बहुत ... बहुत गलत कर दिया तुमने
अपने ऊपर कहर ढा लिया तुमने
माँ की बददुआओं से
खुद को भर लिया तुमने !
सर मेरा कभी झुकनेवाला नहीं
ये जानते हुए - ले गए तुम
अब पल पल जीना हराम होगा
मेरे उन्नत मस्तक से शिव का त्रिनेत्र तुम्हें देखेगा
एक बार नहीं - कई बार मरोगे तुम !!!
रश्मि प्रभा
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हमें कोई कमजोर ना समझे
हमने लिखे कई अफ़साने हैं
अखंड भारत को ललकारा जब जब
जान पर खेले कई दीवाने हैं
बांग्लादेश से कारगिल तक
अरे ! कितनी बार धूल चटाई है
फिर भी तेरी, ओ नादान !
अक्ल ठिकाने नहीं आई है
तेरे अंदर बहता है पानी
देखी तेरी कई नादानी
दौड़े लाल रक्त हममें
हर पल सुनाता शौर्य कहानी
बर्बरता की परिभाषाएँ
हम क्षण में ही बदल सकते हैं
चिंगारी मत लगा
आग लगा उलटा तुझे
खाक खाक कर सकते हैं
इतिहास उलट कर देख ले
तुझे तेरा चेहरा दिख जाएगा
अपनी हद में रहना सीख
हरदम मुँह की खाएगा
और जो नहीं बदल सका खुद को
तो दिन दूर नहीं
जब धरती के नक़्शे में
तू खुद को ढूँढता रह जाएगा
भारत के वीर सपूतों को शत शत नमन !
जय हिन्द !
बर्बरता की परिभाषाएँ
ReplyDeleteहम क्षण में ही बदल सकते हैं
चिंगारी मत लगा
आग लगा उलटा तुझे
खाक खाक कर सकते हैं.........वाह !!!लाजवाब रचना
भारत के वीर सपूतों को शत शत नमन !!
ReplyDeleteजय हिन्द !!
लाजवाब रचना...
ReplyDeleteहर हिंदुस्तानी की आवाज आपकी आवाज में मिली हुई है.
ReplyDeleteNew post कुछ पता नहीं !!! ( तृतीय और अंतिम भाग )
New post : शहीद की मज़ार से
बहुत सुंदर
ReplyDeleteक्या कहने
देश के वीर सपूतों को शत शत नमन !!सुन्दर प्रस्तुति..
ReplyDeleteसादर आभार!
ReplyDeleteएक सच्चे सैनिक की माँ की बददुआ लग ही जाए !
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDeleteवरिष्ठ गणतन्त्रदिवस की अग्रिम शुभकामनाएँ और नेता जी सुभाष को नमन!
तेरे अंदर बहता है पानी
ReplyDeleteदेखी तेरी कई नादानी
दौड़े लाल रक्त हममें
हर पल सुनाता शौर्य कहानी
जोश भरती कविता..
ReplyDeleteभारत के वीर सपूतों को शत शत नमन...जोश जगाती कविता
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