tag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post8487710161202987239..comments2023-12-02T15:15:35.792+05:30Comments on वटवृक्ष: क्या ऐसा भी हो सकता है भला कभी!!!!!!रवीन्द्र प्रभातhttp://www.blogger.com/profile/11471859655099784046noreply@blogger.comBlogger17125tag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-85387449875030697792011-02-27T08:48:18.703+05:302011-02-27T08:48:18.703+05:30वह तमाम रात,
अपने आसुओं से,
भिगो-भिगो सर पे रक्खी ...वह तमाम रात,<br />अपने आसुओं से,<br />भिगो-भिगो सर पे रक्खी पट्टी,<br />बदलती रही. <br /><br />प्यार का स्पर्श बहुत सुंदर लगा. रोहित आपको ढेर सी शुभकामनाएँ. रश्मि जी आपकी खोज नगीने ढूँढ कर ला रही है.रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-32136809588097302942011-02-27T06:07:27.977+05:302011-02-27T06:07:27.977+05:30बुखार में लाल तपने वाले जानते हैं इस प्यार भरे स्प...बुखार में लाल तपने वाले जानते हैं इस प्यार भरे स्पर्श का असर ...कल्पना हो या यथार्थ !<br />बहुत खूबसूरत !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-88273544226703136912011-02-27T00:40:15.038+05:302011-02-27T00:40:15.038+05:30gaharee soch liye sundar rachna.gaharee soch liye sundar rachna.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-34881946277359044302011-02-26T23:56:34.732+05:302011-02-26T23:56:34.732+05:30बहुत सुंदर जज़्बातबहुत सुंदर जज़्बातOM KASHYAPhttps://www.blogger.com/profile/13225289065865176610noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-28845797654191850742011-02-26T23:20:08.398+05:302011-02-26T23:20:08.398+05:30कल रात जिंदगी से मुलाकात हो गई आपकी।कल रात जिंदगी से मुलाकात हो गई आपकी।राजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-90419154462956601352011-02-26T23:01:57.568+05:302011-02-26T23:01:57.568+05:30dono hi kavita bahut achchi lagi.dono hi kavita bahut achchi lagi.mridula pradhanhttps://www.blogger.com/profile/10665142276774311821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-52368545673222527612011-02-26T22:44:08.744+05:302011-02-26T22:44:08.744+05:30सुंदर अभिव्यक्ति दिल को छु लेने वाली , रोहित जी ...सुंदर अभिव्यक्ति दिल को छु लेने वाली , रोहित जी की सुंदर रचना लिखते रहिये शुभकामनाएं!मनोज पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/12404564140663845635noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-28762928511092915482011-02-26T20:27:30.924+05:302011-02-26T20:27:30.924+05:30किसी का स्नेहिल स्पर्श
सर पे गीली पट्टी सा काम करत...किसी का स्नेहिल स्पर्श<br />सर पे गीली पट्टी सा काम करता है ...<br />सच था या झूठ ... जब तक जानूं<br />बुखार उतर जाता है<br />और एक एहसास साथ होता है<br />हम अकेले नहीं . वह साथ है !<br /><br />पंक्तियाँ दिल को छू जाती हैं..रोहित जी की रचना भी बहुत सुन्दर है..Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-1082772918387867412011-02-26T19:56:52.270+05:302011-02-26T19:56:52.270+05:30@ रश्मि प्रभा मैम,
धन्यवाद आपका जो मेरी रचना को वट...@ रश्मि प्रभा मैम,<br />धन्यवाद आपका जो मेरी रचना को वटवृक्ष पर प्रकाशित हुआ ,<br /><br />@all :आप सब का शुक्रिया..<br />आपके आशीर्वाद एवं मार्गदर्शन का अभिलाषी-<br /><br />रोहितरोहितhttps://www.blogger.com/profile/15505244446493519414noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-20562008852401149122011-02-26T19:10:07.731+05:302011-02-26T19:10:07.731+05:30दोनों रचनाएँ बहुत सुन्दर....
आपको और....रोहित जी क...दोनों रचनाएँ बहुत सुन्दर....<br />आपको और....रोहित जी को बधाई।Dr Varsha Singhhttps://www.blogger.com/profile/02967891150285828074noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-67578245266538966862011-02-26T18:41:36.262+05:302011-02-26T18:41:36.262+05:30किसी का स्नेहिल स्पर्श
सर पे गीली पट्टी सा काम करत...किसी का स्नेहिल स्पर्श<br />सर पे गीली पट्टी सा काम करता है ...<br />सच था या झूठ ... जब तक जानूं<br />बुखार उतर जाता है<br />और एक एहसास साथ होता है<br />हम अकेले नहीं . वह साथ है !<br />बेहतरीन अभिव्यक्ति है रोहित जी को बधाई।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-41868913935863617252011-02-26T18:02:46.983+05:302011-02-26T18:02:46.983+05:30bahut khoob..sunder ehsas...bahut khoob..sunder ehsas...kavita vermahttps://www.blogger.com/profile/18281947916771992527noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-70590935575815978702011-02-26T13:26:16.278+05:302011-02-26T13:26:16.278+05:30दोनों रचनाएँ एक ही अनुभूति देनेवाली और मन को छू ले...दोनों रचनाएँ एक ही अनुभूति देनेवाली और मन को छू लेने वाली. नवोदित ब्लोगर बहुत अच्छा लिखा.रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-41907937474209650772011-02-26T12:07:50.236+05:302011-02-26T12:07:50.236+05:30वाह बेहद खूबसूरत शब्द रचना रोहित्…………बहुत गहरी सोच...वाह बेहद खूबसूरत शब्द रचना रोहित्…………बहुत गहरी सोच है इसी प्रकार लिखते रहो।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-43020652273670963072011-02-26T11:14:22.992+05:302011-02-26T11:14:22.992+05:30वाह! दोनो रचनायें भावुक करने वाली, मेरा कथन-:
&q...वाह! दोनो रचनायें भावुक करने वाली, मेरा कथन-: <br /><br />"कौन मसीहा है यहाँ और कौन यहाँ रहबर है,<br />हर इंसान को इस राह अकेले ही चलना होगा। <br /><br />या खुदा जहाँ से दर्द मिट जाये,हो सकता नहीं,<br />उसकी मिक्दार कम हो ये करना होगा।"ktheLeo (कुश शर्मा)https://www.blogger.com/profile/03513135076786476974noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-22170776220093951532011-02-26T11:10:24.006+05:302011-02-26T11:10:24.006+05:30रश्मि जी ,
बहुत सुंदर रचना
और एक एहसास साथ होता ...रश्मि जी ,<br />बहुत सुंदर रचना <br /><br />और एक एहसास साथ होता है<br />हम अकेले नहीं . वह साथ है !<br /><br />क्या बात है !और यही अनुभूति जीवन दान दे देती है<br />*************<br />पगले..ऐसा क्यों कहते हो तुम,<br />क्या ऐसा भी हो सकता है भला कभी!!!!!<br />रोहित जी ,सुंदर अभिव्यक्ति लिखते रहिये हमारी शुभकामनाएं आप के साथ हैंइस्मत ज़ैदीhttps://www.blogger.com/profile/09223313612717175832noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5300117287075212784.post-76288928119722498222011-02-26T11:04:35.667+05:302011-02-26T11:04:35.667+05:30किसी का स्नेहिल स्पर्श
सर पे गीली पट्टी सा काम करत...किसी का स्नेहिल स्पर्श<br />सर पे गीली पट्टी सा काम करता है ...<br />सच था या झूठ ... जब तक जानूं<br />बुखार उतर जाता है<br />और एक एहसास साथ होता है<br />हम अकेले नहीं . वह साथ है !<br /><br />वाह ...बहुत ही खूबसूरत शब्द रचना आपकी भी और रोहित जी की भी ...आभार इस प्रस्तुति के लिये ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.com