चाहत तो है
पर तुम्हारा साथ हो
यह सिर्फ मैं कैसे चाह लूँ ...
रश्मि प्रभा
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एकाकीपन
वीरान पडी इन सडकों पर,
दो कदम तुम्हारा साथ मिले तो,
एकाकीपन मिट जायेगा.
भीड़ भरी इन सडकों पर,
खामोशी जो मिल जाये तो,
एकाकीपन मिट जायेगा.
कशमकश की इन राहों पर,
तन्हाई जो मिल जाए तो,
एकाकीपन मिट जायेगा.
आकुल व्यकुल इन राहों पर,
गुमनाम कोई जो मिल जाए तो,
एकाकीपन मिट जायेगा.
वीरानी इन सडकों पर,
दो कदम तुम्हारा साथ मिले तो,
एकाकीपन मिट जायेगा.
रचना दीक्षित
रचना हूँ मैं रचनाकार हूँ मैं , सपना हूँ मैं या साकार हूँ मैं, रिश्तों में खो के रह गया संसार हूँ मैं, शून्य में लेता नव आकार हूँ मैं, अपने आप को ही खोजता इक विचार हूँ मैं, लेखनी में भाव का संचार हूँ मैं, स्वयं से ही पूंछती की कौन हूँ मैं, इसी से रहती अक्सर मौन हूँ मैं,
वीरानी इन सडकों पर,
ReplyDeleteदो कदम तुम्हारा साथ मिले तो,
एकाकीपन मिट जायेगा.
वाह ...बहुत खूब कहा है ...बेहतरीन प्रस्तुति ।
अच्छी रचना है।
ReplyDeleteशुभकामनाएं
आकुल व्यकुल इन राहों पर,
ReplyDeleteगुमनाम कोई जो मिल जाए तो,
एकाकीपन मिट जायेगा..
Bahut hi acchhi rachna.. Aabhar..
रचना जी की खूबसूरत प्रस्तुति .....
ReplyDeleteमन के एकाकीपन कैसे मिटेगा ?....(अनु )
वीरानी इन सडकों पर,
ReplyDeleteदो कदम तुम्हारा साथ मिले तो,
एकाकीपन मिट जायेगा... रचना जी की खूबसूरत प्रस्तुति पढ़वाने के लिए धन्यवाद .....
kya baat...bahaut sunder rachna....virani ki in sadkon pr...gr jo tera saath mil jaye....to a mere humnashin......ye virana kahin kho jayega.....
ReplyDeleteभीड़ भरी इन सडकों पर,
ReplyDeleteखामोशी जो मिल जाये तो,
एकाकीपन मिट जायेगा.
कशमकश की इन राहों पर,
तन्हाई जो मिल जाए तो,
एकाकीपन मिट जायेगा.
waah ....shaandar kavita..gazab ki kalpna..:)
dhannyawaad
ekakipan, tanhai, veerani, khamoshi.... shabdon ke khel se rachi basi ek sunder rachna ...
ReplyDeletekhubsurat rachna...
ReplyDeletewah ji ekakipan mitane ke liye sunder saathi chune hain.
ReplyDeletesunder rachna.
अच्छी रचना है।
ReplyDeleteशुभकामनाएं
रश्मि प्रभा जी मेरी कविता को अपने ब्लॉग में प्रकाशित करने के लिए आभार.
ReplyDeleteकशमकश की इन राहों पर,
ReplyDeleteतन्हाई जो मिल जाए तो,
एकाकीपन मिट जायेगा.
तन्हाई से एकाकीपन मिटाने का ख्याल ...वाह
इसी वक़्त व्यक्ति स्वयं अपने साथ होता है
अनजानी राहों में अकेले चलते तन्हाई मिट जाने की आस !
ReplyDeleteसुन्दर भावाभिव्यक्ति !