
चाँद से दोस्ती हो
हथेली में चाँदनी भर जाये
सिरहाने सपना .... अब और क्या चाहिए !!!
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सपनों का साथ
एक् रात बादलो संग घूमते घूमते ,
कहीं दूर ... बहुत दूर
एक रौशनी नज़र आई ,
चाहा वहाँ जाऊँ ...
पर मन् घबराया,
अँधेरे में रहने की आदत जो थी !
किसी अनजानी शक्ति से खिंची पहुँच गयी ...
कुछ तारों को खेलते देखा
मेरा मन किया -
मैं भी खेलूं , झुमूं ,
बातें करूँ , कुछ सुनूँ ...
चाँद से पूछा
तेरी चाँदनी का हिस्सा बन जाऊँ ?
तेरे तारो संग खेलूं ?
ज्यादा नहीं -
बस कुछ लम्हें
तेरी रौशनी में जी लूँ ...
चाँद आगे बढा
मेरी बाहें गहीं
चांदनी के रथ में बिठाया
तारों से राहें सजाईं
और कई लम्हें सपनों के
मेरे सिरहाने रख गया !
अब अँधेरा होते सिरहाने से
मैं चाँद के दिए लम्हें निकालती हूँ
और सुबह होने तक
सपनों की दुनिया
मेरे साथ साथ चलती है ...
sapno ki duniya mere sath chalti hai
ReplyDeletesunder rachna
...
जितनी सुन्दर सपनों की दुनिया उतनी ही मीठी अक्षरों की बुनावट !
ReplyDeleteअब अँधेरा होते सिरहाने से
ReplyDeleteमैं चाँद के दिए लम्हें निकालती हूँ
और सुबह होने तक
सपनों की दुनिया
मेरे साथ साथ चलती है ...
बेहतरीन प्रस्तुति के लिये आभार ।
shuruaat rashmi prabhajee ki aur kavita pritee mehtajee ki laga aisa jaise sone men suhaga.
ReplyDeleteअब अँधेरा होते सिरहाने से
ReplyDeleteमैं चाँद के दिए लम्हें निकालती हूँ
और सुबह होने तक
सपनों की दुनिया
मेरे साथ साथ चलती है ...
वाह,
सुन्दर भावों में पगी हुई, खूबसूरत अहसास की खूबसूरत कविता !
वाह!क्या भाव भरे हैं……………एक दम तराशी हुयी रचना दिल छू गयी।
ReplyDeletePreeti sapno ki khubsurat duniya me yun hi chahkte rahna...:)
ReplyDeleteder aaye, durust aaye..hai na, bahut dino baat tumhari post dekhi...lekin ek baar me hi chhakka maar diya...:D
keep it up preeti...fir se kuchh shabdo ko saja do apne blog pe..:)
सपनो की दुनिया सी प्यारी रचना.
ReplyDeletebeautiful thoughts...perfect ending ...
ReplyDeletebahot khoob....
likhtey raho
Preeti ji sapno ki duniya wakai kamaal ki duniya hai..bahut kuchh paa lete hain kuchh na paane ke baad bhi.
ReplyDeleteअब अँधेरा होते सिरहाने से
मैं चाँद के दिए लम्हें निकालती हूँ
और सुबह होने तक
सपनों की दुनिया
मेरे साथ साथ चलती है .aur apki ye rachna to bahut sunder hai..aur ye antim panktiyaan to kya kehne. bahut khoob.
badhai aapko.
वाह... इतने सुन्दर तराशे हुए सपने...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर...
bahut khoob....
ReplyDeleteवाह! सुन्दर सपना!
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर रचना रचना !
ReplyDeleteTahe Dil Se Shukriya Aap sabhi ka...!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर सपनों की दुनियाँ ...
ReplyDeleteकमाल है..कौन छोडेगा ऐसी सपनों की दुनियां..
ReplyDeletesundar rachna, badhaai preeti.
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