उतार चढ़ाव झंझावात आँधी तूफ़ान
नन्हा दीया इसके मध्य भी अथक प्रयास करता है
उदाहरण वह यूँ हीं नहीं बनता ....
रश्मि प्रभा
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जीवन संघर्ष है
जीवन है संघर्ष अनवरत
मृत्यु अटल विश्राम है
जीवन संघर्ष से इंकार मगर
कायरों का ही काम है
जो जीते जीवन समर को
मृत्यु विश्राम उसका इनाम है
माना ये संग्राम विकट है
तेरा मन भी हुआ विकल है
मगर इस समर में विजय पाने को
हिम्मत तेरी दुधारी तलवार है
रिश्ते नाते अहम् बहुत हैं
अहम् जीवन में प्यार भी है
मगर पहला प्यार जीवन का
तेरा स्वयं होने का एहसास ही है
माना दुःख कष्टों के घन सघन हैं
राह में कंटक विस्तार है
मगर जीवन में आगे बढ़ने का
तुझे मिला वरदान है
बावरे .... तू है तो ही जीवन को
मिलता हर आयाम है
स्मृति यादें
बेहतरीन प्रस्तुति के लिये आभार ।
ReplyDeleteसुन्दर सार्थक प्रस्तुति....
ReplyDeleteमाना दुःख कष्टों के घन सघन हैं
ReplyDeleteराह में कंटक विस्तार है
मगर जीवन में आगे बढ़ने का
तुझे मिला वरदान है
बहुत ही बढि़या प्रस्तुति ।
बहुत सुन्दर कविता !
ReplyDeleteबहुत सुन्दर सार्थक कविता !
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भाव भरे हैं।
ReplyDeleteजीवन है संघर्ष अनवरत
ReplyDeleteमृत्यु अटल विश्राम है
जीवन संघर्ष से इंकार मगर
कायरों का ही काम है
यही जीवन का सच है ....
बावरे .... तू है तो ही जीवन को
ReplyDeleteमिलता हर आयाम है
वन्दनीय जिजीविषा
राह रूकती है तो आगे बढ़ने का वरदान भी है ...
ReplyDeleteप्रेरक!
Kriti ki sarhana ke liye dhnyawaad...! :)
ReplyDeleteमगर पहला प्यार जीवन का
ReplyDeleteतेरा स्वयं होने का एहसास ही है
जीवन दर्शन युक्त सुन्दर रचना .