वे ठिठके पल... वे ठिठके पल...

देर तक  मुट्ठी  में बंद, उस  चिपचिपी चॉकलेट का स्वाद  गेट से लौटती  नज़र घड़ी की टिकटिक और  कदमों तले चरमराते  सूखे पत्तों की...

Read more »
10:46 AM

मेरे कन्धे पर.... मेरे कन्धे पर....

  मेरे कन्धे पर श्मसान के रास्ते झूल रहे है और सभी लाशेँ कोल्हू के बैल सा उन रास्तोँ मेँ घुमते चले जा रहे है पूर्वजोँ की आहेँ जिनसे टकराक...

Read more »
10:59 AM

बुद्ध .........कौन ? ........एक दृष्टिकोण बुद्ध .........कौन ? ........एक दृष्टिकोण

बुद्ध .........कौन ?  सिर्फ एक व्यक्तित्व या उससे भी इतर कुछ और ? एक प्रश्न जिसके ना जाने कितने उत्तर सबने दिए. यूँ तो सिद्धार्थ नाम...

Read more »
11:03 AM

तुम न होगी तो.... तुम न होगी तो....

आज सुबह अचानक किताबों के पन्ने पलटते हुए  मेरी निगाह अपने एक ऐसे मित्र की रचनाओं पर पडी, जिसे पढ़ते हुए मैं खो गया पुरानी स्मृतियों में...

Read more »
4:37 PM

अपंग अपंग

आज फिर सुबह  चाय के साथ  अखबार  पढ़ रही थी , उफ्फ्फ फिर वही खबर  एक औरत की अस्मत लुटी गयी..... फिर उसके पुरे एहसास को ...

Read more »
1:42 PM

बेबाक मंज़र याद करते हैं. बेबाक मंज़र याद करते हैं.

ग़ज़ल मुझे मुस्कान के, बेबाक मंज़र याद करते हैं. मुसाफिर बेवतन हूँ, सैकड़ों घर याद करते हैं. जिन्हें आँगन बहुत प्यारे, उन्हीं के भ...

Read more »
10:27 AM

करेंसी नोट पर मुद्रित बापू ... करेंसी नोट पर मुद्रित बापू ...

व्यंग्य  चलो अच्छा हुआ बापू की कुछ अंतिम निशानियाँ भी बिक गईं। हमारे मुल्क के लिए तो वैसे भी ये चीजें उनके विचारों की तरह बेकार ही ...

Read more »
12:29 PM

वार्तालाप हुई जब हिंदी से वार्तालाप हुई जब हिंदी से

जिस तरह राष्ट्र गान के आगे खड़े होते हैं मौन , क्ष्रद्धान्वित वैसे ही कुछ पल इस वार्तालाप को दें ... रश्मि प्रभा =========...

Read more »
9:00 AM

शोषण से लेकर सशक्तीकरण तक नारी शोषण से लेकर सशक्तीकरण तक नारी

नारी   विमर्श   पितृसत्तात्मक समाज में नारी पुरुष की गुलाम और सामाजिक प्रताड़नाओं का शिकार रही है l नारी ही एक मात्र ऐसी जाति है जो ...

Read more »
11:26 AM
 
Top