अक्सर मरे हुओं को पाने के लिए
तुम खुदा को बुत बना देते हो
फिर उसके होने का प्रमाण मांगते हो
यकीनन .......
बना देता है जिन्दगी को एक नासूर ,
फिर वो सड़ने ,गलने लगते हैं !
ऐसे में सबसे बेहतर इलाज है कि ,
एक कैंसर के कीड़े की तरह ये रिश्ते
आपको पूरा का पूरा खा जाए
उस से पहले
उस रिश्ते रुपी अंग को
काट कर फ़ेंक दिया जाए ,
सड़ी हुई दुनिया के सड़े हुए लोगों ,
अभी भी वक़्त है उठ जाओ और
दो किसी जरूरत मंद को
थोड़ी सी हमदर्दी और थोडा सा प्यार
उन सबसे कहीं ज्यादा
सिर्फ और सिर्फ थोडा सा विश्वास
हम सबने सुना है
और माना भी है कि
प्यार और विश्वास तो दुनिया बदल सकता है ,
यकीनन
एक संगमरमर को ताजमहल में बदल सकता है
परिचय सिर्फ इतना सा है कि ................जिन्दगी को समझने कि कोशिश में हूँ ,क्या पाया क्या खोया इस लेखे जोखे के बिना .
प्यार और विश्वास तो दुनिया बदल सकता है ,
ReplyDeleteयकीनन
बेहतरीन शब्द रचना ।
प्यार और विश्वास तो दुनिया बदल सकता है ,
ReplyDeleteयकीनन
एक संगमरमर को ताजमहल में बदल सकता है
atyant khoobsurat post......
यकीनन प्यार और विश्वास तो पत्थर मे भी प्राण फ़ूंक सकता है…………बेहद उम्दा रचना।
ReplyDeleteरश्मि जी आपके ब्लोग की चर्चा हिन्दुस्तान मे पढी थी……………आपको हार्दिक बधाई।
यकीनन ... प्यार और विश्वास तो दुनिया बदल सकता है ..! Bahut satik rachna...!
ReplyDeleteयकीनन बढ़िया अभिव्यक्ति!
ReplyDeleteरिश्तों में जब स्वार्थ रुपी घुन लगता है ,
ReplyDeleteबना देता है जिन्दगी को एक नासूर ,
फिर वो सड़ने ,गलने लगते हैं
प्यार और विश्वास ही इसकी दवा है ....अच्छी अभिव्यक्ति
यक़ीनन, खूबसूरत है रचना!
ReplyDeleteसुंदर रचना...
ReplyDeleteहम सबने सुना है
ReplyDeleteऔर माना भी है कि
प्यार और विश्वास तो दुनिया बदल सकता है ,
यकीनन
एक संगमरमर को ताजमहल में बदल सकता है
gahare dard ko darshaati -gahari abhivyakti ....
प्यार और विश्वास तो दुनिया बदल सकता है ,
ReplyDeleteयकीनन
एक संगमरमर को ताजमहल में बदल सकता है.. kuch panktiyo me apne bhut kuch kah diya... very nice...
एक संगमरमर को ताजमहल में बदल सकता है
ReplyDeleteyun hi vishwas jeete,
yun hi pyaar jeete,
koi rishta naa sade,
koi ang naa tootey.
pyaar bhare dil se likhne wali ke dil ko anant pyaar miley. sundar abhivyakti neelam ji.
shukriya rasjmi ji :)
प्यार और विश्वास में बड़ी ताकत होती है ...
ReplyDeleteयक़ीनन ...
सुन्दर कविता !
waah...
ReplyDeleteanupam abhivyakti...sundar aur sarthak lekhan.. bahut khoob
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteआप सभी का आभार,रश्मि जी अब आपके लिए क्या कहे,आपका वटवृक्ष अपनी सघन छाँव में सभी को सुकून दे इसी कामना के साथ आपकी अपनी ............
ReplyDeleteयकीनन
ReplyDeleteएक संगमरमर को ताजमहल में बदल सकता है
यकीनन !
सुन्दर कविता और सार्थक शिक्षा।
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