Showing posts with label प्रताप नारायण सिंह. Show all posts
Showing posts with label प्रताप नारायण सिंह. Show all posts

अहर्निश अहर्निश

घुटन भी एक चेतना है जो बन्द कमरों में अहर्निश जलती है धुँआ गहराता जाए तो चीखना ज़रूरी है अपने गुम हुए अस्तित्व के एहसास के लिए ....

Read more »
10:24 AM
 
Top