"27 अगस्त 2012 हिंदी ब्लोगिंग के इतिहास में एक ऐसे दिन के रूप में याद किया जाएगा, जिसकी यादें युग-युगांतर तक शायद ही मिट पाए । यही वह लखनऊ की सरजमीं है जहां 1936 में प्रगतिशील लेखक संघ का पहला अधिवेशन हुआ था, जिसकी अध्यक्षता उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद ने की थी । आज 75 वर्षों बाद लखनऊ की इसी सरजमीं पर हिंदी ब्लोगर अपना अंतर्राष्ट्रीय समारोह मना रहा है
। यह सुखद संयोग ही है कि तहजीब की यह नगरी दो महत्वपूर्ण अधिवेशन का साक्षी बना है । हम सभी को रवीन्द्र प्रभात का शुक्रगुजार होना चाहिए कि उन्होंने हम सभी को इस महत्वपूर्ण पलों का साक्षी बनाया है।"
उपरोक्त विचार बली प्रेक्षागृह, कैसरबाग, लखनऊ में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी ब्लॉगर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए प्रतिष्ठित कवि उद्भ्रांत ने व्यक्त किये। इस सम्मेलन में पूर्णिमा वर्मन (शरजाह) रवि रतलामी (भोपाल), शिखा वार्ष्णेय (लंदन), डॉ0 अरविंद मिश्र (वाराणसी), डॉ हरीश अरोड़ा,अविनाश वाचस्पति (दिल्ली), मनीष मिश्र (पुणे), इस्मत जैदी (गोवा), आदि ब्लॉगरों ने अपने उद्गार व्यक्त किये। कार्यक्रम को मुद्राराक्षस, शैलेन्द्र सागर, वीरेन्द्र यादव, राकेश, शकील सिद्दीकी, शहंशाह आलम, डॉ. सुभाष राय, डॉ. सुधाकर अदीब, डॉ विनय दास आदि वरिष्ठ साहित्यकारों ने भी सम्बोधित किया।
इस अवसर पर देश के कोने-कोने से आए 200 से अधिक ब्लॉगर, लेखक, संस्कृतिकर्मी और विज्ञान संचारक भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में तीन चर्चा सत्रों (न्यू मीडिया की भाषाई चुनौतियाँ, न्यू मीडिया के सामाजिक सरोकार, हिन्दी ब्लॉगिंगः दशा, दिशा एवं दृष्टि) में रचनाकारों ने अपने विचार रखे।
इस अवसर पर कार्यक्रम के संयोजक रवीन्द्र प्रभात ने ब्लॉगरों की सर्वसम्मति से सरकार से डॉ राम मनोहर लोहिया ब्लोगर पीठ (ब्लॉग अकादमी ) के गठन की मांग की, जिससे ब्लॉगरों को संरक्षण प्राप्त हो सके और वे समाज के विकास में सकारात्मक योगदान दे सकें।
इस अवसर पर ‘वटवृक्ष‘ पत्रिका के ब्लॉगर दशक विशेषांक का लोकार्पण किया गया, जिसमें हिन्दी के सभी महत्वपूर्ण ब्लॉगरों के योगदान को रेखांकित किया गया है।
साथ ही "लखनऊ में स्थापित होगा डॉ राम मनोहर लोहिया ब्लॉगर पीठ, इस आशय का प्रस्ताव संयोजक रवीन्द्र प्रभात ने सभा पटल पर रखा जिसे ध्वनि मत से पारित कर दिया गया।
साथ ही इस अवसर पर रवीन्द्र प्रभात ने ब्लॉगर कोश बनाने की भी बात कही ।
इस महत्वपूर्ण अवसर पर एक और महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए वटवृक्ष पत्रिका के प्रधान संपादक रवीन्द्र प्रभात ने कहा कि "आने वाले समय में परिकल्पना भी एक सार्वजनिक ट्रस्ट होगा और उसके ट्रस्टी हिंदी ब्लॉग जगत से ही होंगे । साथ ही हम वटवृक्ष के संपादन मंडल में भी कुछ अमूल परिवर्तन करेंगे ताकि अधिक से अधिक उत्साही युवाओं को उतरदायित्व दिया जा सके । हम आपको विशवास दिलाते हैं कि एक दिन यह पत्रिका अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका के रूप में अपना स्थान बनाने में सफल होगी ।"
वटवृक्ष के इस ब्लॉग दशक विशेषांक की सहयोग राशि है 100/-
82 पृष्ठ के मल्टीकलर और अत्यंत मनभावन पत्रिका में ब्लोगिंग यानी आम आदमी की बुलंद अभिव्यक्ति पर रवीन्द्र प्रभात के द्वारा एक लंबी परिचर्चा आयोजित की गयी है जिसमें हिंदी के महत्वपूर्ण ब्लोगर सर्व श्री शकील सिद्दीकी, दिविक रमेश,प्रेम जन्मेजय,बालेन्दु शर्मा दाधीचजी के अवधिया, अविनाश वाचस्पति, ज्ञान दत्त पाण्डेय, पियूष पाण्डेय,डॉ अरविन्द मिश्र, खुशदीप सहगल, डॉ कुमारेन्द्र सिंह सेंगर, डॉ सुभाष राय,अखिलेश शुक्ल, डॉ रूप चद शास्त्री मयंक, अजय कुमार झा , अजित राय,सतीश सक्सेना, मनोज कुमार, सिद्धेश्वर सिंह, सिद्दार्थ शंकर त्रिपाठी,ललित शर्मा, आकांक्षा यादव,रेखा श्रीवास्तव आदि ।
पत्रिका में अंतरजाल पर सक्रिय हिंदी की महिला लेखिकाओं की वृहद् चर्चा की गयी है, जिसमें महत्वपूर्ण है रश्मि रविजा, लावण्या शाह, पूर्णिमा वर्मन, रश्मि प्रभा, डॉ कविता वाचकनवी,घुघूती बासूती, सुधा भार्गव, आकांक्षा यादव, रंजना भाटिया, निर्मला कपिला, संगीता स्वरुप, अजित गुप्ता, रचना, संगीता पूरी, प्रत्यक्षा सिन्हा, प्रतिभा सक्सेना, वाणी शर्मा, वन्दना गुप्ता, शिखा वार्ष्णेय, रचना दीक्षित, मीनाक्षी धन्वन्तरी,डॉ रमा द्विवेदी, डॉ जेनी शबनम, स्वप्न मंजूषा अदा, गीता श्री, प्रतिभा कटियार, शेफाली पाण्डेय, रेखा श्रीवास्तव, अपर्णा भागवत, महेश्वरी कनेरी,डॉ निधि टंडन, संगीता सेठी, प्रतिभा कुशवाहा, पारुल पुखराज, हेम ज्योत्सना पराशर दीप, कविता विकास, प्रियंका राठोड, रंजना सिंह, आशा लता सक्सेना, गिरिजा कुलश्रेष्ठ, डॉ मीनाक्षी स्वामी, सुमन कपूर, सुनीता, ममता सिंह, मृदुला हर्षवर्धन, अर्चना चाव जी, सोनल रस्तोगी, अनुपमा पाठक, पूनम श्रीवास्तव, गीता पंडित, राजेश कुमारी,अंजना दयाल, मीनू खरे, माधवी शर्मा गुलेरी, डॉ अरुणा कपूर, इन्दू पूरी, कंचन चौहान, असीम भट्ट, मनीषा कुलश्रेष्ठ, सुशीला पूरी, लीना मल्होत्रा राव, सुनीता शानू, रीता प्रसाद, दिव्या श्रीवास्तव,डॉ संध्या तिवारी, वन्दना महतो, हरकीरत हीर, सर्जना शर्मा, अर्शिया अली, अनुलता राज नायर, डॉ मोनिका शर्मा, नीरा त्यागी, सोंरुपा विशाल, इंदु सिंह, अनु सिंह चौधरी, रजनी मल्होत्रा नैयर, क्षितिजा, दीपिका रानी,हेमा दीक्षित, सोनिया बहुखंडी गौर, संगीता सिंह तोमर, अलका सैनी, निशा महाराणा, सरस दरवारी, शिखा कौशिक, कनुप्रिया गुप्ता, संध्या आर्य, डॉ प्रीत अरोड़ा, आभा, सुषमा आहुति, डॉ अनिता कपूर, विभा रानी श्रीवास्तव, अपर्णा भागवत, विधु यादव, हरदीप कौर संधू, कविता रावत, इला प्रसाद, अक्षिता पाखी आदि ।
पत्रिका में अंतरजाल पर सक्रिय हिंदी के पुरुष ब्लोगरों की वृहद् चर्चा की गयी है, जिसमें महत्वपूर्ण है - डॉ अरविन्द मिश्र, समीर लाल समीर,अनूप शुक्ल, रवीन्द्र प्रभात, प्रमोद सिंह, रवि रतलामी, शास्त्री जे सी फिलिप, दिनेश राय द्विवेदी,अजीत वाडनेकर, सुरेश चिपलूनकर, अविनाश वाचस्पति, डॉ जाकिर अली रजनीश, जीतेन्द्र चौधरी, मनीष कुमार, यशवंत, बी एस पावला, ज्ञान दत्त पाण्डेय, अलवेला खत्री, रबिश कुमार, खुशदीप सहगल, शाहनवाज़, सतीश पंचम,पुण्य प्रसून बाजपेयी, आलोक पुराणिक, रतन सिंह शेखावत, राजीव तनेजा, राजेन्द्र तेला निरंतर, प्रवीन पाण्डेय,अफलातून देसाई, आशीष खंडेलवाल, निशांत मिश्र, अशोक कुमार पाण्डेय, दिविक रमेश, प्रमोद ताम्बट , नीरज गोस्वामी, कौशलेन्द्र, पंकज सुबीर, चंडी दत्त शुक्ल, अविनाश चन्द्र, विजय कुमार सपत्ति, डॉ रूप चाँद शास्त्री मयंक, डॉ अरविन्द श्रीवास्तव, रणधीर सिंह सुमन , सतीश सक्सेना, प्रतुल वशिष्ट, अरुण साथी, संजय अनेजा, गौतम राजरिशी, नीरज जाट, श्याम कोरी उदय, टी एस दाराल, कुमार राधारमण, अरुण चन्द्र राय, मनोज पाण्डेय, हंस राज सुज्ञ, प्रवीण शाह, श्रीश शर्मा, योगेन्द्र पाल, कुवंर कुसुमेश, नवीन प्रकाश, संतोष त्रिवेदी, रविन्द्र पुंज, जय प्रकाश तिवारी, केवल राम, हरीश प्रकाश गुप्त, राहुल सिंह, राजेन्द्र स्वर्णकार, अजय कुमार झा, इन्द्रनील भट्टाचार्य,सुमित प्रताप सिंह, रजनीश के झा, संजीव तिवारी, जी के अवधिया, रविकर फैजावादी, कीर्तिश भट्ट, रावेन्द्र कुमार रवि, मसिजीवी, निर्मल गुप्त, परमेन्द्र प्रताप सिंह, कैलाश शर्मा, गिरीश बिल्लोरे मुकुल,डॉ प्रवीण चोपड़ा, मुकेश कुमार सिन्हा, सजीव सारथी, दर्शन बवेजा, मुकेश कुमार सिन्हा, संजय वेंगानी, कनिष्क कश्यप, बसंत आर्य, ॐ आर्य, हरे प्रकाश उपाध्याय, सिद्धेश्वर सिंह, ताऊ रामपुरिया, शिवम् मिश्र, यशवंत माथुर, दिनेश माली, नित्यानंद गायन, आलोक खरे, राजिव चतुर्वेदी, ओम पुरोहित कागद, भारत तिवारी दस्तकार, मिथिलेश दुबे, धीरेन्द्र सिंह भदौरिया, संतोष सिद्दार्थ, डॉ हेमंत कुमार, गणेश जी बागी, हरीश सिंह, मुकेश कुमार तिवारी, कैलाश शर्मा, सत्यम शिवम्, दिलीप तिवारी,ज्योति खरे, महेंद्र मिश्र, श्यामल सुमन, इमरान अंसारी, मधुरेश सुमित, विनय दास, जीतेन्द्र जौहर, रिषभ देव शर्मा, रूप सिंह चंदेल, दीपक मशाल, रमेश तैलंग, सिद्दार्थ शंकर त्रिपाठी, सुभाष नीरव, डॉ उमेश महादोषी, मुहम्मद तारिक असलम, प्राण शर्मा, सूरज प्रकाश, विष्णु वैरागी, संजय भास्कर, विनय प्रजापति, शैलेन्द्र कुमार शर्मा, जय प्रकाश मानस, पद्म सिंह, किशोर चौधरी, ललित शर्मा, मुकेश चन्द्र , दीपक मिश्र, बलराम अग्रवाल, सलिल वर्मा , डॉ सुभाष राय , अमलेंदु उपाध्याय आदि ।
इसके अलावा सुषमा सिंह द्वारा प्रस्तुत ब्लॉग,ब्लोगर और ब्लोगिंग :एक प्रश्नोत्तरी, एडवोकेट रणधीर सिंह सुमन का आलेख हिंदी ब्लोगिंग का ओस्कर : परिकल्पना सम्मान,विनय दास का आलेख हिंदी ब्लोगिंग का वैश्विक हस्तक्षेप, रवि रतलामी के बड़े काम के ब्लॉग, रश्मि प्रभा का आलेख ब्लोगिंग ने खोखले आदर्शों को बेनकाव कर दिया है,डॉ अरविन्द मिश्र का आलेख हिंदी ब्लोगिंग में विज्ञानं लेखन की संभावनाएं और डॉ जाकिर अली रजनीश का आलेख आओ ब्लॉग बनाएं पत्रिका की गरिमा को बढाने में सहायक सिद्ध हुआ है ।
साथ ही अविनाश वाचस्पति का व्यंग्य हिंदी ब्लोगिंग खुशियों का फैलाव है और डॉ प्रीत अरोड़ा का आलेख फेसबुक पर रिश्तों की असलियत सारगर्भित है ।
इसके अतिरिक्त इस अंक में 150 से ज्यादा हिंदी के महत्वपूर्ण ब्लोगर्स के इ मेल पते दिए गए हैं । कुल मिलाकर यह अंक अत्यंत संग्रहणीय है । मेरे समझ से यह अंक हर ब्लोगर्स के पास सुरक्षित होना चाहिए ।
(मनोज कुमार पाण्डेय की रपट )