मैं भाव नहीं हूँ ... चाह की आशा लिए फैला हुआ हाथ हूँ 
भीख के लिए नहीं 
संतुलित विनम्र हक के लिए 
मैं एहसान नहीं 
एहसान तो तुम भी नहीं 
पर मैंने संस्कारगत हाथ फैलाये हैं 
तुम्हारे जन्मजात गर्व की सुरक्षा में 
घर की सुख शान्ति के लिए 
बच्चों की सहज मुस्कान के लिए 
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हार समझोगे तो मुट्ठी बनने को बाध्य करोगे 
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रही बात बच्चे की 
तो गर्भनाल का रिश्ता गर्भ के साथ रहेगा 
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रश्मि प्रभा 
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आज कल बलात्कारियो को क्या सजा मिलनी चाहिए, ये चर्चा बड़े जोरो पर है। जहाँ तक में मानता हूँ ये चर्चा का विषय होना ही नहीं चाहिए, बलात्कारी को हर हाल में अधिकतम सजा मिलनी ही चाहिए।
बलात्कारी, नाबालिग हो सकता है में इस बिंदु को सिरे से ही खारिज करता हु। कोई भी व्यक्ति जब वो किसी से जबरन सेक्स करता है तो ये क्रिया उसकी पूर्ण वयस्कता को दर्शाती है।     
अगर बलात्कारी को नाबालिग समझ कर सजा में रियायत दी जाती है, तो क्या ये इस बात का सूचक नहीं है की जिन नाबालिग लडकियों के साथ बलात्कार हुआ, उनके बलात्कारी और भी अधिक सज़ा के हक़दार हे।
पकिस्तान में 6 साल की लड़की वैजन्ती के साथ हुए बलात्कार को हम किस श्रेणी मे रखेंगे। उसके अपराधियों को अधिकतम सज़ा क्या नहीं मिलनी चाहिए। बलात्कार तो बलात्कार है वो किसी के भी साथ हुआ हो, पर एक 6 साल की बच्ची के साथ हुए बलात्कार को हैवानियत ही  माना जायेगा।
अगर कानून, नाबालिग बलात्कारी की सजा में रियायत बख्शता है, तो क्या उस कानून को नाबालिग के साथ हुए बलात्कार करने वाले को तुरंत 
ज्यादा से ज्यादा सज़ा नहीं देनी चाहिए।
रिंकल कुमारी और वेयाजंती के उदहारण हमारे सामने है इन नाबालिग लड़कियों के बलात्कारी खुला घूम रहे हैं किसी और को अपना शिकार बनाने के लिए। हम चुप है, सरकार और कानून चुप हे, अंतररास्ट्रीय मानवाधिकार चुप है, ये बहुत है बलात्कारियों का हौसला बढाने के लिए। सच तो ये है इन शर्मनाक घटनाओं को   रोकने के लिए विश्व्यापी पहल की जरुरत है।
आओ हम सब मिलकर लड़कियों पर हो रहे सेक्स आत्याचार के खिलाफ आवाज़ उठाये। नहीं तो न जाने कितनी रिंकल, दामनी और वेय्जंती सिसकती रहेगी और इनके अपराधी खुला घूमते रहेगे। किसी और पर अत्याचार करने के लिए।
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सुधीर मौर्य 'सुधीर'


4 comments:

  1. bilkul sahi kaha lekin nabalig ka tamaga pahana kar unhen bachane vale usi shreni ke hain. tabhi to pata nahin kal unhin ka beta ye kaam kar baithe to?????????????

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  2. ऐसे अपराधों में नाबालिग जैसा कोई शब्द प्रयुक्त ही नहीं होना चाहिये।

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  3. मेरे लेख को शामिल करने के लिए आभार ....बलात्कार तो बलात्कार हे ....कोई अवयस्क बलात्कार कर कैसे सकता है।

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  4. बिलकुल सही हैं आप सब के विचारों से सहमत हूँ

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