दर्द का क्या भरोसा,आ जाय जब तब
मनाते खुशियाँ रहो तुम जियो जब तक
है बड़ी अनबूझ ये जीवन पहेली
है कभी दुश्मन कभी सच्ची सहेली
बांटती खुशियाँ,कभी सबको हंसाती
कभी पीड़ा,दर्द के आंसू रुलाती
क्या पता कब मौत आ दे जाय दस्तक
मनाते खुशियाँ रहो तुम जियो जब तक
आसमां में जब घुमड़ कर मेघ छाते
नीर बरसा प्यास धरती की बुझाते
तो गिराते बिजलियाँ भी है कहीं पर
धूप,छाँव,सर्द ,गर्मी,सब यहीं पर
कौन जाने,कौन मौसम ,रहे कब तक
मनाते खुशियाँ रहो ,तुम जियो जब तक
कभी शीतल पवन जो मन को लुभाती
वही लू के थपेड़े बन है तपाती
धूप सर्दी में सुहाती बहुत मन को
वही गर्मी में जला देती बदन को
कौन का व्यहवार ,जाए बदल कब तक
मनाते खुशियाँ रहो तुम जियो जब तक
मदन मोहन बाहेती 'घोटू'
मनाते खुशियाँ रहो तुम जियो जब तक
है बड़ी अनबूझ ये जीवन पहेली
है कभी दुश्मन कभी सच्ची सहेली
बांटती खुशियाँ,कभी सबको हंसाती
कभी पीड़ा,दर्द के आंसू रुलाती
क्या पता कब मौत आ दे जाय दस्तक
मनाते खुशियाँ रहो तुम जियो जब तक
आसमां में जब घुमड़ कर मेघ छाते
नीर बरसा प्यास धरती की बुझाते
तो गिराते बिजलियाँ भी है कहीं पर
धूप,छाँव,सर्द ,गर्मी,सब यहीं पर
कौन जाने,कौन मौसम ,रहे कब तक
मनाते खुशियाँ रहो ,तुम जियो जब तक
कभी शीतल पवन जो मन को लुभाती
वही लू के थपेड़े बन है तपाती
धूप सर्दी में सुहाती बहुत मन को
वही गर्मी में जला देती बदन को
कौन का व्यहवार ,जाए बदल कब तक
मनाते खुशियाँ रहो तुम जियो जब तक
मदन मोहन बाहेती 'घोटू'
कौन का व्यहवार ,जाए बदल कब तक
ReplyDeleteमनाते खुशियाँ रहो तुम जियो जब तक
शाश्वत सच! वाह! सादर साधुवाद।
shikchatmak......
ReplyDeleteसही कहा…………सुन्दर रचना।
ReplyDeletewaah bahut khub
ReplyDeletebilkul sahi...
ReplyDeleteक्या पता कब मौत आ दे जाय दस्तक
ReplyDeleteमनाते खुशियाँ रहो तुम जियो जब तक
अतिसुन्दर!!
शानदार गीत की समधुर प्रस्तुति!! आभार!!
Very good. Somebody said once "Live your life as it is the last day left for you"...
ReplyDeleteकौन का व्यहवार ,जाए बदल कब तक
ReplyDeleteमनाते खुशियाँ रहो तुम जियो जब तक.........
सुन्दर रचना.........
behtreen.....
ReplyDeleteवाह ...बहुत ही सुन्दर रचना..!
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