हवाओ से कह दो अपनी औकात में रहे
हम परों से नहीं हौसलों से उड़ते हैं। .... यह कलम है प्रवीणा जोशी की . वटवृक्ष पर वे अपनी रचना के साथ आपसबों
के बीच आ चुकी हैं . यह यात्रा है उनकी कलम से एक शक्स ! तो देर किस बात की , मिलिए उनकी कलम से और एक रिश्ता
कुछ हटके बनाइये

रश्मि प्रभा


==============================================================
शुरू है मेरी कलम की यात्रा जहाँ हम मिलेंगे प्रभावशाली शख्स से ,जिनके ब्लॉग :

(http://www.drlakshmi.blogspot.com/)
को तो हम देख ही चुके है इसके अलावा अपनी कहानी संग्रह” एक हंसी की उम्र “को भी महका चुकी है ... तो आइये इस यात्रा के आरम्भ में मैं मिलाती हूँ ....डॉ .लक्ष्मी शर्मा ,जो जयपुर में कोलेज लेक्चरर होने के साथ ही ,लेखिका व् ब्लॉगर भी है |
बंगाल में एक पत्रकार ने लिखा कि यौनकर्मी के पुत्र ने क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन किया। आम पाठक की तरह आप भी खेल से इतर क्रिकेटर की माता के संबंध में सोचने लगे होंगे, लेकिन डॉ. लक्ष्‍मी शर्मा ने इस विचार की जमकर भर्त्‍सना की। उन्‍होंने युवा क्रिकेटर की मानसिक अवस्‍था की पैरवी करते हुए कहा कि एक बालक आज अपने अतीत से लड़ते हुए वर्तमान में अपने वजूद को तलाश रहा है, और पत्रकार उसके घटिया अतीत को कुरेदने का प्रयास कर रहा है। पेशे से शिक्षिका डॉ. लक्ष्‍मी शर्मा जो खुद को मानववादी मानती हैं साथ ही नारीवादी दृष्टिकोण को एक बार फिर समझे जाने की जरूरत बताती हैं। प्रवीणा जोशी ने डॉ. लक्ष्‍मी से ऑनलाइन बातचीत की। यहां देखिए उसका सम्‍पादित अंश...
प्रवीणा: नमस्कार लक्ष्मी जी
डॉ. लक्ष्‍मी शर्मा: नमस्कार।
प्रवीणा: आप ब्‍लॉगिंग में नई हैं, मगर लिखने से आप का सम्बन्ध कब से है?
डॉ. लक्ष्‍मी शर्मा: मैं महाविद्यालय में पढती थी, तभी से शैक्षणिक आलेख लिखती रही हूं। मेरी पहली बार बाल कहानी राजस्थान पत्रिका में वर्ष 2002 में छपी। साहित्यिक पत्रिका कथन में मेरी कहानी छपी। जिसकी तारीफ़ भी लिखी गयी और बाद में अनुवाद भी हुआ।
प्रवीणा: आपका ब्लॉग आखर माया विविधता लिए हुए है। कहीं आपने राजनीति को तो कही लेखकों की लेखनी तक को आड़े हाथों लिया है। ऐसी संवेदनाओं का स्रोत कहां से मिलता है?आपकी कोई सतत प्रेरणा?
डॉ. लक्ष्‍मी शर्मा: जी, सबसे ज्यादा तो पढ़ना और खूब पढा़ना। दूसरे, इस जिंदगी और सच्चे चरित्रों को गहरे से देखना। किसी वाद-विशेष से न जुडना और खुद को हमेशा विद्यार्थी मानना। प्रेरणा स्त्रोत भी कोई एक नहीं। जीवन ने जहाँ-जहाँ सिखाया, जैसे जैसे तरीके से सिखाया, तो मैंने भी शिष्य भाव से ग्रहण किया।
प्रवीणा: और सिखाने के बारे में आपके खयालात हैं?
डॉ. लक्ष्‍मी शर्मा: वह भी आप सिखाने का भाव दूर रख के ही कर सकते है। दूसरी बात शिक्षार्थी की ग्रहण-क्षमता। तीसरी बात, आतंकित किए बिना सरलतम तरीका और अंतिम बात गुरु का उस विषय पर पूरा अधिकार हो।
प्रवीणा: ‘’कई बार ऐसा होता है कि किसी बहुत अच्छी वस्तु का प्रत्येक पक्ष इतना अच्छा होता है कि उसकी लहर में उसका एक-आध बढ़िया पक्ष उपेक्षित हो जाता है’’
ये वाक्य मैंने आप ही के एक लेख से लिए है ,,,तो अब आप मुझे बता सकती हैं कि लक्ष्मी शर्मा का कौनसा पक्ष अभी तक उपेक्षित है?
डॉ. लक्ष्‍मी शर्मा: मुझे नहीं लगता। हाँ, फिल्मों से सम्बंधित जानकारी भी मुझे काफी है, उस विषय पर लिखना चाहती हूं, किन्तु पढ़ने,पढा़ने, संपादक कार्य करने (मैं एक साहित्यक पत्रिका 'अक्सर'की संपादक भी हूं) और अन्य आलेख वगैरह लिखने में व्‍यस्‍त रहने के कारण इस विषय पर काम नहीं कर सकी हूं अब तक। और हां, अपने समाज की अखिल भारतीय सांस्‍कृतिक मंत्री भी हूं।
प्रवीणा: अब नया क्‍या पक रहा है?
डॉ. लक्ष्‍मी शर्मा: अभी मेरा एक कहानी संग्रह 'एक हँसी की उम्र' प्रकाशित हुआ है।
प्रवीणा: क्या कुछ खुलासा करना चाहेंगी?
डॉ. लक्ष्‍मी शर्मा: ये कहानी संग्रह है। इसकी सभी कहानियां साहित्यिक पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं और सराही गई हैं। 'दलित विमर्श एक शोधपत्र', 'मोक्ष ' और' खते मुतवाजी'कहानियां विशेष चर्चित हुई हैं।
प्रवीणा: आपके लेखों में आध्यात्मिकता और नारीवाद का प्रभाव दिखाई देता है। कोई खास वजह ?
डॉ. लक्ष्‍मी शर्मा: नारी नहीं इसे मनुष्‍यवाद कह सकते हैं। सबको बराबर सम्मान मिले नर हो या नारी हो। और जो दमित हो उसे उठाया जाये। अगर आप इस तथ्य को मान के इस पर चलते है तो ओढ़े हुए आध्यात्म की आवश्यकता नहीं पड़ती। मनुष्य का जहाँ कल्याण भाव है आत्मा अधोगति हो गई और आ गया आध्यात्म। बस में तो इसी छोटे से नियम पर चलती हूं।
प्रवीणा: आपका आम दिन कैसे गुजरता है?
डॉ. लक्ष्‍मी शर्मा: सामान्य स्त्रीयों की तरह गृहस्थी संभालना, बच्चों के साथ खेलना, आप जैसी मित्रों से गप्पें लगाना, सब कुछ सामान्य, बस।
प्रवीणा: ‘’अमेरीका की दादागिरी तो कब से चल रही है, अब ब्रह्मपुत्र को अपनी और मोड़ के चीन ने भी भारत के विरूद्ध पर्यावरण युद्ध का एलान कर दिया कल से दादागिरी भी करेगा,कर लेने दो, जो करेगा सो भरेगा, पाल बाबा आप ये बताओ मेरी बहू के विरूद्ध मेरी दादागिरी कब चलेगी ?’’
आपकी लेख की इन लाइनों ने मेरी उत्‍सुकता बढ़ा दी है, क्या मेरी सास की तरह आप भी अपनी बहु पर दादा गिरी की हिमायती हैं?
डॉ. लक्ष्‍मी शर्मा: ये सब व्यंग था। इस ज़माने की गडबड और हमारे अन्धविश्वास पर। इनका क्या उत्तर दूँ।
प्रवीणा: क्या किसी सामाजिक कार्यों में समय दे पाती है लेखन के बीच ?
डॉ. लक्ष्‍मी शर्मा: अपने समाज में स्त्री शिक्षा के लिये संघर्ष करती हूं। बच्चे बड़े हो गए, पति सहयोगी हैं। दिन में सोती नहीं, टी.वी.कम देखती हूं।
प्रवीणा: कोई संदेश देना चाहेंगी आज की युवा पीढ़ी और महिला ब्‍लॉगर्स को?
डॉ. लक्ष्‍मी शर्मा: लक्ष्य पर दृष्टि रखें। खूब पढ़े, गलत के विरूद्ध निर्भय हो के आवाज़ उठाएं और जीवन को सिर्फ भौतिकतावादी दृष्टि से न देखे। महिलाएं भी अपने व्यक्तिव को समाज में सक्षम बनाएं। अपने और अपनी साथियों के लिये विशेषकर बच्चियों के लिये शिक्षा के अधिकारों की रक्षा करे। निर्भय होकर लिखें। विचार साझा करे और सबसे बड़ी बात नारीवादी दृष्टिकोण को सही अर्थों में समझें।
प्रवीणा:धन्यवाद लक्ष्मी जी , उम्मीद है आपसे इसी तरह सीखने को मिलता रहेगा।,
लक्ष्मी शर्मा :धन्यवाद प्रवीणा जी ,मुझे भी “मेरी कलम की यात्रा “में आकर बेहद खुशी हुई |
दोस्तों ये है लक्ष्मी शर्मा जिनसे हमने बातचीत की ,और इसी तरह हमारे कलम की यात्रा चलती रहेगी ,,,हर बार एक बेहतरीन शख्स से मिलवाने का वादा करते हुए ....अलविदा !
My Photo
प्रवीणा जोशी

25 comments:

  1. लक्ष्मी जी से परिचय अच्छा लगा ..आभार

    ReplyDelete
  2. कलम की इस यात्रा में ... लक्ष्‍मी जी से परिचय और उनके बारे में जानकर अच्‍छा लगा ....

    ReplyDelete
  3. अच्छा लगा एक और जागरूक इंसान से मिलकर..

    ReplyDelete
  4. एक ब्लोगेर /लेखिका और प्रभावशाली महिला से की गयी महत्वपूर्ण बातचीत अच्छी लगी |आभार

    ReplyDelete
  5. प्रवीणा जी की लेखनी के माध्यम से लक्ष्मी जी के बहुआयामी व्यक्तित्व को जानने का शुभ अवसर मिला.बहुत-बहुत धन्यवाद.

    ReplyDelete
  6. एक ब्लोगेर /लेखिका और प्रभावशाली महिला से की गयी महत्वपूर्ण बातचीत अच्छी लगी

    ReplyDelete
  7. एक बेहतरीन शख्स से मिलवाने के लिए प्रवीण जी और आपको धन्यवाद !

    ReplyDelete
  8. prabhavshali vyaktitva ka prabhavshali parichay...

    ReplyDelete
  9. rashmi di
    bahut hi badhiya laga itne prabhavshali vyaktitv ki dhani do. laxhmi sharma ji se milkar .wakai itni mahan hasti ka parichay bahut hi achha laga .di iske liye aapko bahut bahut dhanyvaad
    poonam

    ReplyDelete
  10. लक्ष्मी जी से परिचय बहुत अच्छा लगा..शुभकामनायें!

    ReplyDelete
  11. bhut accha parichaye hai aur bhut hi prabaavsali bhi h...

    ReplyDelete
  12. आभार इस परिचय का....

    ReplyDelete
  13. प्रवीणा: कोई संदेश देना चाहेंगी आज की युवा पीढ़ी और महिला ब्‍लॉगर्स को?
    डॉ. लक्ष्‍मी शर्मा: लक्ष्य पर दृष्टि रखें। खूब पढ़े, गलत के विरूद्ध निर्भय हो के आवाज़ उठाएं और जीवन को सिर्फ भौतिकतावादी दृष्टि से न देखे। महिलाएं भी अपने व्यक्तिव को समाज में सक्षम बनाएं। अपने और अपनी साथियों के लिये विशेषकर बच्चियों के लिये शिक्षा के अधिकारों की रक्षा करे। निर्भय होकर लिखें। विचार साझा करे और सबसे बड़ी बात नारीवादी दृष्टिकोण को सही अर्थों में समझें।

    ye saval aur jjavab dono pasand aaye..

    .Rashmiji , Praveena jee aap ka bhi shukriya ki aap aise parichay hasmse karvate hai jise padh kar protsahan milta hai ...

    ReplyDelete
  14. परिचय अच्छा लगा ..आभार

    ReplyDelete
  15. do do vicharwan logo se parichay achha laga!

    ReplyDelete
  16. लक्ष्‍मी जी से परिचय अच्‍छा लगा ....

    ReplyDelete
  17. bahut achha interview, lakshmi ji ke baare mein jaankar khushi hui. bahut shubhkaamnaayen.

    ReplyDelete
  18. अब मैं क्या बोलूं ...लक्ष्मी दी को रोज ही लगभग परेशान करता हूँ ..कभी अपना जो भो उल्लुलूल लिखता वो टैग करके तो कभीफेसबुक पर मेसेज करके ...कभी किसी और तरीके से...आज ही ठीक से जाना है उनके बारे में ....एक दीदी के घर में आकर दूसरी दीदी से परिचय !!
    प्रवीना जी आपका आभार !
    और रश्मि दीदी और लक्ष्मी दी को प्रणाम !

    ReplyDelete
  19. आप सभी मित्रों का हृदयतल से आभार.सच कहूँ तो ये सब प्रवीणा जी का सौजन्य है कि उन्होंने आप सब सुधीजन से मेरा परिचय करवाया.आप लोगो का साथ निश्चय ही श्रेयस्कर एवं शिक्षाप्रद रहेगा ये आशा कराती हूं.

    ReplyDelete
  20. issi bahane ek shaksiyat se parichay hua...rashi di, pravina jee aur dr. lakshmi ko iss Mukesh ka saprem abhaar!

    ReplyDelete
  21. लक्ष्मी जी जैसी शक्शियत से मिलवाने का शुक्रिया प्रवीण जी ! और प्रवीण जी आज आपको भी और अच्छी तरह से जानने का मौका मिला !

    ReplyDelete
  22. म एडम्स KEVIN, Aiico बीमा plc को एक प्रतिनिधि, हामी भरोसा र एक ऋण बाहिर दिन मा व्यक्तिगत मतभेद आदर। हामी ऋण चासो दर को 2% प्रदान गर्नेछ। तपाईं यस व्यवसाय मा चासो हो भने अब आफ्नो ऋण कागजातहरू ठीक जारी हस्तांतरण ई-मेल (adams.credi@gmail.com) गरेर हामीलाई सम्पर्क। Plc.you पनि इमेल गरेर हामीलाई सम्पर्क गर्न सक्नुहुन्छ तपाईं aiico बीमा गर्न धेरै स्वागत छ भने व्यापार वा स्कूल स्थापित गर्न एक ऋण आवश्यकता हो (aiicco_insuranceplc@yahoo.com) हामी सन्तुलन स्थानान्तरण अनुरोध गर्न सक्छौं पहिलो हप्ता।

    व्यक्तिगत व्यवसायका लागि ऋण चाहिन्छ? तपाईं आफ्नो इमेल संपर्क भने उपरोक्त तुरुन्तै आफ्नो ऋण स्थानान्तरण प्रक्रिया गर्न
    ठीक।

    ReplyDelete

 
Top