
बहुत सहज था सब
...खामखाह प्रश्नों के घेरे में खड़े हो गए
जिनकी कोई बिसात न थी
वे भी उपदेशक बन गए ...!
जवाब ना देना अपनी कमजोरी नहीं
उन पर रहमोकरम है
जिस दिन ये नज़रें घुमाई हमने
--- या खुदा !
कोई पानी देनेवाला न होगा !!!
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जिस दिन ये नज़रें घुमाई हमने
ReplyDelete--- या खुदा !
कोई पानी देनेवाला न होगा !!!
गहरे भाव उकेरते ये शब्द ...बेहतरीन अभिव्यक्ति ।
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति...
ReplyDeleteSaty aur shashwat abhivyakti !
ReplyDeleteबेहद गहन अभिव्यक्ति।
ReplyDeleteजिस दिन ये नज़रें घुमाई हमने
ReplyDelete--- या खुदा !
कोई पानी देनेवाला न होगा !!!
यह बात समझ आ जाये तो बात ही क्या है....बहुत सटीक अभिव्यक्ति
बहुत खूबसूरत!
ReplyDeleteSARHAK AVIVAYKTI!!!!!!!!
ReplyDeleteजिस दिन ये नज़रें घुमाई हमने
ReplyDelete--- या खुदा !
कोई पानी देनेवाला न होगा !!!
जबरदस्त!
shiv ki teesri aankh....bhasm na ho jaye, prashn karne wala...ramhokaram di...:)
ReplyDeleteas usual....meri di...no. 1!!
शुभानअल्लाह!
ReplyDeleteनरम-नरम सी दिख रही आँखों के अंदर की फौलादी ताकत का अंदाजा सहज ही महसूस हो रहा है
ReplyDeleteउत्तम रचना!
sach hi hai ,,behtareen..
ReplyDeleteजिस दिन ये नज़रें घुमाई हमने
ReplyDelete--- या खुदा !
कोई पानी देनेवाला न होगा !!
bahut khub
kya bat hai
....
mere blog par
"main"
जुदा अंदाज़ पर बात एक दम खरी! आभार!
ReplyDeleteबेहतरीन अभिव्यक्ति
ReplyDeleteजवाब ना देना अपनी कमजोरी नहीं , उन पर रहमो करम है ...
ReplyDeleteक्या अंदाज़ है ... !
बहुत ही सुंदर ...और सच से रूबरू
ReplyDeletesaargarbhit rachna...
ReplyDeletebahut hi gahan baat..........
ReplyDeleteअनुपम जी से सहमत हूँ ... नारी कोमल है पर कभी वो भी फौलादी बन सकती है ...
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