क्षणिकाएं
कुछ बातें क्षणों की होती हैं
पर बड़ी गहरी होती हैं
ज्यों किताब के बीच रखे सूखे फूल
सूखते नहीं
ये क्षण भी सदियों तक साँसें लेते हैं ....
रश्मि प्रभा
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१. कुछ लिखना
तू चाहती थी कि
मैं लिखूं तुझ पर कुछ
पर पाता हूं खुद को असमर्थ
कि तुम
जो खुद एक किताब हो
उसके पन्ने पलटते पलटते
खुद मैं खो जाता हूं
पर हाँ, इतना लिखना काफी है
कि मेरी ज़िन्दगी की किताब के
मुखपृष्ठ पर छपी तेरी आँखें
डूबने के लिए काफी हैं!!!
२. बदलियाँ
बेशक सूख चुकी हैं
मेरी आँखे
लेकिन देखकर
कल की तेरी भीगी आँखें
और आज कि तेरी याद से
बरस पड़ी मेरी आँखों से
बदलियाँ!!!
३. मासूमियत
कल देखी थी तेरे
चेहरे की मासूमियत
अब अगर मेरी ऑंखें
देखने में धोखा खा जाये
तो भी
मुझे मंज़ूर है!!!
४. उसूल
कुछ तो हम नादाँ थे
कुछ कुसूर था तेरी मासूमियत का
वक्त यूँही गुज़रता गया
हम उसूल निभाते रहे.!!!
५. कोई अनकहा अध्याय
तेरी कलम को मैंने
कहीं छुपा कर रख दिया है
डरता हूं कहीं
ये फिर से ना लिख दे
कोई अनकहा अध्याय!!!
६. असली पन्ना
हवा के झोंखे पलटते रहते हैं
मेरी ज़िन्दगी के पन्ने
मैं हमेशा कि तरह उधेड़बुन में
उलझा रह जाता हूं
और हर बार
पढने से छूट जाता है
ज़िन्दगी का एक
असली पन्ना!!!
७. प्यार जताना
तुने मुझे सिखाया है
बोलना, सोचना
महसूस करना
अब प्यार करना और
जताना भी सिखा दे!!!
८. मेरे जज़्बात
कल तुने कहा था-
मैं उतना परिपक्व हूँ नहीं
जितना समझता हूं
तुने सही कहा है
शायद इसीलिए
हर बार क़त्ल हो जाते हैं
मेरे जज़्बात
मेरे ही हाथों!!!
९. होठों के निशाँ
तू जाते जाते
छोड़ गई थी गिलास पर
अपने होठों के निशाँ
मैं भी पी गया था फिर
उसी गिलास से पानी
अब किसी और से पीना
फीका फीका सा लगता है!!!
()देवेन्द्र कु. शर्मा --
Devendra K Sharma "Man without Brain"
Resident of-Bundi (Rajasthan)-323021.
Qualifications: ACS, ICWA, M.Com
Occupaton:
Management Trainee (Finance)
Coal India Limited
094519-83612
078696-38689
097836-56152
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www.csdevendrapagal.blogspot.com
हर बार क़त्ल हो जाते हैं
ReplyDeleteमेरे जज़्बात
मेरे ही हाथों!!!
बहुत ही खूबसूरत शब्दों का संगम है इन क्षणिकाओं में बेहतरीन प्रस्तुति के लिये आभार ।
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ReplyDeleteनए कलम से नए भाव की क्षणिकाएं..
ReplyDeleteदेवेन्द्र जी की क्षणिकाएं....???? बहुत सुन्दर!कुछ तो वास्तव में बहुत प्यारी.
ReplyDeleteकल देखी थी तेरे
चेहरे की मासूमियत
अब अगर मेरी ऑंखें
देखने में धोखा खा जाये
तो भी
मुझे मंज़ूर है!!!'
हा हा हा एकदम एक मासूम बच्चा और वैसी ही सोच.तभी तो कहती हूँ हमारे शब्द हमे उजागर कर देते हैं. प्यारे इंसान हो!लिखते भी अच्छा हो.
कौन सी क्षणिका ऐसी है जो प्यार मे डूबी ना हो……………जैसे एक सदी जी गये हों सिर्फ़ कुछ पलों मे ही…………सीधा दिल मे उतरी हैं………………लाजवाब्।
ReplyDeleteएक से बढ़ कर एक क्षणिकाएं ....बहुत अच्छी लगीं
ReplyDeleteबहुत प्यारी क्षणिकाएं हैं...
ReplyDeleteवकिस ऐसे ही क्षण होते हैं जो दिल में, जिन्दगी में यूँ छाप छोड़ जाती हैं...
तेरी कलम को मैंने
ReplyDeleteकहीं छुपा कर रख दिया है
डरता हूं कहीं
ये फिर से ना लिख दे
कोई अनकहा अध्याय!!!
वैसे तो बाकी के क्षणिकाएं भी सुन्दर हैं पर मुझे खास कर ये वाली बहुत अच्छी लगी !
बहुत सुंदर और ’परिपक्व’ क्षणिकाएं
ReplyDeleteapki rachnain vastvik ho jati hain ...
ReplyDeleteबेशक सूख चुकी हैं
ReplyDeleteमेरी आँखे
लेकिन देखकर
कल की तेरी भीगी आँखें
और आज कि तेरी याद से
बरस पड़ी मेरी आँखों से
बदलियाँ!!!
बहुत ही भावपूर्ण अभिव्यक्ति।
सभी क्षणिकाएं ज़िंदगी के अलग-अलग रंगों का सुंदर चित्रण कर रही हैं।
"तेरी कलम को मैंने
ReplyDeleteकहीं छुपा कर रख दिया है
डरता हूं कहीं
ये फिर से ना लिख दे
कोई अनकहा...."
बेहद संजीदगी से कही गई बात .भाव से पूर्ण यह रचना इमानदार आत्ममंथन से उपजी प्रतीत होती है.
सुंदर एहसासों से भरपूर सुंदर क्षणिकाएं -
ReplyDeleteआपको नववर्ष की शुभकामनाएं -
बहुत सुन्दर क्षणिकाएं !
ReplyDeleteछोटी -छोटी .मगर अर्थपूर्ण
ReplyDeleteनव वर्ष की हार्दिक बधाई ।
ReplyDelete((1947 से अब तक)) हाँ अगर आप हैं नाखूश, आप हैं हताश राजनीतिज्ञों के रवैये से तो मन में मत रखिए अपनी बात, करिए उसे खूलेआम ताकि सच्चाई से रुबरु हो हम । गाँव हो या कस्बा या शहर लिख भेजिए सच्चाई हमें और निकलाइए राजनीतिक भड़ास अपने इस मंच पर । लिख भेजिए कोई भी सच्चाई जो करे बेपर्दा राजनीति को । हमारा पता है mithilesh.dubey2@gmail.com तो आईये हमारे साथ http://rajnitikbhadas.blogspot.com पर
behad sunder.
ReplyDeleteहर बार पढने से छूट जाता है ...
ReplyDeleteजिंदगी का एक असली पन्ना ...
लाजवाब !
सभी क्षणिकाएं एक से बढ़कर एक
सभी क्षणिकाएं एक से बढ़कर एक है...बहुत ही सुन्दर.
ReplyDeleteहर पल यही है दिल की दुआ आपके लिए
खुशियों भरा हो साल नया आपके लिए
महकी हुई उमंग भरी हो हर इक सुबह
चाहत के गुल से पथ हो सजा आपके लिए
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ReplyDeleteRashmi ji !! नए साल पर हार्दिक शुभकामना .. आपकी पोस्ट बेहद पसंद आई ..आज (31-12-2010) चर्चामंच पर आपकी यह पोस्ट है .. http://charchamanch.uchacharan.blogspot.com.. पुनः नववर्ष पर मेरा हार्दिक अभिनन्दन और मंगलकामनाएं |
ReplyDeleteबहुत सुन्दर, बहतरीन क्षणिकाएँ ! नव वर्ष की शुभकामना!
ReplyDeleteapni kshanikaayen yahaan dekhkar aur un par aap sab widwan paathakon ki pratikiriya dekhkar mann prafullit ho gaya...........prerna dene k liye bahut bahut dhanyawad.....
ReplyDeleteaadarniye prabha madam ko wishesh aabhar ki kshanikayen yaha post kar kshanikaaon ko samman diya...
nawal warsh ki haardik shubhkaamnayen
http://csdevendrapagal.blogspot.com/2010/01/blog-post_03.html
bahut hi sunder kshanikaye
ReplyDeletebadhai
rachana