ज़िन्दगी आज है कल नहीं है
आओ ऐसा कुछ कर जाएँ
किसी के हौसलों को एक नई उड़ान देके जाएँ
रश्मि प्रभा
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"फिर नया आगाज कर ले"
जिंदगी की इस सफर में,
फिर नया आगाज कर ले।
दब गयी जो साँस मन में,
एक नया आवाज भर ले।
देख ले दुनिया को,
फिर हम खूबसुरत नया नया सा,
फिर किसी की चाहतों के वास्ते,
जी ले और मर ले।
जिंदगी की इस सफर में,
फिर नया आगाज कर ले।
टुट कर बिखरोगे जो तुम,
क्या मिलेगा टुटने पर,
तुम ही होगे कल के सपने,
टुटते को जोड़ दो गर।
इसलिए हे पथिक! मत थक,
दूर तक तू हँस के चल ले।
जिंदगी की इस सफर में,
फिर नया आगाज कर ले।
कल तू क्या था वो पुरानी बात हो चुकी है,
सर झुकाता था जहाँ तू,
वो सर आज तेरे सामने झुकी है।
वक्त का है खेल सारा,
जिसने है सब कुछ सीखाया,
दौड़ कर तू राह में,
फिर वक्त के पंजों को धड़ ले।
जिंदगी की इस सफर में,
फिर नया आगाज कर ले।
सत्यम शिवम
कविता और संगीत मेरे जीवन के वो रस है जो मुझमे आत्मरूप जीवंत है। भगवान में मेरी आस्था प्रगाढ है,जो मुझे हर पल इक नयी काव्य कल्पना देती है।
जिंदगी की इस सफर में,
ReplyDeleteफिर नया आगाज कर ले।
jindagi ki ye nayi shuraat...bahut khub ...bahut acchi soch hai..
जिंदगी की इस सफर में,
ReplyDeleteफिर नया आगाज कर ले।
jindagi ki ye nayi shuraat...bahut khub ...bahut acchi soch hai..
सुन्दर नज़रिया…………सुन्दर रचना।
ReplyDeleteजिंदगी की इस सफर में,
ReplyDeleteफिर नया आगाज कर ले।
बहुत सुन्दर और सटीक पंक्तियाँ! शानदार रचना!
कविता के भाव बहुत सुंदर हैं पर वर्तनी की अशुद्धियाँ खटकती हैं...
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteबहुत सुन्दर.
ReplyDeleteदेख ले दुनिया को,
ReplyDeleteफिर हम खूबसुरत नया नया सा,
फिर किसी की चाहतों के वास्ते,
जी ले और मर ले।
बेहतरीन अभिव्यक्ति ।
बेहतरीन !
ReplyDeleteBahut hi acchhi rachna.. aapka har pal ek naya aagaj ho...
ReplyDeleteदब गयी जो साँस मन में,
ReplyDeleteएक नया आवाज भर ले।
वाह क्या बात है ... प्रेरक विचार और सुन्दर रचना !
जिंदगी की इस सफर में,
ReplyDeleteफिर नया आगाज कर ले।..
Lovely lines ...
.
सुन्दर रचना......
ReplyDeletephir ek naya agaz kar le... bhut hi sunder...
ReplyDeleteसत्यम जी की रचना सुन्दर प्रेरणात्मक है। बधाई उन्हें।
ReplyDeleteटुट कर बिखरोगे जो तुम,
ReplyDeleteक्या मिलेगा टुटने पर,
तुम ही होगे कल के सपने,
टुटते को जोड़ दो गर।
इसलिए हे पथिक! मत थक,
दूर तक तू हँस के चल ले।
जिंदगी की इस सफर में,
फिर नया आगाज कर ले।
bahut sunder satyam ji
जिंदगी की इस सफर में,
ReplyDeleteफिर नया आगाज कर ले।
bahut sundar aur aashwadi rachna. badhai Satyam ji.
sakaratmak nazariya....sunder rachna..
ReplyDeleteवक्त का है खेल सारा,
ReplyDeleteजिसने है सब कुछ सीखाया,
दौड़ कर तू राह में,
फिर वक्त के पंजों को धड़ ले।
बहुत उत्साहवर्धक
वक्त का है खेल सारा,
ReplyDeleteजिसने है सब कुछ सीखाया,
दौड़ कर तू राह में,
फिर वक्त के पंजों को धड़ ले।
बहुत उत्साहवर्धक
जिंदगी की इस सफर में,
ReplyDeleteफिर नया आगाज कर ले।....बहुत खुबसूरत पंक्तियाँ
वक्त का है खेल सारा,
ReplyDeleteजिसने है सब कुछ सीखाया,
दौड़ कर तू राह में,
फिर वक्त के पंजों को धड़ ले।
बहुत उत्साहवर्धक