
तिनके-तिनके से गौरैया अपना नीड़ बसाती है संध्या होने से पहले ही दाना लेकर आती है नीड़ में बच्चे शोर मचाते भूख लगी माँ दाना दो खिला-पिलाकर बच...
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तिनके-तिनके से गौरैया अपना नीड़ बसाती है संध्या होने से पहले ही दाना लेकर आती है नीड़ में बच्चे शोर मचाते भूख लगी माँ दाना दो खिला-पिलाकर बच...