आत्महत्या आसान नहीं . लोग कहते हैं इसे कायरता - पर उत्तेजना की स्थिति हो या डूबते मन की स्थिति , यह आसान नहीं... रश्मि प्रभा =...
ईश्वर अगर तुम हो
प्रभु तुम्हारे होने पर अविश्वास नहीं पर जब जब ज़िन्दगी का रुदन सुनती हूँ आतुर होती हूँ जानने को तुम कहाँ हो ! रश्मि प्रभा ...
ठहरा हुआ सा कुछ
प्रेम को समझना आसान नहीं इसमें लहरें आती हैं जाती हैं - हर आवेग किनारों को छूना चाहती हैं ये किनारों का मोह ! यदि किनारा जान ले टु...
फ़ुरसत में ... मिली नसीहत, .. मुफ़्त में ?
एक नाम में तुम खुश न हुए खोजते हो उपनाम किसी काम को करने में क्या है इसका काम ? रश्मि प्रभा ==================================...
प्रतीक्षारत तुलसी
तुम अपनी प्रतीक्षा की बात करते हो तुम्हारे तो पाँव हैं टहल सकते हो दूसरी ठाँव पा सहते हो लेकिन जीवन के असंतुलित भागदौड़ में संस्कारों की ...
दबी चिंगारी से कम नहीं ...
कभी शब्द छोटे छोटे नज़र आते हैं पर इनके मायने राख के ढेर में दबी चिंगारी से कम नहीं ... रश्मि प्रभा =====================================...
मन की किरचें
अन्दर कितना कुछ टूटता है , टूटता जाता है उससे मन हटा के हम खुद को वहम देते हैं - सब ठीक है पर कई रातें अनमनी गुजर जाती है ... रश्मि प्रभ...
मासूम अपराध...
हत्या चोरी झूठ की परिभाषा सब जानते हैं चश्मदीद गवाह बदल जाते हैं पर किसी मासूम की भूख से बेपरवाह सब गुरु बन जाते हैं हैं .... ...
मुनिया: वक्त के आइने में
तिरस्कार भरे शब्द ज़हर में पगे... फिर भी एक आदत हो ही जाती है मुस्कुराने की व्यथा आँखों की कैसे लिखी जाए !.... रश्मि प्रभा ==============...
काश कि होता सब वैसा
काश कि वो दिन कभी लौट कर आते बहाने से सही उनका साथ तो हम पा पाते उनकों हमारा और हमें उनका ख्याल तो होता काश कि वो वक़्त...
वाह टमाटर ,आह टमाटर.
स्वाद को स्वाद ही रहने दो टमाटर न बनाओ ... रश्मि प्रभा =================================================================== वाह टमाटर ...
ख़त को ख़त ही रहने दो
तुम्हारे आस पास की खुशबू होती है ख़त में जीने दो इसे भर जाने दो रगों में इसे औपचारिक मत बनाओ ... रश्मि प्रभा ====================...
दो कप चाय...अदरक वाली...
दो कप पानी गैस पर रखते हुए तुम मेरे साथ होती हो ज्यों ज्यों चाय का रंग गहराता है अदरक की खुशबू आती है तुम मुझमें गहराती जाती हो चाय मैं पि...