(एक)
मेरे बाद मुझको ये ज़माना
ढूंढेगा
हकीकत को एक अफ़साना ढूंढेगा।
हकीकत को एक अफ़साना ढूंढेगा।
सिर्फ यादों में सिमट जायेगा सफ़र
अश्क भी बहने का बहाना ढूंढेगा।
खत्म हो जायेगी कहानी जब मेरी
मेरा ही दर्द अपना ठिकाना ढूंढेगा।
सुबहें, शामें, रातें कितनी हसीं थी
सूनापन वो खिलखिलाना ढूंढेगा।
मुहब्बत करने वाले तन्हा नहीं रहते
इन लम्हों को मेरे हर दीवाना ढूंढेगा।
(दो)
हर शख्श बेमिसाल होता है
ख़ुद अपनी मिसाल होता है।
ख़ुद अपनी मिसाल होता है।
तुझ जैसा कौन है दुनिया में
तुझे देख चाँद बेहाल होता है।
हुस्न पर अपने न इतराया करो
नज़रों में बड़ा बवाल होता है।
पाँव आइस्ता रखना जमीं पर
धरती के दिल में मलाल होता है।
दुनिया में कोई फरिश्ता नहीं है
तुझे देख मगर ख़्याल होता है।
किस किस के होकर रहोगे तुम
हवाओं से यह सवाल होता है।
सत्येन्द्र गुप्ता
behtareen gazal rachna
ReplyDelete:)
ReplyDelete---
Labels/Tags के अनुसार Posts को Sidebar में दिखाना
Waah...
ReplyDelete