
दुनिया कहाँ से कहाँ आ गई
अक्ल के मारे सब ....... भैंस की तरह
एक प्रश्न ... पागुर किये जा रहे
रश्मि प्रभा
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अक्ल बड़ी या भैंस-एक कटाक्ष
जब मैं बच्चा था, शायद दूसरी या तीसरी कक्षा में पढता था तो एक दिन शिक्षक महोदय ने हम लोगों से एक प्रश्न पूछा-"अक्ल बड़ी या भैंस?" आपके शिक्षक महोदय ने भी आपसे यह प्रश्न कभी न कभी अवश्य पूछा होगा. नहीं?? कुछ प्रश्न होते ही हैं ऐसे जो हर बार पूछे जाते हैं क्यूंकि मेरी समझ में हर शिक्षक या इंसान ऐसे कुछ प्रश्नों का जबाब देकर छोटे नन्हे बच्चों के सामने अपनी तार्किक बुद्धि की तर्क देने की क्षमताओं को दिखाना चाहते हैं. यह इतर हो की भले ही उन्हें खुद बचपन में यह सवाल नहीं आता हो लेकिन वो कक्षा में इसकी झूठी डिंग हांक बच्चों के मन में थोड़ी इज्ज़त तो बतोड़ ही लेते हैं. (वह लोग मुझे माफ़ करें जिनकी भावनाओं को कोई ठेंस पहुची हो पर मेरे विचार में छोटे बच्चों को ऐसे ही लोग पढ़ाते हैं जिनके लिए आजीविका का और कोई साधन न हो, या यूँ कहिये आज हर वर्ग को कुछ ऐसे ही लोग पढ़ाते हैं.यह कितने शर्म की बात है!!)
तो हुआ यूँ की जब यह प्रश्न मेरे कक्षा मित्रों के आगे रखा गया तो कुछ ने अक्ल कहा और कुछ ने भैंस. अक्ल वाले वे थे जिनके माता पिता या किसी दुसरे परिचित ने उनसे पहले ही यह प्रश्न पूछ रखा था. भैंस वाले वह थे जिनका ऐसे प्रश्न से कभी कोई परिचय नहीं हुआ. या यूँ कहे उन अबोधों ने बिना अधिक सोचे समझे जैसा दीखता है वैसा ही बोल दिया. आखिर नज़रों के सामने भैंस के आगे अक्ल की क्या बिसात है!! दुर्भाग्यवस मेरा जबाब भी दूसरी श्रेणी में था.
फिर शिक्षक महोदय ने हमें बड़े प्यार से समझाया की बेटा भैंस कितनी भी बड़ी हो,कितनी भी मजबूत हो उसे अक्ल से आसानी से काबू किया जा सकता है. इसलिए अक्ल हमेशा भैंस से बड़ी होती है." अब भाई मैंने भले ही यह प्रश्न न सुना हो पर मैंने गाँधी के बारे में जरूर पढ़ा था. मैं खड़ा हो गया और बोला- "लेकिन भैंस में इतनी अक्ल तो होती ही है की अपनी रक्षा कर सके. एक जानवर जो जंगलों में आजाद घुमने के लिए पैदा हुआ, उसे जब गुलामी की बेड़ियाँ पहनाई जाती हैं तब भी वह कोई खास प्रतिरोध नहीं करती जबकि वह आराम से लोगों को मार सकती है. उसने खुद इसे चुना है जिसे आज हम अहिंसा का नाम देकर हर जगह बखान किये फिरते हैं. तो फिर हिंसा करने वाली अक्ल अहिंसात्मक भैंस से कैसे बड़ी हो सकती है?? मेरे विचारों में तो भैंस ही बड़ी होगी."
मेरा जबाब सुनकर बच्चे खिलखिलाकर हंस पड़े. शिक्षक महोदय ने कुछ क्षण कुछ सोचा फिर एक टका सा जबाब दे दिया" तुम्हारे ऐसे मंदबुद्धि बच्चों का कभी कुछ नहीं हो सकता". इस घटना को घटित हुए आज लगभग 13-14 साल हो चुके हैं. मैंने आज तक इतना कुछ पढ़ा पर फिर भी जब कभी उस सवाल के बारे में सोचता हूँ तो कोई सही जबाब नहीं मिल पता.
सोचिये जो अगर अक्ल बाकई बड़ी होती तो क्या आज यह नेता बड़े नहीं होते जो अपने अक्ल का इश्तेमाल कर दुसरो को आसानी से मुर्ख बनाते रहते हैं? क्या वह देश बड़े नहीं होते जिनके लोगों ने अपने अक्ल का इस्तेमाल कर पूरी दुनिया को गुलाम बना लिया? क्या वह लोग बड़े नहीं होते जिन्होंने अपने उन्नत अक्ल के बूते पूरी दुनिया में आतंवाद का साया फैला दिया?
मैं जानता हूँ की हम जब भी किसी से यह सवाल करेंगे तो जबाब हमेशा अक्ल ही होगी तो फिर इस पुरे सवाल-जबाब में गलती कहाँ है? शायद जो कोई मुझे इसकी गलती बता सके.
मेरे विचार
कुछ ज्यादा तो नहीं खुद के बारे में बताने को. एक आम भारतीय जिसके सर पर बहूत सारी जिम्मेदारियां हैं और इन्ही के तले दबे वह चाहता है की काश कुछ बदल जाये,इस देश की हालत सुधर जाये. मैं अपने विचारों को नित साझा कर लोगो को इस बदलाव के प्रति प्रेरित करना चाहता हूँ. मैं अपनी पहचान को जाहिर करना नहीं चाहता क्यूंकि इससे लोगों का आपकी तरफ देखने का नजरिया बदल जाता है. मैं बच्चन की दो पंक्तियाँ लिखना चाहूँगा- किसी विवशता में खुलता हूँ खुलने की साध तो नहीं है, जग में अंजाना रह जाना कोई अपराध तो नहीं है.

http://meri-avivyakti.blogspot.com/
बहुत बढि़या।
ReplyDeleteबहुत बढिया विचारजन्य आलेख्…………
ReplyDeleteआज लोगों के लालच ने
भैंस को बडा बना रखा है
और अक्ल को गिरवीं
रखा हुआ है वरना
अक्ल के आगे
कब किसी का जोर चला है
post men kafi akal nazar aa rahi hai.....
ReplyDeleteमुश्किल प्रश्न है.. अक्ल बड़ी या भैंस! हम्म...
ReplyDeleteपहले दोनों की date of birth बताएं.
बहूत खूब!
ReplyDeleteमेरे विचारों को अपने ब्लॉग के माध्यम से दूसरों से साझा करने के लिए बहूत बहूत शुक्रिया. मैं आपका आभारी हूँ.
ReplyDeleteमुझे ख़ुशी हुई की आपको वह आलेख(अक्ल बड़ी या भैंस-एक कटाक्ष) पसंद आई. इसी तरह आते रहिये, आपसे यही गुजारिश.
Baat to sahi hai...
ReplyDeleteरश्मी जी,
ReplyDeleteजटिल विषय पर सुंदर आलेख ....
निवेदन है कि मेरी रचना "वजूद" को अपने ब्लॉग वटवृक्ष में शामिल करे.......
जिसको अक्ल उसकी लाठी। जिसकी लाठी उसकी भैंस।
ReplyDeleteआपकी पोस्ट आज के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
ReplyDeleteकृपया पधारें
चर्चा मंच-708:चर्चाकार-दिलबाग विर्क
hum bhi pahale akl ko badi manane lage the par ab to bhnes badi ho gai aor aapne hamara confusan mita diya dhanyawad
ReplyDeleteअक्ल के बढा या छोटा होने बडी बात यह है की वो किस दिशा और दशा मे है...वेसे भेंस से अक्ल की तुलना करने वाले की अक्ल कि दिशा और दशा दोनों का अंदाजा हो गया है....एसा शख्स लाख चाहे भेंस से आगे नही सोच सकेगा...और वो चाहेगा की दूसरे लोग भी उसके साथ भेंस के तबेले मे उसके आस पास ही रहे ...वरना वो अक्ल की तुलना मन मोहन से करता अन्ना से करता हमसे करता तुमसे करता ...सबसे करता...पर उसे मिली बस एक भेंस ...पक्का भेस के सींग की चोट खाई होगी इसी लिये उसका दिमाग क्न्फ्यूज हो गया होगा...और सोचने लगा होगा की अक्ल बडी या भेंस...:-)
ReplyDeleteमित्रों चर्चा मंच के, देखो पन्ने खोल |
ReplyDeleteआओ धक्का मार के, महंगा है पेट्रोल ||
--
बुधवारीय चर्चा मंच ।
अक्ल बङी या भैंस
ReplyDelete🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃
महामूर्ख दरबार में,
लगा अनोखा केस
फसा हुआ है मामला/ / , ...
अक्ल बङी या भैंस
🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃
अक्ल बङी या भैंस,
दलीलें बहुत सी आयीं
महामूर्ख दरबार की
अब,देखो सुनवाई
🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃
मंगल भवन अमंगल हारी-
भैंस सदा ही अकल पे भारी
भैंस मेरी जब चर आये चारा
पाँच सेर हम दूध निकारा
🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃
कोई अकल ना यह कर पावे
चारा खा कर दूध बनावे
🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃
अक्ल घास जब चरने जाये
हार जाय नर अति दुख पाये
🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃
भैंस का चारा
लालू खायो
निज घरवारि
सी.एम. बनवायो
🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃
तुमहू भैंस का चारा खाओ
बीवी को सी.एम. बनवाओ
🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃
मोटी अकल मन्दमति होई
मोटी भैंस दूध अति होई
🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃
अकल इश्क़ कर कर के रोये
भैंस का कोई बाँयफ्रेन्ड ना होये
🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃
अकल तो ले मोबाइल घूमे
एस.एम.एस. पा पा के झूमे
🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃
भैंस मेरी डायरेक्ट पुकारे
कबहूँ मिस्ड काल ना मारे
🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃
भैंस कभी सिगरेट ना पीती
भैंस बिना दारू के जीती
🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃
भैंस कभी ना पान चबाये
ना ही इसको ड्रग्स सुहाये
🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃
शक्तिशालिनी शाकाहारी
भैंस हमारी कितनी प्यारी
🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃
अकलमन्द को कोई ना जाने
भैंस को सारा जग पहचाने
🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃
जाकी अकल मे गोबर होये
सो इन्सान पटक सर रोये
🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃
मंगल भवन अमंगल हारी
भैंस का गोबर अकल पे भारी
🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃
भैंस मरे तो बनते जूते
अकल मरे तो पङते जूते
😜😊😊😊😊😊😁
अब बोलो अक्ल बड़ी या भैंस।। ??
अक्ल बङी या भैंस
ReplyDelete🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃
महामूर्ख दरबार में,
लगा अनोखा केस
फसा हुआ है मामला/ / , ...
अक्ल बङी या भैंस
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अक्ल बङी या भैंस,
दलीलें बहुत सी आयीं
महामूर्ख दरबार की
अब,देखो सुनवाई
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मंगल भवन अमंगल हारी-
भैंस सदा ही अकल पे भारी
भैंस मेरी जब चर आये चारा
पाँच सेर हम दूध निकारा
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कोई अकल ना यह कर पावे
चारा खा कर दूध बनावे
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अक्ल घास जब चरने जाये
हार जाय नर अति दुख पाये
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भैंस का चारा
लालू खायो
निज घरवारि
सी.एम. बनवायो
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तुमहू भैंस का चारा खाओ
बीवी को सी.एम. बनवाओ
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मोटी अकल मन्दमति होई
मोटी भैंस दूध अति होई
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अकल इश्क़ कर कर के रोये
भैंस का कोई बाँयफ्रेन्ड ना होये
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अकल तो ले मोबाइल घूमे
एस.एम.एस. पा पा के झूमे
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भैंस मेरी डायरेक्ट पुकारे
कबहूँ मिस्ड काल ना मारे
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भैंस कभी सिगरेट ना पीती
भैंस बिना दारू के जीती
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भैंस कभी ना पान चबाये
ना ही इसको ड्रग्स सुहाये
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शक्तिशालिनी शाकाहारी
भैंस हमारी कितनी प्यारी
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अकलमन्द को कोई ना जाने
भैंस को सारा जग पहचाने
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जाकी अकल मे गोबर होये
सो इन्सान पटक सर रोये
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मंगल भवन अमंगल हारी
भैंस का गोबर अकल पे भारी
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भैंस मरे तो बनते जूते
अकल मरे तो पङते जूते
😜😊😊😊😊😊😁
अब बोलो अक्ल बड़ी या भैंस।। ??