ये त्योहारों का मौसम है
गणपति वंदन और विसर्जन
नव-रात्रि मे देवी पूजन,
संसकृति संगीत धर्म का संगम,
कंहीं बांगला साज़ बजेगा,
रामलीला का मंचन होगा,
कंहीं डाँडिया रास रचेगा।
विजय दशमी की धूम मचेगी,
बुराई की अंगार जलेगी,
रावण के परिवार के पुतले,
धूं धूं धूं धूं करके जलेंगे।
सुहागने करवा चौथ करेंगी,
मायें अहोई मां को पूजेंगी,
धनतेरस
धन वर्षा होगी,
नरका चौदस महास्नान करेंगे,
फिर
दीपाली की ज्योति जलेगी,
लक्ष्मी पूजन,आरती वंदन,
गोवर्धन पूजा भी होगी,
भाई दूज मे भाई बहन
का
स्नेह बंधेगा,
एक के बाद एक त्योहार,
ये इस मौसम की सौगात ।
- बीनू भटनागर
जन्म- १४ सितंबर १९४७ को बुलंदशहर उत्तर प्रदेश में। शिक्षा- एम.ए. मनोविज्ञान लखनऊ विश्वविद्यालय से १९६७ में। कार्यक्षेत्र- गृहणी एवं स्वतंत्र लेखन। बीनू भटनागर के लेख पिछले अनेक वर्षों से पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहे हैं। उनके लेखों के विषय सामाजिक, सांसकृतिक, मनोवैज्ञानिक, सामयिक, साहित्यिक, धर्मिक तथा आध्यात्मिक विषयों से संबंधित होते हैं। उनकी कविताएँ विभिन्न शैलियों में विभिन्न विषयों पर लिखी गई हैं।
ई-मेल : binu.bhatnagar@gmail.com
बहुत बढिया।
ReplyDeleteत्योहारों के इस मौसम में हर पर्व की हार्दिक बधाइयाँ...सुन्दर रचना...
ReplyDeleteचर्चा मंच सजा रहा, मैं तो पहली बार |
ReplyDeleteपोस्ट आपकी ले कर के, "दीप" करे आभार ||
आपकी उम्दा पोस्ट बुधवार (17-10-12) को चर्चा मंच पर | सादर आमंत्रण |
सूचनार्थ |
चर्चा मंच सजा रहा, मैं तो पहली बार |
ReplyDeleteपोस्ट आपकी ले कर के, "दीप" करे आभार ||
आपकी उम्दा पोस्ट बुधवार (17-10-12) को चर्चा मंच पर | सादर आमंत्रण |
सूचनार्थ |
BAHUT HEE SUNDAR !
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