रास्ते हर किसी को मिलते हैं
हमख्याल दोस्त मिल जाये
तो समझो -
खुदा ने तुम्हें तराशा है !

रश्मि प्रभा





===========================================================
मेरे पास खुद को कहने के लिए अधिक कुछ नहीं , बस हर दिन ज़िन्दगी से मिलती हूँ और दर्द लेकर कागजों से दोस्ती करती हूँ ..... मेरे पास बस ये शब्द हैं और कुछ नहीं - ना कोई इच्छा है ना सपने ...

मांगा ही कब था?

मैं तुम पर बिगडा करती हूं कि...
मेरी किस्मत में उसका नाम नहीं लिखा
कि उसका हाथ मेरे हाथों में नहीं दिया
कि उसकी सांसों से मेरे जीवन की डोर नहीं बांधी
कि उसका साथ मुझे नहीं बख्शा

लेकिन ये सब कहते हुये,
शायद मैं ये भूल जाती हूं...
कि उसका नाम मेरी दुआओं में शामिल ही कहां था?
उसको मैंने मांगा ही कब था?

मैंने तो बस उसके चेहरे पर हंसी मांगी थी
उसकी राहों में फूलों की आरज़ू की थी
उस से जुडे हर शख्स के लिये रौनक चाही थी
और मांगी थी...
उसके लिये ऐसी ज़िन्दगी कि लोग हसद करें

और ये सब तुम उसे दोगे... जनती हूं मैं
वरना...
उसे पाने की खातिर नहीं, लेकिन...
उसकी खुशियों के लिये तो... तुमसे झगड ही पडूंगी...




मोनाली जोहरी

13 comments:

  1. वाह! प्रेम की एक सुन्दर अनुभूति का उम्दा चित्रण्।

    ReplyDelete
  2. और ये सब तुम उसे दोगे... जनती हूं मैं
    वरना...
    उसे पाने की खातिर नहीं, लेकिन...
    उसकी खुशियों के लिये तो... तुमसे झगड ही पडूंगी..

    बहुत खूबसूरत एहसास ..

    ReplyDelete
  3. लेकिन ये सब कहते हुये,
    शायद मैं ये भूल जाती हूं...
    कि उसका नाम मेरी दुआओं में शामिल ही कहां था?
    उसको मैंने मांगा ही कब था?


    और ये सब तुम उसे दोगे... जनती हूं मैं
    वरना...
    उसे पाने की खातिर नहीं, लेकिन...
    उसकी खुशियों के लिये तो... तुमसे झगड ही पडूंगी..

    bahut umda .wah. badhai sweekar karen.

    ReplyDelete
  4. Waah waah... Bahut hi premmayi bhaav Prem ka, prem main Insaan apne liye nahi apne priyjan ke liye hi DUA karta hai...!

    ReplyDelete
  5. मैंने तो बस उसके चेहरे पर हंसी मांगी थी
    उसकी राहों में फूलों की आरज़ू की थी
    उस से जुडे हर शख्स के लिये रौनक चाही थी...
    वाह...बधाई मोनाली जी...बहुत सुन्दर...
    रश्मि जी, आपके इस ब्लॉग पर पोस्ट जी वाली रवनाओं का अच्छा स्तर देखने को मिल रहा है.

    ReplyDelete
  6. vaah...kamaal ka likha hai...bahut sundar... Abhibhoot hoo ye ladai bhi hogi prem ki khushi ki khateer aur aik balidaan bhi dikhta hai isme ..... ...

    ReplyDelete
  7. ाच्छी लगी कविता और कवियत्री
    बधाई।

    ReplyDelete
  8. मोनाली जी आपका प्रेम का यह अंदाज पसंद आया।

    ReplyDelete
  9. behad khobbsurat jajbaat piroye hain aapne

    badhai

    ReplyDelete
  10. बहुत खूबसूरत एहसास.

    ReplyDelete
  11. क्या बात है !
    आपका प्रेम का अहसास "उसने कहा था " की याद बरबस ही दिला देता है .

    ReplyDelete

 
Top