वटवृक्ष के पाठकों /योगदानकर्ताओं हेतु वटवृक्ष के पाठकों /योगदानकर्ताओं हेतु

जैसा की आप सभी को विदित है कि २३ जून २०११ से ब्लॉगोत्सव के द्वितीय संस्करण का भव्य शुभारंभ  परिकल्पना पर होने जा रहा है  व्यस्तता के कारण फ...

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9:37 AM

प्यार इसे ही कहते हैं... प्यार इसे ही कहते हैं...

मैं तख्तो ताज को ठुकरा के तुझको ले लूँगा दावे से कहा था सलीम ने ....... ले न सका इंग्लैण्ड के भावी राजा ने ठुकरा दिया इंग्लैण्ड का राज्य ब...

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10:05 AM

नहीं दैन्यता और पलायन नहीं दैन्यता और पलायन

चेतन ,अचेतन , परोक्ष, अपरोक्ष इसे वही देख सकता है जिसमें व्याकुलता हो एकलव्य सी निष्ठा हो प्रह्लाद सी जो विनीत हो अर्जुन सा....   रश्मि ...

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11:02 AM

बाबा तथा जंगल बाबा तथा जंगल

जंगल में मिलते हैं कुछ अनसुलझे रहस्य हवाएँ भी कुछ राज खोलती हैं दूर दूर तक फैले घने साए में परियों सा मन आंखमिचौली खेलता है या बन्द कर आँ...

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10:55 AM

सजीव सारथी की पुस्तक से गुजरते हुए.... सजीव सारथी की पुस्तक से गुजरते हुए....

सजीव सारथी ... इनकी पुस्तक की समीक्षा से पहले मैं इनकी खासियत बताना चाहूँगी . सजीव सारथी यानि एक जिंदा सारथी उनका स्वत्व है, उनकी दृढ़ता है,...

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10:50 AM

"ज़रा आँख झपकी सहर हो गई " "ज़रा आँख झपकी सहर हो गई "

उठती है आवाज़ तो शिकस्त के लिए कांटे हर सू बिछाए जाते हैं तलाशे सुकूँ पाने के लिए पाँव के खून ही मंजिल पे पाए जाते हैं   रश्मि प्रभा ...

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11:02 AM

प्रकृति से एक प्रश्न... प्रकृति से एक प्रश्न...

मैं प्रकृति, ... मैं अनुत्तरित नहीं पेड़ पौधे चाँद तारे सूरज वायु.... मेरी ही भुजाएं हैं मुझमें ब्रह्मा विष्णु महेश मैं ब्रह्मांड का लघु रूप...

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11:00 AM

बुद्ध का दूसरा पत्र बुद्ध का दूसरा पत्र

इस निर्वाण यज्ञ में यशोधरा तू मेरी ताकत है दुनिया कुछ भी कहे सच तो यही है, यदि यशोधरा नहीं होती तो मैं सिद्धार्थ ही होता रश्मि प्रभा ==...

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11:00 AM

भेड़िया भेड़िया

भागो भागो रे भेड़िया आया ... इतनी शिद्दत से कहा हमने कि भेड़ियों की भरमार हो गई अब कौन किससे डरे सब नाख़ून बढा रहे ..... बच्चा भी शान से क...

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11:00 AM

आओ आओ

रिश्तों की उम्र बड़ी छोटी है कोई एक पल के लिए कोई दो पल के लिए वक़्त खो जाये उससे पहले आओ एक अपना घर बना लें हम भी ! ..... कितने सालों ...

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11:00 AM

तुम केवल मेरी कविता के पात्र हो... तुम केवल मेरी कविता के पात्र हो...

जब मैंने जीवन को जाना अपनी सोच की दृष्टि घुमाई तो एक आवाज़ आई- कुछ लिखो न .... जहाँ भी लिखा , जब भी लिखा , जो भी लिखा बस तुम्हारी छवि नज़र ...

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10:35 AM

फिर नया आगाज कर ले फिर नया आगाज कर ले

ज़िन्दगी आज है कल नहीं है आओ ऐसा कुछ कर जाएँ किसी के हौसलों को एक नई उड़ान देके जाएँ रश्मि प्रभा =================================...

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10:28 AM

आज की कविता सिर्फ तुम्हें समर्पित है... आज की कविता सिर्फ तुम्हें समर्पित है...

दुनिया की भीड़ में शब्दों की रस्साकस्सी में तुमने हमेशा मुझे झीने झीने एहसास दिए हैं जब जब सिमटी हूँ तुमने मुझे मेरी पहचान दी है तो यह सब...

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10:29 AM

उसका क्या दोष था???? उसका क्या दोष था????

एक मासूम उम्र सूरज से होड़ लेने की क्षमता रखता है इस बात से अनजान कि वह झुलस जायेगा ! अनुभव औरों के भी उसे तब रास नहीं आते क्योंकि जुबां ह...

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11:36 AM
 
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