ये लिखा वो लिखा क्या क्या न लिखा
पर जाने क्या पसंद थी कि कोई न दिखा
तब जाना - जिन्हें समझ होगी , वे खुद आयेंगे
मेरे ब्लॉग पोस्ट के साथ उनकी किस्मत भी खुल जायेंगे



रश्मि प्रभा 
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मेरे ब्लॉग-पोस्ट की किस्मत खुल गई......

मैंने लिखा एक ब्लॉग-पोस्ट!
नेताजी की काली करतूते....
वोट मांगने के नए तरीके....
सरकारी खजाने का दुरुपयोग...
झूठे वादे...झूठी कसमों की बाढ....
दबी हंसी मे छिपी....लुच्चाई....
आंसूओं के आवरण में लिपटी...बे-शरमी...
सब शामिल था ब्लॉग-पोस्ट में....
इंतज़ार था तो बस!....एक टिप्पणी का....
टिप्पणियां जब मिल गई...मेरी किस्मत खुल गई !

मैंने लिखा एक ब्लॉग-पोस्ट....
सरकारी अफसरों के काले कारनामें...
रिश्वत-खोरी के नए रूप-रंग...
फाइलों के गुम हो जाने के बारे में...
बिना कारण तबादले होने के बारे में....
पुलिस केस के चलते...
आत्महत्या या एक्सीडैंट के बारे में...
सब कलम बद्ध कर दिया मैंने...
सोच कर कि बस!...एक टिप्पणी जरुर मिलेगी...
कुछ टिप्पणियां मिल गई....मेरी किस्मत खुल गई!

मैंने लिखा एक ब्लॉग-पोस्ट!
व्यंग्य था वेलेंटाइन डे का...
आज के युवा लड़के-लड़कियां...
पाश्चात्य संस्कृति के दीवाने....
दिखावे के प्रेम के परवाने....
उनकी ना समझी को बढ़ावा दे रहे....
उनके माता-पिता...उनके अभिभावक...
खुली आँखों से जो देखा...वही लिखा...
और प्रतिक्रियाएँ जाननी चाही मैंने...
कुछ टिप्पणियाँ मिल गई...मेरी किस्मत खुल गई!

ब्लॉग-पोस्ट की बात करे तो....
टिप्पणियाँ ज्यादा न सही....
....कम तो मिलनी ही चाहिए!
लिखना सार्थक हुआ ऐसा मेरे साथियों...
....ऐसा ब्लॉग लेखक को लगना ही चाहिए!
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डा. अरुणा कपूर

19 comments:

  1. धन्यवाद रश्मि प्रभा जी!...मेरी उपस्थिति अब यहाँ कायम हो गई!...मुझे वटवृक्ष पर आशियाना मिल गया!...बहुत सुन्दर अनुभूति!

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  2. टिप्पणियाँ ज्यादा न सही....
    कम तो मिलनी ही चाहिए!
    सही !

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  3. लिखना सार्थक हुआ ऐसा मेरे साथियों...
    ....ऐसा ब्लॉग लेखक को लगना ही चाहिए!
    sahi hai yek tippani aur jod dijiye ...

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  4. ब्लॉग-पोस्ट की बात करे तो....
    टिप्पणियाँ ज्यादा न सही....
    ....कम तो मिलनी ही चाहिए!
    लिखना सार्थक हुआ ऐसा मेरे साथियों...
    ....ऐसा ब्लॉग लेखक को लगना ही चाहिए!
    कभी-कभी मैं भी इन उलझनों में उलझ जाती हूँ.... !!
    टिप्पणियाँ करने वाले यकीं तो दिला दें ,उन्हों ने पढ़ा(रचना को)भी है.... !!

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  5. टिप्पणियाँ ज्यादा न सही....
    ....कम तो मिलनी ही चाहिए!
    लिखना सार्थक हुआ ऐसा मेरे साथियों...
    ....ऐसा ब्लॉग लेखक को लगना ही चाहिए!
    .........सहमत हूँ :)

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  6. टिप्पणियाँ उत्साह तो बढ़ाती हैं...
    मगर हाँ ये पता लगना ज़रूरी है कि आपने रचना पढ़ी भी है कि नहीं...या सिर्फ "सुन्दर "बढ़िया "बहुत खूब" लिखा और निकल लिए..ये और कह गए कि मेरी पोस्ट पर आईएगा :-)

    सादर.

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  7. बहुत सही कहा ...बेहतरीन अभिव्‍यक्ति ।

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  8. अरुणा जी,आप अपने सुन्दर लेखन से लुभा लेती हैं जी.रस के लोभियों को तो आना पड़ेगा ही
    आपके लेखन का रस लेने के लिए.

    शानदार अभिव्यक्ति के लिए आभार जी.

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  9. टिप्पणियाँ ज्यादा न सही....
    ....कम तो मिलनी ही चाहिए!
    लिखना सार्थक हुआ ऐसा मेरे साथियों...
    ....ऐसा ब्लॉग लेखक को लगना ही चाहिए! shandar

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  10. बजा फ़रमाया...एक अदद टिप्पणी पाने के लिए...कितने ब्लॉग पढ़ने पड़ते हैं और कमेन्ट करने पड़ते हैं...एक भी टिप्पणी मिल जाये तो लिखना सार्थक हो जाता है...

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  11. :):) लेखन सार्थक हो ...यही कामना है ...

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  12. टिप्पणियाँ ज्यादा न सही....
    ....कम तो मिलनी ही चाहिए!
    लिखना सार्थक हुआ ऐसा मेरे साथियों...
    ....ऐसा ब्लॉग लेखक को लगना ही चाहिए!

    हां, सही कहना है आपका।
    ब्लाग पोस्ट और टिप्पणी एक दूजे के लिए ही बने हें।

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  13. dil ki bat kah di apne....bahut bahiya

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