नकली सूरज
नकली सुबह
तभी तो अब न मुर्गा बांग देता है
न घर में उठने की सुगबुगाहट होती है !
साँसों का सन्नाटा समय से परे बना रहता है
सब थके हैं .... जाने कब जागेंगे !!!
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"चीख लेने दो मुझे
रात लम्बी है
और सर्द बेहद
सबेरा होगा --लोग कहते हैं
यकीन नहीं होता
यूं भी दिनमान पर कोहरे का कहर जारी है
ओस खामोश है फूलों के रुखसारों पर
खून की बूँद नज़र आती हैं कुछ खारों पर
और तारों ने भी तहजीब की चुप्पी साधी
रात को देर गए दहशत दस्तक दे रही दरवाजों पर
सबेरा होगा --लोग कहते हैं
यकीन नहीं होता
रात लम्बी है
चीख लेने दो मुझे ."
चीख एकान्त को भेद जाती है..लम्बी रात हो तो और भी।
ReplyDeleteवाह! बहुत सुंदर।
ReplyDeleteतभी तो अब न मुर्गा बांग देता है
ReplyDeleteन घर में उठने की सुगबुगाहट होती है !SACH MUCH
यकीन नहीं होता
रात लम्बी है
चीख लेने दो मुझे ."BAHUT SUNDAR
लंबी रात में एकांत में किसी की चीख बहुत दूर सुनाई देती है मन को छूती रचना |
ReplyDeleteआशा