किन लफ़्ज़ों में कहूँ कृष्ण
तुम्हारी कितनी ज़रूरत है
कहना सुनना बहुत हुआ ....
बस अब इस अधिकार का विश्वास है
'तुम्हें आना होगा '

रश्मि प्रभा



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तुम्हें आना ही होगा

ओ मनमोहन !
द्वापर के उस कालखण्ड से बाहर आओ
कलयुग के इस मानव वन में
भूले भटके क्लांत पथिक को राह दिखाओ ।
ओ मुरलीधर !
अधिकारों के प्रश्न खड़े हैं
काम बन्द है , सन्नाटा है
ऐसे नीरव मौन पलों में
बंद मिलों के सारे यंत्रों को थर्रा दे
ऐसी प्रेरक मंजुल मधुर बाँसुरी बजाओ ।
ओ नटनागर !
यमुना तट पर महारास के रासरचैया
कलयुग के इस थके रास को भी तो देखो
आज सुदामा अवश निरंतर नाच रहा है
भग्न ताल पर गिरते पड़ते बाल सखा को
निज बाहों का सम्बल देकर प्राण बचाओ ।
ओ नंदलाला !
उस युग में ग्वालों संग कौतुक बहुत रचाये
इस युग के बालों की भी थोड़ी तो सुध लो
बोझा ढोते और समय से पूर्व बुढ़ाते
भूखे प्यासे इन बच्चों को
माखन रोटी दे इनका बचपन लौटाओ ।
ओ गिरिधारी !
दुश्चिंताओं की निर्दय घनघोर वृष्टि में
आज आदमी गले-गले तक डूब रहा है
तब भी गिरिधर तुमने सबकी रक्षा की थी
अब भी तुम छिंगुली पर पर्वत धारण कर लो
सुख के सूरज की किरणों से जग चमकाओ ।
पार्थसारथी कृष्णकन्हैया !
उस अर्जुन की दुविधा तुमने खूब मिटाई
आज करोड़ों अर्जुन दुविधाग्रस्त खड़े हैं
इनकी पीड़ा से निस्पृह तुम कहाँ छिपे हो ?
आज तुम्हें इस तरह तटस्थ ना रहने दूँगी
रुक्मणी के आँचल में यूँ छिपने ना दूँगी
यह लीला जो रची तुम्हीं ने तुम ही जानो
इनके दुख का कारण भी तुम ही हो मानो
इनकी रक्षा हेतु तुम्हें आना ही होगा
गीता का संदेश इन्हें सिखलाना होगा
निष्काम कर्म का पाठ इन्हें भी आज पढ़ा दो
धर्म अधर्म की शिक्षा देकर ज्ञान बढ़ा दो
कृष्णा ज्ञान सुधा बरसा कर सावन कर दो
अपनी करुणा से तुम सबको पावन कर दो ।
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साधना वैद

17 comments:

  1. भूखे प्यासे इन बच्चों को
    माखन रोटी दे इनका बचपन लौटाओ ।
    सुंदर भाव से लिखी सशक्त याचना ...
    बहुत पसंद आई....
    आभार.

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  2. आपको कृष्णजन्माष्टमी की शुभकामनाएँ.

    bahut bhaut sundar

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  3. इनकी रक्षा हेतु तुम्हें आना ही होगा
    गीता का संदेश इन्हें सिखलाना होगा
    निष्काम कर्म का पाठ इन्हें भी आज पढ़ा दो
    धर्म अधर्म की शिक्षा देकर ज्ञान बढ़ा दो
    कृष्णा ज्ञान सुधा बरसा कर सावन कर दो
    अपनी करुणा से तुम सबको पावन कर दो ।
    Nihayat sundar!

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  4. धन्यवाद रश्मिप्रभा जी आपने मेरी रचना को इतना मान दिया आभारी हूँ ! जन्माष्टमी की आपको व सभी पाठकों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें !

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  5. बहुत सुन्दर आह्वान्।
    कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें

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  6. कृष्ण आज सबसे ज्यादा प्रासंगिक हैं. कैसे बुलाये उन्हें? यही खोज हैं.

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  7. बहुत सुन्दर...कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई..

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  8. कहना सुनना बहुत हुआ ....
    बस अब इस अधिकार का विश्वास है
    'तुम्हें आना होगा '

    अब पुकार नहीं अधिकार है ...बहुत सुन्दर

    निष्काम कर्म का पाठ इन्हें भी आज पढ़ा दो
    धर्म अधर्म की शिक्षा देकर ज्ञान बढ़ा दो
    कृष्णा ज्ञान सुधा बरसा कर सावन कर दो
    अपनी करुणा से तुम सबको पावन कर दो ।

    बहुत खूबसूरत अभिव्यक्ति ...

    जन्माष्टमी की शुभकामनायें

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  9. बस अब इस अधिकार का विश्वास है
    'तुम्हें आना होगा....

    कृष्णा ज्ञान सुधा बरसा कर सावन कर दो
    अपनी करुणा से तुम सबको पावन कर दो ।

    वाह दी... आपकी सीधी सादी पंक्तियों में सुन्दर भाव अभिव्यक्त हुए हैं... फिर साधना जी की खुबसूरत रचना...
    वाह...
    जन्माष्टमी की सादर बधाईयाँ...

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  10. सुन्दर आह्वान | आना ही होगा |

    इस नए ब्लॉग में पधारें |
    काव्य का संसार

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  11. निष्काम कर्म का पाठ इन्हें भी आज पढ़ा दो
    धर्म अधर्म की शिक्षा देकर ज्ञान बढ़ा दो
    कृष्णा ज्ञान सुधा बरसा कर सावन कर दो
    अपनी करुणा से तुम सबको पावन कर दो ।

    सुंदर सन्देश देती बहुत अच्छी रचना.

    कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें.

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  12. सुन्दर आह्वान | आना ही होगा | आपको कृष्णजन्माष्टमी की शुभकामनाएँ.

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  13. उस अर्जुन की दुविधा तुमने खूब मिटाई
    आज करोड़ों अर्जुन दुविधाग्रस्त खड़े हैं

    कृष्ण अधुरा काम नहीं करते...गीता डोक्युमेंट बन गई है...पढो और समझो...अन्याय के विरुद्ध लड़ाई अपने इर्द-गिर्द ही शुरू होती है...कहाँ बेचारे को कलयुग में बुलातीं हैं...तब खलनायक वेल डिफाइंड थे...अब इन्हें पहचान पाना कठिन है...

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  14. रास विलास की बहुत हुई बातें , अब अधर्म मिटाकर धर्म की संस्थापना ही उद्देश्य हो !
    सार्थक प्रविष्टि ...
    आभार !

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  15. साधनाजी की कविता बहुत अच्छी लगी ... आज हमारे समाज को श्री कृष्ण जैसा ही कोई प्रभावशाली और उच्चगुणसंपन्न व्यक्ति की ज़रूरत है ...

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  16. बहुत खूब लिखा है
    आशा

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