तुम्हारे सपने मरने नहीं चाहिए
तुम्हें औरों के सपनों को जिंदा रखना है
रश्मि प्रभा
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वही तुम्हारे चूल्हे की की लकड़ी हैं, आग हैं, धुआं है, राख है..
सपनों को बुझने मत दो
ज़िन्दगी की फूँक मारो और जलते रहने दो
तपन, राख से कहीं ज्यादा बेहतर है.
वो रहती है तो लोग हाथ सेंकते है, पेट सेंकते है, आँख सेंकते हैं
लोग जिंदा रहते हैं..
सपनों कि लौ तेज़ रखो
कि दूर दूर तक लोगों को अँधेरे में
तुम्हारे दिल की रौशनी का आसरा रहे
तुम भी जीते रहो
और दुनिया भी
जिंदादिली से हंसती रहे, जीती रहे.
एक चूल्हे की लकड़ी से हर चूल्हे की लकड़ी जलती रहे..
रश्मि चौधरी
bahut sundar baat ...Rashmi ji.
ReplyDeleteबहुत अच्छी रचना! ऐसी ही सोच बरक़रार रहनी चाहिए हम सब में.....
ReplyDelete~सादर!!!
एक चूल्हे की लकड़ी से हर चूल्हे की लकड़ी जलती रहे..
ReplyDeleteआमीन !!
एक चूल्हे की लकड़ी से हर चूल्हे की लकड़ी जलती रहे..
ReplyDeleteआमीन !!
सार्थक भावनात्मक अभिव्यक्ति करें अभिनन्दन आगे बढ़कर जब वह समक्ष उपस्थित हो .
ReplyDeleteआप भी जाने कई ब्लोगर्स भी फंस सकते हैं मानहानि में .......
बहुत सुन्दर, आग यह जलती रहे।
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