प्यार के पोपकोर्न... बिल्कुल शुद्ध
कोई मिलावट नहीं - मस्त , कुरकुरे
पालने में झूलती लड़ियों जैसे
रश्मि प्रभा
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प्यार के पोपकोर्न
आजकल जहाँ से गुजरते है एक सोंधी सी खुशबू ठिठकने पर मजबूर कर देती है लगता है कहीं ना कहीं कुछ पापकार्न पक रहे है ये मक्के वाले नहीं जी ये तो प्यार वाले पापकार्न है ,छोटे शहरों में जो मोहल्ले की छतों पर,पार्क के कोनो में हुआ करता था आज वो हर सड़क और गली ,मॉल और पार्क ,कैफे और बाज़ार में सामने दिखता है ,मारल पुलिस प्लीज़ माफ़ करो मुझे तो ये गुलाबी मौसम बहुत पसंद है , जब हवा में सिर्फ प्यार छाया हो ,माना छतें और शामें आज की तेज़ रफ़्तार ज़िन्दगी से माइनस हो चुकी है पर दिल तो वही है ना और दिलदार भी साथ ही है, फिर ज्यादा कुछ करना भी तो नहीं है,बस एक कॉम्प्लीमेंट ,एक गुलाब ,एक कप चाय या छोटी सी वाक. सारा नज़ारा बदल देगा .सब सामने ही है पर रोज़ कि व्यस्तताओं नें आँखों पर काला चश्मा लगा दिया है
सिर्फ युवा ही नहीं आज हर जोड़ा खुलकर अपने प्यार का इज़हार करता है,चाहें जन्मदिन हो ,valentine डे या यूँही , आखिर बुराई क्या है ,जिस जीवन साथी ने हर सुख दुःख में आपका साथ दिया है अगर उसका हाँथ थाम कर दुनिया के नज़ारे देखने निकल पड़े तो भवें क्यों तिरछी क्यों की जाए,चाहें बरसात के मौसम में एक साथ भुट्टे का मज़ा लेना हो या खोमचे पर खड़े होकर चाट खाना और अपनी "प्रियतमा" को गोलगप्पे खाते हुए देखना, कुछ द्रश्य जो आज से कुछ साल पहले तक शायद दीखते नहीं थे आज आम है .ऐसे दृश्य हमें एहसास दिलाते है ज़िन्दगी सिर्फ भागने के लिए नहीं है ,कुछ पल सुकूं से गुज़ारने के लिए भी है,किसी रिश्ते में बंधने से पहले वो पल जैसे भी हो निकाले जाते थे और जिए भी जाते थे डर था ना अपने साथी को खोने का ,और आज जब वो साथ है तो वक़्त की कमी का रोना क्यों ? तीन घंटे पिक्चर हाल में गुजारना कुछ लोगों को पैसे या टाइम की बर्बादी लग सकता है पर कोई बताये सिर्फ साथ रहने के लिए अपनी व्यस्त शाम में से तीन घंटे कौन निकाल पाता है, कितने लोग है जो शाम को जल्दी आकर कहते है चलो तैयार हो जाओ कहीं घूम कर आते है , आसमान में बादल छाते है ,बरस जाते है जब तक हम आप बाहर निकलते है तब हमें सिर्फ कीचड और ट्रेफिक जाम याद आता है,आज कोई बुजुर्ग जोड़ा जब मॉल में एक कॉफ़ी टेबल पर एक साथ सुकून से काफ़ी का मज़ा ले रहा होता है तो कितने युवा जोड़ों के दिल में यही उम्मीद जगाती है काश हमारा बुढ़ापा भी ऐसे हाँथ में हाँथ डालकर बीते एक दुसरे के साथ. अजीब बात है सबको रश्क है टीनएजर युवाओं से रश्क कर रहे है "जब हम Independent होंगे तो जैसे चाहें एन्जॉय करेंगे ", युवा अधेड़ों से रश्क करते है "यार हम भी सेटल हो जाए फिर लाइफ जियेंगे " और बुजुर्ग पीछे मुड कर देखते है और सोचते है काश ..थोडा वक़्त अपने लिए भी निकाला होता . बस यूँही फिसल जाते है हसीं लम्हें रेट कि मानिंद हांथों सेबड़ों के लिहाज के चलते ऐसे पलों का मज़ा सिर्फ पहाड़ों पर छुट्टियों के दौरान ही उठाते थे ना ,आज वीकेंड वही मौक़ा देता है हर हफ्ते आप पर है आप कितना एन्जॉय कर पाते है ,प्यार तब भी था प्यार अब भी है बस पहले जताते नहीं थे अब छिपाते नहीं. भले ही युवा जोड़ों को गुटर-गूं करते देख दिल में टीस उठे कभी उनको बे-शर्म भी कह दे पर वो टीस खुद वो लम्हे ना एन्जॉय कर पाने की होती है, तो रोका किसने है ज़िन्दगी तो यूँही भागती रहेगी जब तक जोड़ों के दर्द आपको धीमे चलने के लिए मजबूर नहीं कर देंगे क्या पता तब वक़्त हो ,पैसा हो पर साथी ना हो ,लम्हे तो चुराने ही पड़ेंगे ना ,
--सोनल रस्तोगी
कल 27/11/2011को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
ReplyDeleteधन्यवाद!
बहुत बढि़या।
ReplyDeletewaah kya baat hai padh kar aanand aa gaya.
ReplyDeleteबहूत सच कहा है...सटीक आलेख.
ReplyDeletebahut sundar likha... aur aik nasihat bhi ki lamhen to pyar ke aapko apne liye churaane hee honge .. bahut sundar kaha...
ReplyDeleteप्यार के पोपकोर्न है आपके हाँथ थामने भर से खिल उठेंगे और अपनी सोंधी खुशबू से मजबूर कर देंगे...
ReplyDelete--
बहुत बढ़िया!
bahut sunder...
ReplyDeleteक्या खूब कहा..!!
ReplyDeletekya khoob likha hae aapne pyar ke popcorn, mujhe achanak ehasas hua ki esa bhi to hona chahiye.................
ReplyDeleteबहुत ही मनभावन आलेख...
ReplyDeletebahut hi sadagi or sundarata se apne prem par prembhari bate kah di hai...
ReplyDeleteapki yah post bahut hi acchi hai...
sundar prastuti...
bahut badiya
ReplyDeleteप्यार के पॉपकोर्न सोंधे सोंधे लगे .
ReplyDeleteज़िन्दगी तो यूँही भागती रहेगी जब तक जोड़ों के दर्द आपको धीमे चलने के लिए मजबूर नहीं कर देंगे क्या पता तब वक़्त हो ,पैसा हो पर साथी ना हो ,लम्हे तो चुराने ही पड़ेंगे ना ,बहुत बढ़िया.
ReplyDeleteयह पापकार्न तो मन प्रसन्न करने वाला है।
ReplyDeleteसोनल जी,बहुत अच्छा लिखतीं हैं.
ReplyDeleteसुन्दर लेखन के लिए आभार.
समय मिले तो मेरे ब्लॉग पर आईयेगा.
aap sabhi ko dil se dhanyawaad
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