कुछ प्रश्न हैं लाचार उत्तर भी लाचार ईश्वर बस देख रहा है - उसकी लीला है अपरम्पार ! रश्मि प्रभा =====================...
भावनाओ के बंजर में भी फूल खिलते है....
सोचो , कुछ कदम बढ़ाओ देखो कितनी हरियाली है कितने लोग पास हैं .... रश्मि प्रभा ============================================...
मैं सोचती रही....
मैं सोचती रही शब्दों की विरासत मिली थी तुम्हें या आत्ममंथन ने की थी रचना शब्दों की जब भी तुम भावनाओं के दीप प्रज्जवलित कर...
अब वक्त नहीं है , थोडा और रुकने का ......
जो थम गए आज भी तो विनाश की आखिरी लहर आने को है ... रश्मि प्रभा =============================================================...
हँसती हुयी औरत दुखी नहीं होती
औरत दुखी होकर भी दुखी नहीं होती उम्मीदों का सूरज उसकी हँसी के पूरब से निकलता है ... रश्मि प्रभा ===========================...
ऐसा क्यो होता है
नियमों के उल्लंघन में एक परिचय छुपा रहता है छोटे छोटे अपराध से ही आरम्भ होता है रश्मि प्रभा ===========================...
डांटता है मकान मालिक !
मैने जिस घर में आश्रय पाया उसे अपना समझ लिया किराया कोई और देता, मजा मैं लेता मैला मैं करता रंग-रोगन कोई और कराता चोट मैं प...
अभिलाषा : शिवकुमार राजौरिया
कहानी आज शिवेक को अपने ऑफिस से बाहर आने में थोड़ी देर हो गई थी | बाहर आकर देखा तो उसके अन्य साथी उसका इंतजार कर रहे थे | बाहर कै...
मनोज अवोध की दो गज़लें
(एक) मिलके चलना बहुत ज़रूरी है अब सँभलना बहुत ज़रूरी है गुत्थियाँ होगईं जटिल कितनी हल निकलना बहुत ज़रूरी है ...
मत पूछ मेरे हौसलों की हदों के बारे में
हौसले ज़िन्दगी का सबब हैं हौसला है तो ही मंजिल है ... रश्मि प्रभा ====================================================== ...