2014
ब्लॉगोत्सव-२०१४, राजनीति का गुण्डा : अविनाश वाचस्पति
ब्लॉगोत्सव-२०१४, राजनीति का गुण्डा : अविनाश वाचस्पति
‘गु ण्डा’ जयशंकर प्रसाद की कहानी का किरदार किताब से बाहर निकलकर राजनीति में अपनी घनघोर उपस्थिति दर्ज करवा चुका है। अभी सप्ताह भर भी नह...
ब्लॉगोत्सव-२०१४, ‘मैं कौन हूँ’ का आवरण और स्त्री एवं स्त्री-सशक्तिकरण
ब्लॉगोत्सव-२०१४, ‘मैं कौन हूँ’ का आवरण और स्त्री एवं स्त्री-सशक्तिकरण
भा रतीय दर्शन के मूल में एक प्रश्न उभरता है कि मैं कौन हूँ? दर्शन की अपनी अवधारणा, अस्तित्व को तलाशने और पहचानने का सूत्र। ‘मैं कौन हू...
ब्लॉगोत्सव-२०१४, चौबीसवाँ दिन, सुशांत सुप्रिय की कहानी: एक गुम-सी चोट
ब्लॉगोत्सव-२०१४, चौबीसवाँ दिन, सुशांत सुप्रिय की कहानी: एक गुम-सी चोट
कैसा समय है यह जब बौने लोग डाल रहे हैं ...
ब्लॉगोत्सव-२०१४, तेईसवाँ दिन, डॉ अ कीर्तिवर्धन की कविता
ब्लॉगोत्सव-२०१४, तेईसवाँ दिन, डॉ अ कीर्तिवर्धन की कविता
कविता मिलता हूँ रोज खुद से, तभी मैं जान पाता हूँ, गैरों के गम में खुद को, परेशान पाता हूँ। गद्दार इंसानियत के, जो खुद की खातिर ज...
ब्लॉगोत्सव-२०१४, सुजश शर्मा की कविताएँ
ब्लॉगोत्सव-२०१४, सुजश शर्मा की कविताएँ
करूणा और अन्य भीतर करूणा कुचली जा रही और जो पाया वही दे दिया नामालूम किससे लिया गया किसे दिया , मगर भीतर...
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