![अनकही](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgtyY3Eqng1cyhD8-6FOOc8D-_rFKJK-Fi41ZMGHrLD6YCenUHJPQ3Tw8s0ykLBWwg91AZX01pvEHRFPad71-zpG878yn-v0nCcP4VQ1qQ9E-RQRi60UtGd9fkeL6h8OqOPR5AR2-sWITEH/s72-c/13.jpg)
कई बातें होठों तक आती हैं फिर रास्ते बदल गले में अटक जाती है अनकही होकर झकझोरती रहती हैं ...... रश्मि प्रभा =========================...
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ग़ज़ल पास अपने रौशनी काफी नहीं तो क्या हुआ दिल जले है ,जो दीया बाती नहीं तो क्या हुआ | पार कर लेंगे उफनते दरिया को हम तैरकर हौंसला तो...
लिखता हूँ , लिख नहीं पाता गुनता हूँ , कह नहीं पाता पर चाहता तो हूँ - बहुत कुछ तुम तक पहुँचाना मन के कैनवस पर उभरती हैं यादें रंग भरूँ - उस...
ये लिखा वो लिखा क्या क्या न लिखा पर जाने क्या पसंद थी कि कोई न दिखा तब जाना - जिन्हें समझ होगी , वे खुद आयेंगे मेरे ब्लॉग पोस्ट के साथ उन...
एक अपना घर बचपन साथी खट्टे टिकोले छोटी सी ज़िद छोटी सी ख़ुशी थोड़ा सा रूठना पापा माँ का मनाना .... दूर होकर बहुत याद आते हैं बहुत बहुत बह...
आत्मा अमर है तो हम हैं ... प्रश्न उठता है आत्मा जीवन है या शरीर जीवन है . यदि शरीर नश्वर है तो आत्मा ही जीवन है - और शरीर आधार . पत्थर के ...
चेतन हूँ अचेतन कैसे हो जाऊँ मैं प्रयोजन हूँ अपना अस्तित्व कैसे खो जाऊँ ? रश्मि प्रभा =================================================...
आगे निकलने के क्रम में हम सबसे बिछड़ गए सूरज को पाने का दंभ लिए अन्दर ही अन्दर जल गए अब ऐ ज़िन्दगी ... धीरे चलो भागते दृश्य पलकों में ठह...
खुद से बातें न करो उठापटक ना करो तो मन के कई कमरे बन्द रह जाएँ प्रश्न मुंह बाए कोने में पड़ा रह जाए ...... खुद को खुद से ही राह मिलती ...
पावन शब्द अवर्णनीय प्रेम सदा रहेंगे। सहेजते हैं सपने नाजुक से टूट न जाएं। जीवंत रहे राधा-कृष्ण का प्रेम अलौकिक सा। फिल्मी स...
तुम्हारे नाम / मेरे नाम समंदर आमने सामने होता तो लहरों की बातें कुछ इस तरह होतीं एक कहती एक सुनती व्यथा एक सी होती .... रश्मि प्रभा ...