बया ने भी ले लिया प्रण
करेगा नीड़ का निर्माण खुद
देखेगा - राधा बया कब तक रूकती है ....!
ओह -

रश्मि प्रभा
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ऐसी मान्यता है कि नर बया घोसला बुनना शुरू करता है और आधा निर्माण हो जाने पर घोंसले के बाहर न्रत्त्य
करता है जब तक कि कोई मादा बया उसके न्रत्त्य पर रीझ कर उसके पास न आ जाए , फिर दोनों मिलकर
घर ( नीड़ ) पूरा करते हैं , उसके बाद बया उसमें अपने बच्चों को जनम देती है , इसे लेकर एक रचना :-


नीड़ का निर्माण आधा

कर नीड़ का निर्माण आधा
नर बया ने मौन साधा
न्रत्त्य कर कर थक गया तन
पर न आई एक राधा

उड़ गया फिर दुसरे वन
इक नया संकल्प लेकर
अब बुनूँगा नीड़ फिर से
स्वयं का सर्वस्व देकर
एक शंका घेरती मन
हो चुका इक बार ऐसा
बांसुरी कि तान पर भी
राधिका ने मौन साधा

पर न पीछे अब हटूंगा
नीड़ को आकार दूंगा
और अंतिम सांस तक मैं
आस उसकी में रहूँगा
है प्रणय में शक्ति कितनी
यह समय बतलायेगा
जब न्रत्त्य में लूंगा समाधि
ढूँढती आएगी राधा


बी एल गौड़

18 comments:

  1. जब न्रत्त्य में लूंगा समाधि
    ढूँढती आएगी राधा

    बेहतरीन प्रस्‍तुति ।

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  2. ekdam lajabab.......aur nai jankari bhi mili.....

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  3. उड़ गया फिर दुसरे वन
    इक नया संकल्प लेकर
    अब बुनूँगा नीड़ फिर से
    स्वयं का सर्वस्व देकर
    एक शंका घेरती मन
    हो चुका इक बार ऐसा
    बांसुरी कि तान पर भी
    राधिका ने मौन साधा

    सुन्दर गीत....
    सादर....

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  4. जब न्रत्त्य में लूंगा समाधि
    ढूँढती आएगी राधा
    ॥समाधि की अवस्था मे ही तो प्रेम की पूर्णता है।

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  5. "नीड़ का निर्माण" फिर बच्चन जी की जीवनी का दूसरा भाग है,

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  6. Bhaawpoorna,bahut umda abhivyakti !

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  7. डेडिकेशन ऐसा ही होना चाहिए...

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  8. प्रणय की शक्ति ही एसा ऊंचा मनोबल दे सकती है। सुंदर भावाभिव्यक्ति।

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  9. लाज़वाब अभिव्यक्ति!

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  10. सुन्दरं भावमय रचना

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