"नैसर्गिक संगीत कभी सुना है" "नैसर्गिक संगीत कभी सुना है"

जिस शक्ति को हम महसूस करते हैं उस शक्ति ने प्रकृति के कण कण में सरगम के बोल रख दिए कभी पत्ते गाते हैं कभी फूल, कभी दिशाएं, ..... सुना तो ...

Read more »
11:00 AM

मेरे हिस्से की मिठास मेरे हिस्से की मिठास

तुम्हारा आना मैं भूल गई मेरे अन्दर समंदर अपना स्वाद लिए बैठा था अब तो जो है, तुम्हारी मिठास है ... रश्मि प्रभा ====================...

Read more »
10:55 AM

मैं कौन हूँ? - खुली किताब मैं कौन हूँ? - खुली किताब

खुली किताब और मैं .... एक ग़ज़ल , एक गीत एक शाम , एक उदासी प्रकृति की ओट से उगता सूरज ... अनगिनत परिभाषाओं के शब्दों में लिपटी मैं ... ...

Read more »
10:59 AM

फिर वही शब्दों का विहंगम जाल.......... फिर वही शब्दों का विहंगम जाल..........

शब्दों की भी एक सीमा होती है कहने की भी एक हद होती है... पर हम कहाँ चुकने देते हैं शब्दों को , उसमें रंग भरते रहते हैं , फिर उसे नया अंद...

Read more »
11:00 AM

हम दोनों लड़की  हैं हम दोनों लड़की हैं

लड़की एक उम्र की एक अबोध सुरक्षित एक अबोध असुरक्षित दोनों के भीतर उद्वेलित प्रश्न बेमानी आक्रोश ढूंढते आयाम - जाने कब तक ! रश्मि प्रभा ...

Read more »
11:32 AM

बस दो मिनट बस दो मिनट

दो मिनट सालों पर भारी पड़े कहाँ मैं ख्यालों में थी दो मिनट में तुमने उनको मिटा दिया अच्छा हुआ ... इसे मैंने खुद जाना और भ्रम से बाहर खुल...

Read more »
10:49 AM

एकाकीपन एकाकीपन

चाहत तो है पर तुम्हारा साथ हो यह सिर्फ मैं कैसे चाह लूँ ... रश्मि प्रभा =============================================================...

Read more »
11:05 AM

यदि मौन बड़ा तो लेखन-प्रवचन क्यों? यदि मौन बड़ा तो लेखन-प्रवचन क्यों?

मौन आधार शब्द मुखर लघुता कहीं नहीं ... लघु अपनी सोच है न हम मौन को सुनते हैं न शब्द ही हमें झकझोरते हैं ... रश्मि प्रभा ==========...

Read more »
11:43 AM

कभी मैं खुद ... कभी मैं खुद ...

शब्दों की शरारत और मस्त हवा का झोंका - मेरी भावनाएं ... कभी लेती है लम्बी उड़ान कभी छुप्पाछुप्पी के खेल कभी नन्हीं हथेलियों में ढेर सारे ...

Read more »
10:27 AM

तुम्हें आना ही होगा तुम्हें आना ही होगा

किन लफ़्ज़ों में कहूँ कृष्ण तुम्हारी कितनी ज़रूरत है कहना सुनना बहुत हुआ .... बस अब इस अधिकार का विश्वास है 'तुम्हें आना होगा ' रश्...

Read more »
10:38 AM

इसी भीड़ में... इसी भीड़ में...

भीड़ में खुद की तलाश कभी पूरी नहीं होती भीड़ तो बस भीड़ है जब भी कोई ख्याल उभरता है भीड़ में गुम हो जाता है रश्मि प्रभा ===========...

Read more »
11:00 AM
 
Top