जब ज़िन्दगी गीत गाती है
कहीं कोई अधूरा सवाल नहीं रह जाता
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मेरी बाँवरी आंखो ने एक ख्याब देखा है...!!!
मेरी बाँवरी आंखो ने
एक ख्याब देखा है,
इन अंधेरी राहों पर
दूर कहीं जलता हुआ चिराग देखा है,
आँसमा में खूबसूरत चाँद
चमकते हुये सितारे तो सभी देखते हैं
मेरी बाँवरी आंखो ने
आसमाँ से टूटते हुए तारों के साथ
किसी का टूटता हुआ ख्याब भी देखा है...!
सभी को जिँदगी से शिकवा शिकायते सवाल होते हैं
जिँदगी की आंखो में
मेरी बाँवरी आंखो ने उन सवालो का जवाब देखा है...
मेरी बाँवरी आंखो ने एक ख्याब देखा है.....!!!
सुषमा 'आहुति'
मै भी दरिया हूँ सागर मेरी मंजिल है, मै भी सागर मेँ मिल जाऊँगी, मेरा क्या रह जायेगा...
कल बिखर जाऊँगी हर पल मेँ शबनम की तरह, किरने चुन लेगी मुझे.... जग मुझे खोजता रह जायेगा.....!!!
वाह ....बहुत ही खूबसूरत शब्दों के साथ बेहतरीन प्रस्तुति ।
ReplyDeleteवाह ....बहुत ही खूबसूरत शब्दों के साथ बेहतरीन प्रस्तुति ।
ReplyDeleteवाह क्या बात है ... बहुत सुन्दर !
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर भाव संयोजन्।
ReplyDeleteसीधे-सादे मासूम शब्दों और बेहद ही सकारात्मक सोच के साथ लिखी हुई रचना. साकार खूबसूरती से परे उस बिंदु को देखना और वहीं डूबे सवालों के जवाब के साथ उदय होना विलक्षण है. इस रचना हेतु आपको हार्दिक शुभकामनाएँ सम्मानिया सुषमा जी. रश्मि दी का जितना भी आभार व्यक्त किया जाए कम ही होगा कि वो इतने उम्दा नवोदित रचनाकारों का हौसला अफजाई करती हैं. सच्चे अर्थों में साहित्य की सेवा यही है. दीदी को मेरा हृदय से प्रणाम ! नमन !!
ReplyDeletebahut achchi lagi.....
ReplyDeleteगजल का अहसास करती रचना के लिए बधाई.
ReplyDeleteबावरी आँखों ने वो देखा जो सब नहीं देख पाते ...
ReplyDeleteसुन्दर !
बहुत सुन्दर रचना.
ReplyDeleteबाँवरी आँखें वो सब पढ़ लेती हैं जो समझ से नहीं पढ़ा जा सकता.
आपकी कलम को ढेरों शुभ कामनाएं.
बहुत ही सुन्दर भाव....
ReplyDeleteरशिम दी...जी आपको जितना धन्यवाद करू कम ही होगा आपके लिये सिर्फ इतना ही कह सकती हूँ....
ReplyDelete"यह संकल्प ना पूरा होता,
यदि साहस आप ना बढाती,
सारा हवन अधूरा रहता,
यदि आप सविधा नही जुटाती,
मेरी इस सफलता पर अहम योगदान आपका होगा"..
meri bavari----] kavya shilp anmol hai
ReplyDeleteman ko chhuti kavita sundar lagi .aabhar
The best thing is to 'keep dreaming'
ReplyDeleteसवालों के जवाब खोजती बावरी आंखे
ReplyDeleteवाह!
बहुत खुबसूरत रचना |