प्यार - दुश्मन को हो जाए
रश्मि प्रभा
मधुरेश
तो बली का बकरा ऐतबार कैसे करे !
रश्मि प्रभा
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एक छोटी सी - लव स्टोरी
एक बार एक बिल्ली-
बड़ी प्यारी-सी, दुलारी-सी बिल्ली,
एक चूहे पे मर मिटी.
चूहा बिचारा,छोटा, नादान,
बिल्ली को पीछा करता देख,
हो गया परेशान.
जब भी बिल्ली approach मारती,
चूहा फटाक से भाग खड़ा होता.
करता भी क्या, क्या जान अपनी खोता?
बिल्ली अनबुझ-सी सोचती रहती
कि कैसे बताऊँ
darling मैं जान लेना नहीं,
देना चाहती हूँ.
मैं बाकी बिल्लियों सी नहीं
मैं बहुत अलग हूँ, जुदा हूँ.
पर कैसे कहूँ कि तुमपर फ़िदा हूँ!
प्रेम-पथ भी कितना
असमंजस भरा है!
होना था निर्भीक औ'
भयभीत खड़ा है!
बिल्ली बिचारी frustrated ,
full glass चढ़ा गयी.
चढ़ाया भी ऐसा कि फुर्ती में आ गयी.
पटका glass औ' सरपट दौड़ी,
हुआ सामना, दोनों भागे.
बिल्ली पीछे, चूहा आगे.
धर-पकड़ औ' भागम-भाग!
इधर कुँवा, औ' उधर आग!
पर खेल का होना था अंत
चूहा फंसा, रास्ता था बंद.
आँखें मूंदी, किया नमन,
बची थी उसकी साँसे चंद.
बिल्ली अब आगे बढ़ी,
कहा i love you ,
of course थी चढ़ी!
किया आलिंगन,
दिया चुम्बन!
चूहा स्तब्ध रह गया,
एकदम निशब्द रह गया!
मधुरेश
ek sunder kalpana .....
ReplyDeletejai baba banaras....
ये tom and jerry तो नहीं हो सकते...
ReplyDelete:-)
अनोखा प्यार...अनोखी रचना...
बहुत अच्छे, मधुरेश... हल्की-फुल्की रोचक रचना। कहने का अंदाज़ बढ़िया। थका हुआ था, अचानक मुस्कराने लगा हूं। थोड़ी फुर्ती भी आ गई है.. बिना गिलास चढ़ाए ही!!!
ReplyDeleteरश्मि जी, वटवृक्ष में शामिल करने के लिए बहुत धन्यवाद!
ReplyDeleteऔर आपने एक perfect सी picture लगाकर और ही चार चाँद लगा दिए हैं! :)
ReplyDeletebehad khoobsoorat
ReplyDeleteबहुत बढि़या
ReplyDeleteहा हा हा …………बहुत ही प्यारी लव स्टोरी है ये तो।
ReplyDeleteकल 09/02/2012 को आपकी यह लव स्टोरी नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
ReplyDeleteधन्यवाद!
आपकी पोस्ट चर्चा मंच 9/2/2012 पर प्रस्तुत की गई है
ReplyDeleteकृपया पधारें
http://charchamanch.blogspot.com
चर्चा मंच-784:चर्चाकार-दिलबाग विर्क
टॉम और जेरी जैसी रोचक कविता
ReplyDeleteअभी तक तो यही सुनी थी, " बिल्ली के............ कौन बांधें ",
ReplyDeleteप्रेम-पथ भी कितना
असमंजस भरा है!
होना था निर्भीक औ'
भयभीत खड़ा है!
आप तो जादू कर दिए.... :):)
अजब प्रेम की गजब कहानी ....
ReplyDeleteबहुत सुन्दर...
वाह क्या बात है!!!मधुरेश जी, खेल risky था विसकी ने किया बेड़ा पार.... :)
ReplyDeleteबहुत ख़ूबसूरत..
ReplyDeleteअत्यंत सुन्दर ..
ReplyDeleteआज 12/02/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर (सुनीता शानू जी की प्रस्तुति में) लिंक की गयी हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
ReplyDeleteधन्यवाद!
बहुत खूब... वाह!!!
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