दुआ
वो हर पल खुदा से
अपने प्यार की सलामती की
दुआ करता है
हर लम्हा उसकी ख़ुशी
की फ़रियाद करता है
दिन - रात उसकी इक हँसी
के लिए
आंसू बहाता है
खुदा कहता है,
"ए बन्दे , मैंने तेरी झोली में
तेरा प्यार दिया जो
तूने मुझसे माँगा,
अब मै क्या कर सकता हूँ ?
जो करना है तूँ कर
प्यार की ताकत के आगे तो
मै भी बेबस और लाचार हूँ
हिम्मत है तो
कर हिफाजत अब अपने
प्यार की
निभाने का हौंसला रख
फूल के साथ कांटे भी चुन
अमृत के साथ विष भी पी
फिर देख मै तेरे साथ हूँ
हँसी भी तूँ आंसूं भी तूँ
सलामती भी तूं ,
तकदीर भी तूँ ,
वफ़ा भी तूँ ,जफा भी तूँ "
() अलका सैनी
वाह ……………क्या बात है …………बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDeleteनिभाने का हौंसला रख
ReplyDeleteफूल के साथ कांटे भी चुन
अमृत के साथ विष भी पी
फिर देख मै तेरे साथ हूँ
इसलिए तो कहा जाता है ,जो अपनी मदद करते है ,उनकी भगवान् भी मदद करते है... !!
बहुत ही अच्छी.....
ReplyDeleteवाह-वाह सुंदर रचना.....
ReplyDeleteबेहतरीन प्रस्तुति ।
ReplyDeletebhagvaan sukh ki ahamiyat samjhane ke liye hi dukh dete hain phoolon ke sang kaate dete hain.bahut sarthak prastuti.
ReplyDeleteउसकी ख़ुशी भी तूं गम भी तूँ
ReplyDeleteहँसी भी तूँ आंसूं भी तूँ
सलामती भी तूं ,
तकदीर भी तूँ ,
वफ़ा भी तूँ ,जफा भी तूँ "waah..............
वाह!!
ReplyDeleteनिभाने का हौंसला रख
फूल के साथ कांटे भी चुन
अमृत के साथ विष भी पी
फिर देख मै तेरे साथ हूँ ...
बहुत सुन्दर..
बहुत सुंदर कविता !
ReplyDeleteसुंदर रचना
ReplyDeleteक्या कहने
wah ! bahut khoob
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