याय<br />सामाजिक व्यवस्था से<br />कुछ ऊपर की चीज है मेरे लिये,<br />भोग है एक आन्तरिक,<br />रसानुभूति है !<br />न्याय ??<br />शुभकामनायें !!<br /><br /><br />विभा रानी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-40635602000576542442012-12-27T12:29:08.864+05:302012-12-27T12:29:08.864+05:30क्योंकि
न्याय
सामाजिक व्यवस्था से
कुछ ऊपर की चीज ह...क्योंकि<br />न्याय<br />सामाजिक व्यवस्था से<br />कुछ ऊपर की चीज है मेरे लिये,<br />भोग है एक आन्तरिक,<br />रसानुभूति है !<br />सार्थकता लिये सशक्त पंक्तियां <br />आभार सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-27543991750811858392012-12-27T12:03:33.245+05:302012-12-27T12:03:33.245+05:30 बस मेरे खयाल में न्याय है
हर किस्म का,
हर मौके,
... बस मेरे खयाल में न्याय है<br />हर किस्म का,<br />हर मौके, <br />हर तलछट का न्याय<br />क्योंकि<br />न्याय<br />सामाजिक व्यवस्था से<br />कुछ ऊपर की चीज है मेरे लिये,<br />भोग है एक आन्तरिक,<br />रसानुभूति है !<br />bahut sahi ..likha aapne ..nayi soch nayi baat . खोरेन्द्र https://www.blogger.com/profile/16964838805138081044noreply@blogger.com