इन तमाम पन्नो को मैंने चाहा है समेटना
अपनी आँखों से जेहन तक चाहा है भरना
ये पन्ने कोरे पन्ने नहीं
जज्बातों की ताबीर हैं ...
===========================================================
इन्ही पन्नों पर...
अपनी हर मुलकात की,
हर बात,
अपनी हर रात का,
हर अहसास,
यूंही कैद कर लेना चाहती हूँ...
इन्हीं पन्नों पर...
हर वो खुशी,
जब भी आई हंसी,
हर वो गम,
जब आँखें हुईं नाम,
यूंही लिख देना चाहती हूँ कलम से...
इन्हीं पन्नों पर...
हर वो सदा,
जो याद आ गयी,
हर वो अदा,
जो इस मन को भा गयी,
यूंही सरे पल समेट लेना चाहती हूँ...
इन्हीं पन्नों पर...
हमेशा के लिए...
हर वो सदा,
ReplyDeleteजो याद आ गयी,
हर वो अदा,
जो इस मन को भा गयी,
यूंही सरे पल समेट लेना चाहती हूँ...
बहुत ही सुन्दर भावों के साथ बेहतरीन अभिव्यक्ति ...।
बहुत ख़ूबसूरत
ReplyDeleteअपनी हर मुलकात की,
हर बात,
अपनी हर रात का,
हर अहसास,
यूंही कैद कर लेना चाहती हूँ...
इन्हीं पन्नों पर...
वाह!
सुंदर प्रस्तुति
ReplyDeleteऔर ये पन्ने हमारी अमूल्य निधि बन जाते हैं ...!
ReplyDeleteकर लीजिए कैद पन्नों पर ..धरोहर बन जायेंगे ये पन्ने ....अच्छी प्रस्तुति
ReplyDelete"अपनी हर मुलकात की,
ReplyDeleteहर बात,
अपनी हर रात का,
हर अहसास,
यूंही कैद कर लेना चाहती हूँ...
इन्हीं पन्नों पर..."
पूजा जी.आपकी यह रचना मन की कोमल भावनाओं से ओत-प्रोत है.
आपने तो कैद को भी सुखद बना दिया है.
वाह बहुत ही सुन्दर ख्याल्…………यही तो यादों का दस्तावेज़ बन जाती हैं।
ReplyDeleteये पन्ने होंगे फिर अनमोल ..सुन्दर रचना.
ReplyDeletesundar abhivyakti, shubhkaamnaayen.
ReplyDeleteपूजा जी की कविता बहुत अच्छी रही..
ReplyDeleteऔर रश्मि जी, आपके लिए कुछ कहना तो सूरज को...दिया दिखाने जैसा है.
खूबसूरत ख्वाहिश और एहसास
ReplyDeleteबेहतरीन अभिव्यक्ति!
ReplyDeleteदीदी हमेशा की तरह .......दिल तक पहुँच जाने वाली बेहतरीन अभिव्यक्ति
ReplyDeleteकविता है ही ऐसा माध्यम जिसमें हम अपने गमो खुशी समेत लेते हैं शब्दों से, पन्नों पर ...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर !
हर वो खुशी,
ReplyDeleteजब भी आई हंसी,
हर वो गम,
जब आँखें हुईं नाम,
यूंही लिख देना चाहती हूँ कलम से...
इन्हीं पन्नों पर...
ज़िंदगी पन्नों को लिखना चाहतें हम भी... बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति है |
ये पन्ने कोरे पन्ने नहीं
ReplyDeleteजज्बातों की ताबीर हैं ...
बेहद ख़ूबसूरत पंकितयां. पूजा की रचना भी अच्छी लगी.
आपकी पंक्तियाँ मेरी कविता को मिलीं,
ReplyDeleteइस सम्मानित अवसर को प्रदान करने के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया...