हिंदी दिवस
मनाने का भाव
अपनी जड़ों को सीचने का भाव है .
राष्ट्र भाव से जुड़ने का भाव है .
भाव भाषा को अपनाने का भाव है .
हिंदी दिवस
एकता , अखंडता और समप्रभुता का भाव है .
उदारता , विनम्रता और सहजता का भाव है .
समर्पण,त्याग और विश्वास का भाव है .
ज्ञान , प्रज्ञा और बोध का भाव है .
हिंदी दिवस
अपनी समग्रता में
खुसरो ,जायसी का खुमार है .
तुलसी का लोकमंगल है
सूर का वात्सल्य और मीरा का प्यार है .
हिंदी दिवस
कबीर का सन्देश है
बिहारी का चमत्कार है
घनानंद की पीर है
पंत की प्रकृति सुषमा और महादेवी की आँखों का नीर है .

हिंदी दिवस
निराला की ओजस्विता
जयशंकर की ऐतिहासिकता
प्रेमचंद का यथार्थोन्मुख आदर्शवाद
दिनकर की विरासत और धूमिल का दर्द है .

हिंदी दिवस
विमर्शों का क्रांति स्थल है
वाद-विवाद और संवाद का अनुप्राण है
यह परंपराओं की खोज है
जड़ताओं से नहीं , जड़ों से जुड़ने का प्रश्न है .
हिदी दिवस
इस देश की उत्सव धर्मिता है
संस्कारों की आकाश धर्मिता है
अपनी संपूर्णता में,
यह हमारी राष्ट्रीय अस्मिता है


डॉ मनीष कुमार मिश्र 
http://onlinehindijournal.blogspot.in/

7 comments:

  1. हिदी दिवस
    इस देश की उत्सव धर्मिता है
    संस्कारों की आकाश धर्मिता है
    अपनी संपूर्णता में,
    यह हमारी राष्ट्रीय अस्मिता है
    ... हिन्‍दी दिवस की शुभकामनाओं के साथ बधाई

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  2. बहुत गहराई तक उतरने वाले संदेश।

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  3. हिंदी दिवस की शुभकामनाएँ

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  4. हिंदी दिवस की शुभकामनायें ...

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  5. बहुत सुन्दर..हिंदी दिवस की बहुत बहुत शुभकामनायें ...

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  6. बहुत सुन्दर रचना....
    हिंदी दिवस की शुभकामनाये....
    :-)

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