BMW / Diamond Ring
रश्मि प्रभा
कुश शर्मा
इसे पाना आसान है
माँ मुझे वही देना
जो मैंने माँगा है....
रश्मि प्रभा
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दीवाली सच में!
माँ लक्ष्मी आपको कोटिश: नमन
और नमन के बाद,
खुली चुनौती है!
यदि आप ’सच में’
उस सत्य स्वरूप,
ईश्वर के प्रतिरूप
क्षीर सागर में शेषनाग पर शयन करते,
परम पूज्य, सदा स्मरणीय,
भक्त हृदय निवासी,
दीनानाथ,दीनबन्धु
के चरण कमलों की सदा सेवा का वरदान प्राप्त कर,
जगत जननी स्वरूपा हैं...
तो अबके बरस बजाय ,
झूंठ,पाखंड,कपट,छल,
और दम्भ से इतराती
महलों की अट्टालिकाओं से
प्रभु की अद्भुत रचना ’मानव’
के रचे खेल देखने की बजाय,
किसी भूखे मेहेनती,
या सच्चे जरूरती के झोपडें मे जाना ज़रूर,
माँ, कम से इतना तो हो ही सकता है,
"हैप्पी दिपावली" के अवसर पर!
क्यों कि उसकी आस्था,
उसकी गरीबी की पीडा की सीमायें लाँघ कर भी,
उसे आपकी आराधना को विवश करतीं हैं ,
यदि इस बार भी ऐसा न हुआ तो,
कलयुग फ़िर अट्टहास करते हुये,
ईश्वरीय आस्था के ह्रास का उद्घघोष कर देगा,
और अंधेरा , राम के पुनरागमन के बावजूद,
इस धरा पर अपने साम्राज्य के स्थाई होने का
ऐलान कर मुस्कुरायेगा!
माँ, लक्ष्मी छोटी बात है, आपके लिये,
और मैंने कौन सी BMW माँग ली अपने लिये,
या मेरी पत्नी कोई,
तनिष्क के चार कंगन मिलने के बाद भी,
सिर्फ़ एक और Diamond Ring की ख्वाहिश कर रही है...
और नमन के बाद,
खुली चुनौती है!
यदि आप ’सच में’
उस सत्य स्वरूप,
ईश्वर के प्रतिरूप
क्षीर सागर में शेषनाग पर शयन करते,
परम पूज्य, सदा स्मरणीय,
भक्त हृदय निवासी,
दीनानाथ,दीनबन्धु
के चरण कमलों की सदा सेवा का वरदान प्राप्त कर,
जगत जननी स्वरूपा हैं...
तो अबके बरस बजाय ,
झूंठ,पाखंड,कपट,छल,
और दम्भ से इतराती
महलों की अट्टालिकाओं से
प्रभु की अद्भुत रचना ’मानव’
के रचे खेल देखने की बजाय,
किसी भूखे मेहेनती,
या सच्चे जरूरती के झोपडें मे जाना ज़रूर,
माँ, कम से इतना तो हो ही सकता है,
"हैप्पी दिपावली" के अवसर पर!
क्यों कि उसकी आस्था,
उसकी गरीबी की पीडा की सीमायें लाँघ कर भी,
उसे आपकी आराधना को विवश करतीं हैं ,
यदि इस बार भी ऐसा न हुआ तो,
कलयुग फ़िर अट्टहास करते हुये,
ईश्वरीय आस्था के ह्रास का उद्घघोष कर देगा,
और अंधेरा , राम के पुनरागमन के बावजूद,
इस धरा पर अपने साम्राज्य के स्थाई होने का
ऐलान कर मुस्कुरायेगा!
माँ, लक्ष्मी छोटी बात है, आपके लिये,
और मैंने कौन सी BMW माँग ली अपने लिये,
या मेरी पत्नी कोई,
तनिष्क के चार कंगन मिलने के बाद भी,
सिर्फ़ एक और Diamond Ring की ख्वाहिश कर रही है...
कुश शर्मा
dipaavli shubh ho .akhtar khan akela kota rajsthan
ReplyDeletebejod likha hai.......wah.
ReplyDeleteवाह सर!
ReplyDeleteबहुत ही अच्छा लिखा है आपने।
दीप पर्व आप सभी को मंगलमय हो!
सादर
बहुत सुन्दर.. दीपों के इस पावन पर्व पर आपको भी हार्दिक शुभकामनायें।
ReplyDeletemaa laxmi aapki arz sun le yahi kamna hai...happy deepawali.
ReplyDeleteसुंदर भाव को नमन।
ReplyDeleteवैसे भगवान कुछ नहीं करता। न गरीब करता है न धनवान बनाता है। भगवान को हाजिर नाजिर जान कर जो करता है भक्त ही करता है।
बम, पटाखा और आतिशबाजी धरती माँ को पीड़ा पहुँचाती है। इसका इस्तेमाल हर्गिज न करें।
माटी के तन में
सासों की बाती
नेह का साथ ही
अपनी हो थाती
दरिद्दर विचारों का पहले भगायें
आओ चलो हम दिवाली मनायें।
...दिवाली की ढेर सारी शुभकामनाएं।
रश्मि जी आपकी माँगें अच्छी लगीं । जरूर पूरी होनी चाहिये । आपको दीपावली की हार्दिक शुभ-कामनाएं ।
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteक्या कहने
दीपावली की ढेर सारी शुभकामनाएं
बहुत सुन्दर रचना...
ReplyDeleteदीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं
वाह ..
ReplyDelete.. आपको दीपपर्व की असीम शुभकामनाएं !!
बहुत सुन्दर...
ReplyDeleteदीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं