ग़ज़ल
अभी आपको प्यार चाहिए
क्या पूरा संसार चाहिए?
जो भी बाँटा, मिला आपको
बातें और उधार चाहिए?
भाव हृदय का जो न समझे
तब उसको प्रतिकार चाहिए
मैं बोलूँ, वो सुनता जाए
श्रोता एक बीमार चाहिए
कितना और मनाऊँ तुमको
या फिर से तकरार चाहिए?
लोग बड़े रचना से होते
नहीं उम्र दीवार चाहिए
विदया देती विनय सर्वदा
छोड़ सुमन, अंगार चाहिए?
कितना और मनाऊँ तुमको
ReplyDeleteया फिर से तकरार चाहिए?
तकरार में आखिर क्या रक्खा है
उसको तो बस प्यार चाहिए
बेहतरीन गज़ल
मैं बोलूँ, वो सुनता जाए
ReplyDeleteश्रोता एक बीमार चाहिए
वाह!!!!!बहुत सुंदर
वाह ………बेहतरीन प्रस्तुति।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर गजल!...उत्तम प्रस्तुति!
ReplyDeleteविदया देती विनय सर्वदा
ReplyDeleteछोड़ सुमन, अंगार चाहिए?
waah ... kya baat hai ... !
बेहतरीन भाव ... बहुत सुंदर रचना प्रभावशाली प्रस्तुति
ReplyDeleteलोग बड़े रचना से होते
ReplyDeleteनहीं उम्र दीवार चाहिए
विदया देती विनय सर्वदा
छोड़ सुमन, अंगार चाहिए?
बहुत ही शानदार रचा है सुमन जी