
बचपन ... सुनते कागज की नाव में सारी शैतानियाँ ,
नादानियां बैठ जाती हैं
शरारतों के चप्पू छप छप पानी उछालते हैं
सारी दुनिया मुट्ठी में
परियां सिरहाने
कोई दुःख नहीं ........ बस एक कहानी, एक जादू और खिलखिलाते सपने ...
रश्मि प्रभा
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बचपन का ज़माना
बचपन का ज़माना होता था,
शरारतों के चप्पू छप छप पानी उछालते हैं
सारी दुनिया मुट्ठी में
परियां सिरहाने
कोई दुःख नहीं ........ बस एक कहानी, एक जादू और खिलखिलाते सपने ...

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बचपन का ज़माना
बचपन का ज़माना होता था,
खुशियों का खज़ाना होता था !!
चाहत चाँद को पाने की,
दिल तितली का दीवाना होता था !!
खबर ना थी कुछ सुबह की ,
ना शाम का ठिकाना होता था !!
थक हार के आना स्कूल से,
पर खेलने भी जाना होता था !!
दादी की कहानी होती थी ,
परियो का फसाना होता था !!
बारिश में कागज़ की कश्ती थी ,
हर मौसम सुहाना होता था !!
हर खेल में साथी होते थे ,
हर रिश्ता निभाना होता था!!
पापा की वो डाटें ,
गलती पर मम्मी का मनाना होता था !!
गम की जुबां ना होती थी ,
ना ज़ख्मो का पैमाना होता था !!
रोने की वजह ना होती थी
ना हंसने का बहाना होता था !!
अब नहीं रही वो जिंदिगी ,
रोने की वजह ना होती थी ना हंसने का बहाना होता था !! अब नहीं रही वो जिंदिगी , जैसा बचपन का ज़माना होता था!
ReplyDeletewah.bahot sunder likhe hain.
bahut sunder rachna.... bachpan ke maasoom bhaavon si behti hui...! :)
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत बचपन होता है ....सुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteगम की जुबां ना होती थी ,
ReplyDeleteना ज़ख्मो का पैमाना होता था !!
रोने की वजह ना होती थी
ना हंसने का बहाना होता था !!
वाह, क्या खूब ... बचपन की बातें बहुत सुन्दर ढंग से लिखी गई है ...
रोना हँसना सब बेवजह होता था ...
ReplyDeleteबचपन के सुहाने दिन की प्यारी सी कविता !
दादी की कहानी होती थी ,
ReplyDeleteपरियो का फसाना होता था !!
बारिश में कागज़ की कश्ती थी ,
हर मौसम सुहाना होता था !!
वाह, क्या बात है...।
बचपन की यादों के सहारे ही तो जीवन की दुश्वारियां आसान लगने लगती हैं।
बचपन के जादुई संसार को उकेरती खूबसूरत अभिव्यक्ति. आभार.
ReplyDeleteसादर,
डोरोथी.
अच्छी कविता
ReplyDeleteसुभद्रा जी की वो पंक्तिया अनायास ही जुबां पे आ गए .
मैं रोई माँ काम छोड़कर
आयी मुझको उठा लिया
झाड-पोछकर चूम लिया
गीले गालों को सुखा दिया
बहुत ही सुन्दर बचपन की यादों को संजोती बेहतरीन अभिव्यक्ति ।
ReplyDeletebachpan bachpan hai-----
ReplyDelete"चाहत चाँद को पाने की,
ReplyDeleteदिल तितली का दीवाना होता था !!"
बचपन का अद्भुत चित्रण.बचपन सबका ऐसा ही होता है,सपनों से भरा,अपनों से भरा.
bachpan bachpan bachpan... kaash kee ye bachpan fir mil jata... bahut sundar rachna bachpan kee yadon par..
ReplyDeletebachpan bachpan bachpan... kaash kee ye bachpan fir mil jata... bahut sundar rachna bachpan kee yadon par..
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