रास्ते हर किसी को मिलते हैं
हमख्याल दोस्त मिल जाये
तो समझो -
खुदा ने तुम्हें तराशा है !
रश्मि प्रभा
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मेरे पास खुद को कहने के लिए अधिक कुछ नहीं , बस हर दिन ज़िन्दगी से मिलती हूँ और दर्द लेकर कागजों से दोस्ती करती हूँ ..... मेरे पास बस ये शब्द हैं और कुछ नहीं - ना कोई इच्छा है ना सपने ...
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मेरे पास खुद को कहने के लिए अधिक कुछ नहीं , बस हर दिन ज़िन्दगी से मिलती हूँ और दर्द लेकर कागजों से दोस्ती करती हूँ ..... मेरे पास बस ये शब्द हैं और कुछ नहीं - ना कोई इच्छा है ना सपने ...
मांगा ही कब था?मैं तुम पर बिगडा करती हूं कि...मेरी किस्मत में उसका नाम नहीं लिखाकि उसका हाथ मेरे हाथों में नहीं दियाकि उसकी सांसों से मेरे जीवन की डोर नहीं बांधीकि उसका साथ मुझे नहीं बख्शालेकिन ये सब कहते हुये,शायद मैं ये भूल जाती हूं...कि उसका नाम मेरी दुआओं में शामिल ही कहां था?उसको मैंने मांगा ही कब था?मैंने तो बस उसके चेहरे पर हंसी मांगी थीउसकी राहों में फूलों की आरज़ू की थीउस से जुडे हर शख्स के लिये रौनक चाही थीऔर मांगी थी...उसके लिये ऐसी ज़िन्दगी कि लोग हसद करेंऔर ये सब तुम उसे दोगे... जनती हूं मैंवरना...उसे पाने की खातिर नहीं, लेकिन...
मोनाली जोहरी
वाह! प्रेम की एक सुन्दर अनुभूति का उम्दा चित्रण्।
ReplyDeleteऔर ये सब तुम उसे दोगे... जनती हूं मैं
ReplyDeleteवरना...
उसे पाने की खातिर नहीं, लेकिन...
उसकी खुशियों के लिये तो... तुमसे झगड ही पडूंगी..
बहुत खूबसूरत एहसास ..
लेकिन ये सब कहते हुये,
ReplyDeleteशायद मैं ये भूल जाती हूं...
कि उसका नाम मेरी दुआओं में शामिल ही कहां था?
उसको मैंने मांगा ही कब था?
और ये सब तुम उसे दोगे... जनती हूं मैं
वरना...
उसे पाने की खातिर नहीं, लेकिन...
उसकी खुशियों के लिये तो... तुमसे झगड ही पडूंगी..
bahut umda .wah. badhai sweekar karen.
सुन्दर कविता..
ReplyDeleteWaah waah... Bahut hi premmayi bhaav Prem ka, prem main Insaan apne liye nahi apne priyjan ke liye hi DUA karta hai...!
ReplyDeleteमैंने तो बस उसके चेहरे पर हंसी मांगी थी
ReplyDeleteउसकी राहों में फूलों की आरज़ू की थी
उस से जुडे हर शख्स के लिये रौनक चाही थी...
वाह...बधाई मोनाली जी...बहुत सुन्दर...
रश्मि जी, आपके इस ब्लॉग पर पोस्ट जी वाली रवनाओं का अच्छा स्तर देखने को मिल रहा है.
vaah...kamaal ka likha hai...bahut sundar... Abhibhoot hoo ye ladai bhi hogi prem ki khushi ki khateer aur aik balidaan bhi dikhta hai isme ..... ...
ReplyDeleteाच्छी लगी कविता और कवियत्री
ReplyDeleteबधाई।
मोनाली जी आपका प्रेम का यह अंदाज पसंद आया।
ReplyDeletebehad khobbsurat jajbaat piroye hain aapne
ReplyDeletebadhai
बहुत खूबसूरत एहसास.
ReplyDeleteसुन्दर रचना.
ReplyDeleteक्या बात है !
ReplyDeleteआपका प्रेम का अहसास "उसने कहा था " की याद बरबस ही दिला देता है .