कुछ तो है बात जो हवाएँ तेरे संग संग चलती हैं
जैसे तू इठलाती है वो भी इठलाती है
तुझको छूकर वो चन्दन सी महक जाती है
कुछ तो रिश्ता है तेरा इन हवाओं के संग
क्यूँ तेरी आहटें ये पास लेके आती हैं !....
रश्मि प्रभा
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जाने हवाओं का तेरे तस्सवुर से रिश्ता क्या हैं
तेरे बारे जो सोचू.... तो महक ये उठती हैं
जाने हवाओ का तेरे तस्सवुर से रिश्ता क्या हैं
तू साथ हो तो लब जाने क्यों नहीं खुलते इसके
तुझे कहने को दिल जाने ये सोचता क्या हैं...
दर्द ग़म टूटे ख्वाब और चंद ख्वाहिशे अधूरी...
तू न हो तो जिंदगी इन लफ्जों के सिवा क्या हैं...
मैं जीता हूँ इस जहा सिर्फ उसका नजारा कर
जो शक्स पूछे तू मुझमे देखता क्या हैं...
औरो सा मुझे देखते तो..तू भी औरो से जुदा कहाँ
मेरी आरजू तू बताये ... मुझमे अलग सा क्या हैं
तू यार और कुछ न कर... ये मुश्किल फकत हल कर मेरी..
तुझसे जब नहीं बाकी... तेरी यादो से ये कुछ बाबस्ता क्या हैं...
हर एक से नजदीकी रखे... आलोक वो शख्स कुछ ठीक नहीं...
जाने क्या मतलब हो उसे... जाने वो तुझसे चाहता क्या हैं...
आलोक मेहता...
gazab ki bhavavyakti.
ReplyDeleteदर्द ग़म टूटे ख्वाब और चंद ख्वाहिशे अधूरी...
ReplyDeleteतू न हो तो जिंदगी इन लफ्जों के सिवा क्या हैं...
वाह वाह वाह बहुत सुंदर गज़ल है. गहरे भाव और बहुत भावनात्मक. आलोक बहुत बधाई.
खूबसूरत अहसासों का दिलकश बयाँ! वाह!
ReplyDeleteबहुत सुंदर गज़ल है| धन्यवाद|
ReplyDeleteदर्द ग़म टूटे ख्वाब और चंद ख्वाहिशे अधूरी...
ReplyDeleteतू न हो तो जिंदगी इन लफ्जों के सिवा क्या हैं...
bahut sundar
बहुत ही सुन्दर ग़ज़ल.....
ReplyDeleteबेहतरीन ग़ज़ल !
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ReplyDelete@ वन्दना ji...
ReplyDeleteApka Behad Shukriya..
@ रचना दीक्षित ji...
Rachna ki sarahana evam protsahan ke liye aabhaar...
@ ktheLeo ji...
Behad Shukriya Sir..
@ Patali-The-Village ji..
Aap ghajal tak aaye evam utsaah badhaya ...
aapka behad shukriya..
@ vandana ji..
Behad Shukriya Vandana ji...
@ sushma 'आहुति' ji...
Aabhar sweekar kare Sushma ji..
@ Dr.Nidhi Tandon ji...
Behad Shukriya.. Dr. Nidhi Tandon ji...
Rashmi Prabha ji...
ReplyDeleteapne rachna ko vatvriksh mein jagah dekar protsaahit kia..
behad shukriya...