लधुकथा
कक्षा 3 की छात्रा तान्या बड़ी होनहार, शाँत स्वभाव और
बुद्धिमान भी है,पर जिस विषय मे
सब बच्चों की रुचि होती है चित्रकला
वह उसे बिलकुल आती ही नहीं,
जब आती ही नहीं
तो उसमे रुचि कैसे हो सकती है।चित्रकला के अंक परीक्षा
मे जुड़ते भी नहीं है, इसलियें तान्या
को कोई चिन्ता भी नहीं है।सब लोग सब काम तो कर नहीं कर सकते।चित्रकला की कक्षा मे
वह चुपचाप बैठी रहती या कभी कुछ आड़ी
टेढ़ी लाइने बनाकर समय काटती,या कभी कोई किताब लेकर बैठ जाती।
चित्रकला की अध्यापिका श्रीमती सरकार के साथ उसका हमेशा 36 का आँकडा रहता। श्रीमती सरकार भी बच्चों को चित्रकला के लिये ऐसे ऐसे विषय दे देतीं कि चित्रकला मे होशियार बच्चों के लियें भी
बनाना कठिन होता। बच्चे कहते ‘’मैम आप बोर्ड पर
बनाकर दिखाइये’’ तो वह कहतीं ‘’अपनी कल्पना से
बनाओ।‘’
एक दिन श्रीमती सरकार ने सोचा क बच्चे चित्रकला पर ध्यान
नहीं देते क्योंकि उसकी परीक्षा नहीं होती। उन्होने कक्षा मे ऐलान किया कि वो चित्रकला का टैस्ट लेंगी। टैस्ट के लियें उन्हों ने विषय दिया 26 जनवरी गणतन्त्र
दिवस की परेड का चित्र । कुछ बच्चे टैंक
बनाने लगे, कुछ झाँकियाँ
बनाने की कोशिश कर रहे थे।
अपनी अपनी क्षमता और कल्पना के सहारे पूरी कक्षा चित्र
बना रही थी। अब तान्या क्या
करे ? उसने स्केल से दो ढ़ाई इंच की दूरी पर दो समानान्तर रेखाये खींच दी बीच मे बड़ा सा राजपथ लिख दिया।भीड़ दर्शाने के लियें राजपथ के दोनों ओर
छोटे छोटे घने घने गोले बना दिये। अब एक कोने मे कुछ इस प्रकार लिखा जैसे कोई
रेडियो या टी.वी. की कंमैंट्री सुनाता है।उसने लिखा-
‘’दर्शकों, राजपथ पर आपका स्वागत है, परेड आरंभ होने मे बस कुछ मिनट बाकी हैं
आप टी.वी. के पर्दे पर यहाँ का हवाई चित्र देखिये।‘’
सोचिये, श्रीमती सरकार ने
तान्या को कितने अंक दिये होंगे !
पूरे 10 मेसे 10 ।
बीनू भटनागर

URDU MEIN EK SHABD HAI - AAMAD YANI
ReplyDeleteKISEE VICHAAR KAA APNE - AAP FOOTNA .
BINU JI KEE LAGHU KATHA ` CHITRA
KALAA ` IS OR SANKET KARTEE HAI .
KATHAANAK KAA TAANAA - BAANAA BADEE
KHOOBSOOTEE SE UNHONNE BUNA HAI .
वाह ! तान्या की सूझ-बूझ की दाद देनी पड़ेगी...
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