वक्त से आगे वक्त से परे देखकर क्या होगा
वक्त वही होता है,जो साथ होता है ....
रश्मि प्रभा
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यूँ तो वक़्त के परे कोई नहीं देख पाता... और लोग कहते हैं के इसकी रफ़्तार भी बड़ी तेज़ होती है... साइंसदान कोशिश कर रहे हैं टाइम मशीन ईजाद करने की... वो बन जाये तो शायद इंसान वक़्त का सफ़र तय कर ले...
सच कहूँ तो मुझे बड़ी बेसब्री से इंतज़ार है इस टाइम मशीन का... आप में से शायद बहुत लोग होंगे जो सिर्फ़ एक बार बीते वक़्त में जाना चाहेंगे... सिर्फ़ एक बार उस एक लम्हे को बदलना चाहेंगे जिसकी तासीर... आपको लगता है आपकी पूरी जिंदगी बदलने का माद्दा रखती है... वो लम्हा जिसे लगता है उस वक़्त किसी और तरह जिया होता तो शायद आज कितना कुछ अलग होता... वो लम्हा जिसको समझने में उस वक़्त शायद आपसे भूल हो गयी थी... उस एक ही लम्हे को जिसे बदलने से सिलसिलेवार आने वाले कितने लम्हे खुद-ब-खुद बदलते जाएँगे...
हर किसी की ज़िन्दगी ऐसे ही किसी एक लम्हे का रिपल इफ़ेक्ट होती है... ये आइरनी ही है मगर तमाम उम्र हम उसी एक लम्हे का इंतज़ार करते रहते हैं... मगर जब तक समझ में आता है... उसे बीते इक अरसा हो गया होता है... तब बस इक फांस सी चुभी महसूस होती है... और तब हम सभी को ऐसी ही एक टाइम मशीन की ज़रूरत महसूस होती है...
उस रोज़ जाते वक़त...
याद हो शायद तुम्हे,
मेरी हथेली पर...
कुछ लम्स छोड़ आई थी तुम,
मैंने संभालकर रखा है उनको अब तक..
शायद वही लेने..
तुम वापस आ जाओ किसी दिन..
सबकी चाह, बस समय पुनः से जी लेने की।
ReplyDeleteShukriya Rashmi ji
ReplyDeleteपरिकल्पना उत्सव की जानकारी जरूर देँ, ये क्या है।
ReplyDeletegurpreetbutters@gmail.com