यादों का गाँव
रुनझुन पायल
कोमल पाँव !
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क्यों री तितली
तेरी रंगीन फ्राक
किसने सिली?
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सूरज राजा
नानी को ठण्ड लगे
जल्दी से आ जा !
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अब सो लूँ माँ
दिन भर पढ़ना
कब खेलूँ माँ !
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पायी पायल
पैर पटक कर
आयी 'पायल ' ।
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नन्हकी गाती
ठुमक-ठुमक के
नाच दिखाती !
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लुभा रही है
पहन पैंजनियाँ
नन्हीं मुनियाँ !
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धरती रानी
आसमानी चुनरी
लहँगा धानी !
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माँ लोरी गाये
नींद में भी बच्ची के
होठ मुस्काये !
*
नन्हाँ-सा दिल
ऊँची उड़ान भर
जाता है खिल !
*
जल लायेंगे
मंगल ग्रह पर
हम जायेंगे !
*
कौन आ रहा
परियों के देश से
फ़ोन आ रहा ?
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बिटिया बढी
माँ की जान उसमें
रहने लगी ।
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सपना आया
बिटिया ने नभ में
यान उड़ाया ।
*
मत डरना
माँ,कभी न मरना
हम जो हैं ना !
मिथिलेश दीक्षित
बेटियों को समर्पित हाइकू , सारी बेटियों के लिए प्यार है ।
ReplyDeleteबेटियाँ हैं तो दुनिया है --- सुन्दर रचनाएँ !
ReplyDeleteयथार्थ , नमन
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