टूटता जाता है जब आदमी
तो आँखों पर
भ्रम की परतें खुद चढ़ा लेता है
कभी ये रिश्ता कभी वो रिश्ता
टूटने की भी हद होती है
हद से जब गुजर जाते हैं हम
सच पर ठहाके लगाता भ्रम
आँखों से बहता है
कोई पास नहीं होता उस वक़्त
दर्द की सुनामी से अकेले गुजरना होता है
ज्वालामुखी पास फटता जाता है
चलने के लिए मुस्कुराना ही होता है
पर हर विवश मुस्कान से
भ्रम और सत्य का पर्दा हटाना होता है ....
लोगों को नहीं खुद को समझाने के लिए
फूट फूट के रोना होता है दोस्त !
रश्मि प्रभा
========================================
भ्रम ...
वो कहते हैं
क्या कमी है
क्या उदासी है
आपसे मिलकर
आपसे बातें कर
लगता तो नहीं
कोई उदासी है !
और क्यूँ लगे भला ? !
जब आप औरों से ज्यादा ही मुस्कुराते हैं ...
लोगों को उदासी समझाने के लिए
आँखों में नमी लानी होगी
पर कहाँ से लाऊं यार ...
उम्र के साथ
वे भी हतप्रभ कहीं खो गए
या सूख गए !
अब तो चाहके भी
आंसू नहीं छलकते
बल्कि हँसी आ जाती हैं
बेवक्त रोकर अब क्या होगा
मन भी तो पूछेगा हंसकर
क्या रोने को कोई भ्रम
शेष था ?
सुमन सिन्हा
saadar pranam 1
ReplyDeletesunder abhivyakti
saadar
sundar prastuti,
ReplyDeleteमन के भावों को कहती अच्छी प्रस्तुति
ReplyDeleteमनोभावों को बहुत सुंदर तरीके से प्रस्तुत किया है बधाई
ReplyDeleteआशा
भावो की सुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDeleteआपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (15/10/2010) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा।
http://charchamanch.blogspot.com
मन के भावों को कहती खूबसूरत रचना,बधाई !
ReplyDeleteअच्छी प्रस्तुति
ReplyDeleteबहुत ही अच्छी प्रस्तुति ।
ReplyDeleteअच्छी पोस्ट के लिए बधाई |
ReplyDeleteअब तो चाहके भी
ReplyDeleteआंसू नहीं छलकते
बल्कि हँसी आ जाती हैं...
दर्द का हद से बढ़कर कि खुद दवा हो जाना ...
वैसे मैं रश्मि जी से सहमत हूँ ...
भ्रम और सत्य से पर्दा हटाने के लिए , खुद के लिए फूट फूट कर रो लेना भी जरुरी होता है ...!
nice rendering of felt emotional turmoil!
ReplyDeleteshubhkamnayen!
हम सभी तो जीवन भर सुखी दिखने का दिखावा मात्र ही करते हैं, और उसी को सच मान कर जीते हैं, पर अपने अंतर्मन की पकड़ से आज तक कौन बच पाया है भला? बेहद सुंदर और संवेदनशील अभिव्यक्ति. आभार.
ReplyDeleteसादर
डोरोथी.
अपने एहसासों को खुलकर बयां करती रचना !
ReplyDeleteबहुत ही खुबसूरत ठंग से बात को कहती रचना !
बधाई दोस्त !