ग़ज़ल 
अभी आपको प्यार चाहिए
क्या पूरा संसार चाहिए?

जो भी बाँटा, मिला आपको
बातें और उधार चाहिए?

भाव हृदय का जो न समझे
तब उसको प्रतिकार चाहिए

मैं बोलूँ, वो सुनता जाए
श्रोता एक बीमार चाहिए

कितना और मनाऊँ तुमको
या फिर से तकरार चाहिए?

लोग बड़े रचना से होते
नहीं उम्र दीवार चाहिए

विदया देती विनय सर्वदा
छोड़ सुमन, अंगार चाहिए? 
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7 comments:

  1. कितना और मनाऊँ तुमको
    या फिर से तकरार चाहिए?

    तकरार में आखिर क्या रक्खा है
    उसको तो बस प्यार चाहिए
    बेहतरीन गज़ल

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  2. मैं बोलूँ, वो सुनता जाए
    श्रोता एक बीमार चाहिए
    वाह!!!!!बहुत सुंदर

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  3. वाह ………बेहतरीन प्रस्तुति।

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  4. बहुत सुन्दर गजल!...उत्तम प्रस्तुति!

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  5. विदया देती विनय सर्वदा
    छोड़ सुमन, अंगार चाहिए?

    waah ... kya baat hai ... !

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  6. बेहतरीन भाव ... बहुत सुंदर रचना प्रभावशाली प्रस्तुति

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  7. लोग बड़े रचना से होते
    नहीं उम्र दीवार चाहिए

    विदया देती विनय सर्वदा
    छोड़ सुमन, अंगार चाहिए?
    बहुत ही शानदार रचा है सुमन जी

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