जुगनू सी चमक
रश्मि प्रभा
==================================================
पल भर में जो पल भर के लिए
अँधेरे हटती है
बहुत कुछ अनायास मिल जाता है ....
रश्मि प्रभा
==================================================
सार्थक ....!
हाँ!
यह भी तो सत्य है,
लिखना पढना ,कुछ भी तो करना नहीं होता...
सब ने कहा,
"समय का विनाश करती हो,
जीवन बिना लक्ष्य के
कैसे निर्वाह करती हो....?"
परन्तु मैं इस प्रश्न का उत्तर दूँ भी क्यूँ
क्यूँ अपने सरल,
संवेदनशील मन पर
लेकर बोझ चलूँ !
हाँ , है मुझे आनंद देता ,
बस ,बैठना....,
चहुँ ओर मंडराते
दृश्यों , स्मृतियों,
विचारों को
सुन्दर गढ़िले शब्दों में
संजोना केवल ...
लगता है सुखमई
..... और सार्थक भी...!!!
कोई हँसे तो हँसे, कोई रोए तो रोए....
मेरा जीवन व्यंग न सही
प्रसंग तो है ही,
फिर इसे पढ़ सुन कर,
कोई हँसे तो हँसे,
कोई रोए तो रोए....
मेरा मन भीतर भीतर
क्यूंकर,
ग्लानि के व्यर्थ बीज बोए
स्वयं परिवर्तित होन में,
क्यूँ
जीवन के अनमोल क्षण खोए.....
अरे!!
कोई हँसे तो हँसे
कोई रोए तो रोए....!!!
नूतन
दोनों रचनाएँ सुन्दर है !
ReplyDeleteबहुत सशक्त प्रस्तुति।
ReplyDeleteबेहतरीन अभिव्यक्ति ।
ReplyDeleteबेहतरीन अभिव्यक्ति ।
ReplyDeleteboth the poems r nice thanx for sharing...:)
ReplyDeleteplz have a look at my first attempt in story.i need ur suggestion
http://aarambhan.blogspot.com/2011/08/blog-post_19.html
Bahut Dhanyawaad aapka, Rashmi ji!
ReplyDeleteयही तो जिंदादिली है.. कोई हँसे तो हँसे.. कोई रोये तो रोये..
ReplyDeleteहम तो ऐसे हैं भैया!!
dono hi rachnayen behad sundar evam sashakt...
ReplyDeletethank you so much for sharing...
दोनों ही रचना बहुत भावनाओं से भरी हुई सुंदर रचनाएँ हैं /बहुत बधाई आपको /
ReplyDeleteplease visit my blog.thanks.
http://prernaargal.blogspot.com/
दृश्यों , स्मृतियों,
ReplyDeleteविचारों को
सुन्दर गढ़िले शब्दों में
संजोना,,,
सचमुच सार्थक...
स्वयं परिवर्तित होने में
क्यूँ
जीवन के अनमोल क्षण खोएं..
सुन्दर कविता....
सादर बधाई....
behtreen abhivaykti....
ReplyDeleteबेहद खूबसूरत अभिव्यक्ति. आभार.
ReplyDeleteसादर,
डोरोथी.
bhaut hi behtreen....
ReplyDeleteek se badhkar ek.
ReplyDeleteहर व्यक्ति के लिए सार्थकता के मायने अलग हैं...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर बहुत सार्थक लिखा है... अपने लिए भी जीना आना चाहिए ..ऐसी बात बताती कविता बहुत सशक्त..
ReplyDeleteबोले तो............ बिंदास !
ReplyDeleteबहुत अच्छी रचना, बधाई !