ऑकलैंड (न्यूजीलैंड) । विगत 23 दिसंबर 2016 से 01 जनवरी 2017 के बीच न्यूजीलैंड के ऑकलैंड, हेमिल्टन, रोटोरूआ आदि शहरों में आयोजित सातवें अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर्स सम्मेलन में फिजी के शिक्षा मंत्रालय के हिन्दी प्रतिनिधि श्री रमेश चन्द्र, बिहार विधानसभा के अध्यक्ष श्री विजय कुमार चौधरी, न्यूजीलैंड नेशनल पार्टी की सांसद डॉ परमजीत परमार तथा हिन्द मेडिकल कॉलेज लखनऊ के निदेशक डॉ ओ. पी. सिंह की गरिमामयी उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।

उन्होने अपने भाषण में आगे कहा कि भारत और हिंदी भाषा से उनका विशेष लगाव रहा है, मुझे बहुत ख़ुशी है कि इस न्यूजीलैंड के जमीन पर भी भारतवासी अपनी मातृभाषा हिंदी का प्रचार- प्रसार और लेखन कार्य बड़े ही सफलतापूर्वक कर रहें हैं। वहीं फिजी से आये श्री रमेश चंद ने फिजी में होने वाले हिंदी सम्मेलन में सबको आमंत्रित किया।
इस अवसर पर कार्यक्रम के संयोजक श्री रवीन्द्र प्रभात ने कहा कि पुस्तकों और समाचारपत्रों में लेखन कार्य की अपनी सीमाएं होती है लेकिन ब्लॉगर के माध्यम से लेखक शुद्ध रूप से अपनी बात पाठकों तक पहुँचा सकता है, उसमें किसी प्रकार का बनावटीपन नहीं होता।
इसके अतिरिक्त इस अवसर पर श्रीमती कुसुम वर्मा की मिश्रित कला प्रदर्शिनी भी आयोजित की गई, जिसमें ग्रामीण कला और भारतीय परंपरा का बड़ा ही मनोरम चित्र प्रस्तुत किया गया।

25 दिसंबर 2016 को ऑकलैंड के हेंडरसन में स्थित केलस्टन कम्यूनिटी हॉल न्यूजीलैंड में आयोजित सातवें अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन में श्रीमती मुरारका के अतिरिक्त भारत के विभिन्न हिस्सों से आए मसलन संस्कार टीवी, दिल्ली के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर रवि कान्त मित्तल, आजतक और इंडिया टुडे की समाचार संपादक सीमा गुप्ता, कबीर कम्यूनिकेशन की क्रिएटिव हेड सर्जना शर्मा, रेवान्त पत्रिका की संपादक डॉ अनीता श्रीवास्तव, लोक गायिका कुसुम वर्मा, उद्घोषिका श्रीमती रत्ना श्रीवास्तव, कथाकार डॉ अर्चना श्रीवास्तव, कवयित्री डॉ निर्मला सिंह निर्मल, पुरातत्वविद डॉ रमाकांत कुशवाहा ‘कुशाग्र‘, शिक्षाविद डॉ विजय प्रताप श्रीवास्तव आदि भी सम्मानित किए गए।
इस अवसर पर भारतीय सभ्यता-संस्कृति को आयामित करती लोक कला प्रदर्शनी, नृत्य, गीत के साथ-साथ परिकल्पना की स्मारिका, डॉ अर्चना श्रीवास्तव की सद्य प्रकाशित कृति थाती, डॉ निर्मला सिंह निर्मल की यह व्यंग्य नहीं हकीकत है और श्रीमती सम्पत देवी मुरारका की व्यंग्य यात्रा तृतीय का लोकार्पण भी संपन्न हुआ।
परिचर्चा सत्र के दौरान अपने उद्वोधन के क्रम में ब्लॉग के माध्यम से वैश्विक स्तर पर शांति-सद्भावना की तलाश विषय पर बोलते हुये श्री रवीकान्त मित्तल ने कहा कि यही एक माध्यम है जो पूरी तरह वैश्विक है। आपके विचार चंद मिनटो में पूरी तरह वैश्विक हो जाती है और उस पर प्रतिक्रियाएँ भी आनी शुरू हो जाती है। यदि ब्लॉगर चाहे तो अपने सुदृढ़ विचारों के बल पर पूरी दुनिया में शांति-सद्भावना को स्थापित कर सकता है। आज जरूरत इसी बात की है। इस परिचर्चा में लगभग आधा दर्जन ब्लॉगरों ने हिस्सा लिया।
नव वर्ष से पूर्व यानी 30 दिसंबर 2016 को भारतीय समुदाय द्वारा आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में न्यूजीलैंड के वरिष्ठ सांसद श्री कंवलजीत सिंह बख्शी ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से विभिन्न देशों तथा समुदायों के बीच संस्कृतियों का आदान प्रदान होता है। आप सभी का हम न्यूजीलैंड की इस खूबसूरत भूमि पर स्वागत करते हैं। इस अवसर पर अवधि की प्रसिद्ध लोकगायिका कुसुम वर्मा द्वारा लोकगायन और नृत्य भी प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का संचालन लखनऊ की श्रीमती रत्ना श्रीवास्तव ने किया।
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